क्रिकेटर को पीटने व धमकाने पर सीएयू सचिव महिम वर्मा सहित सात पर मुकदमा, 10 लाख रुपये मांगने का आरोप

क्रिकेटर को पीटने व धमकाने पर सीएयू सचिव महिम वर्मा सहित सात पर मुकदमा, 10 लाख रुपये मांगने का आरोप

क्रिकेटर को पीटने व धमकाने पर सीएयू सचिव महिम वर्मा सहित सात पर मुकदमा

क्रिकेटर को पीटने व धमकाने पर सीएयू सचिव महिम वर्मा सहित सात पर मुकदमा, 10 लाख रुपये मांगने का आरोप

लगातार विवादों रही क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पर बदनुमा दाग लगा है। (FIR against CAU secretary and 7 others for torchering young cricketer) युवा क्रिकेटर को जान से मारने की धमकी, मारपीट और 10 लाख की फिरौती के आरोप में CAU के सचिव महिम वर्मा समेत 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। युवा क्रिकेटर आर्य सेठी के पिता ने पुलिस में CAU के अधिकारियों द्वारा बेटे को प्रताड़ित करने की शिकायत की थी, जिस पर केस दर्ज कर लिया गया है।

दरअसल आर्य सेठी के पिता वीरेंद्र सेठी ने आरोप लगाया कि गत वर्ष राजकोट में विजय हजारे टूर्नामेंट खेलने पहुंचे उत्तराखंड की टीम के खिलाड़ी आर्य सेठी के साथ कोच मनीष झा ने मारपीट की थी। इस बात का जब विरोध जताया गया तो CAU ने मामला वापस लेने का दबाव बनाया। कोच ने आर्य सेठी को कमरे में बुलाया और जान से मारने की धमकी दी। आरोप लगाया गया कि सी ए यू के सचिव ने आर्य सेठी से 10 लाख रुपए की मांग भी की। वीरेंद्र सेठी ने इस मामले में 11 दिसम्बर को पुलिस को शिकायती पत्र सौंपा था।

मामले की छानबीन के बाद डीआईजी जन्मजेय खंडूड़ी के आदेश पर पुलिस ने सीएयू के सचिव माहिम वर्मा समेत सात पदाधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी यानी षडयंत्र करने, जबरन पैसे मांगने, मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में सीएयू के सचिव माहिम वर्मा, मनीष झा, पीयूष रघुवंशी, नवनीत मिश्रा, सत्यम शर्मा, संजय गुसाईं, पारूल के खिलाफ केस दर्ज किया है।

गौरतलब है कि प्रतिभावान आर्य सेठी विजय हजारे और उत्तराखंड की टीम में सदस्य रहा है। उसके पिता रवि सेठी के मुताबिक माहिम ने उसे टीम में खिलाने के बदले में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। न देने पर उसे 29 मैच बाहर बिठाए रखा।

हालांकि प्रकरण के बाद आर्य सेठी को रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल किया गया था। सीएयू की तरफ से कहा गया था कि टीम कोच और आर्य के बीच बात कराई गई है और सभी मतभेदों को दूर कर लिया गया लेकिन रणजी ट्रॉफी के खत्म होने के बाद ये विवाद फिर से सामने आ गया है।