RBI Repo Rate Anouncement| रेपो रेट में पांचवीं बार कोई बदलाव नहीं, MPC बैठक के बाद RBI गवर्नर ने जानकारी दी

RBI का रेपो रेट पर बड़ा फैसला; बैंक से कर्जदार हैं तो ये खबर आपके लिए, MPC बैठक के बाद गवर्नर ने दी ऐसी जानकारी

RBI Repo Rate Anouncement Remain Unchanged Governor Shaktikanta Das

RBI Repo Rate Anouncement Remain Unchanged Governor Shaktikanta Das

RBI Repo Rate Anouncement: भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने कर्जदारों के लिए राहत बरकरार रखी है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार सुबह इस बारे में जानकारी दी। गवर्नर ने बताया कि, चालू वित्त वर्ष 2023-24 की छठी मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में लगातार पांचवीं बार रेपो रेट को न बदलने का फैसला लिया गया है। बैठक में रेपो रेट को न घटाया गया और न ही बढ़ाया गया। इसलिए रेपो रेट 6.50 % के अपने पुराने स्‍तर पर कायम रहेगा। रेपो रेट के साथ-साथ रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो रेट को भी उसके पुराने स्तर 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

वहीं आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति यानि खुदरा महंगाई की दर 5.4% अनुमानित की गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) मुद्रास्फीति चालू वर्ष 2023-24 के लिए 5.4% अनुमानित है, जिसमें तीसरी तिमाही में 5.6% और चौथी तिमाही में 5.2% है। वहीं 2024-25 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2%, दूसरी तिमाही के लिए 4% और तीसरी तिमाही के लिए 4.7% रहने का अनुमान है।

इसके अलावा गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 7% अनुमानित है... जिसमें तीसरी तिमाही में 6.5% और चौथी तिमाही में 6% रहेगी। 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.7%, दूसरी तिमाही के लिए 6.5% और तीसरी तिमाही के लिए 6.4% अनुमानित है।

रेपो रेट न बढ़ने से क्या फायदा हुआ?

आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढाए जाने से बैंक से कर्ज लेने वालों पर सीधा असर पड़ता है। रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाला कार, होम सहित अन्य कर्ज महंगा हो जाता है। कर्ज की EMI ज्यादा ब्याज से चुकानी होती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होता है जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है। उनकी एफडी पर ब्याज बढ़ जाता है।

मई 2022 से 6 बार बढ़ चुका है Repo Rate

आपको बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है। मई 2022 से 6 बार Repo Rate बढ़ चुका है। आखिरी बार फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट में .25 अंक की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की थी। मई 2022 से फरवरी 2023 तक 6 बार रेपो रेट बढ़ने में कुल 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि, आपको यह भी मालूम रहे कि, मई 2022 से पहले कोरोना महामारी के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती भी की थी। साथ ही कई बैठकों में लगातार रेपो रेट को उसी पैमाने पर स्थिर रखा था।

क्या होता है रेपो रेट?

दरअसल, आरबीआई जब बैंकों को कर्ज देता है तो रेपो रेट (RBI Repo Rate) के हिसाब से उस कर्ज पर ब्याज लेता है। वहीं जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है।

रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?

जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट (RBI Reverse Repo Rate) के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।