Punjab police became responsible

Editorial:पंजाब पुलिस बने उत्तरदायी, मान सरकार के प्रयास सराहनीय

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Punjab police became responsible

Punjab police became responsible पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में लगातार जनकल्याणकारी फैसले लेकर जहां राज्य के भविष्य को स्वर्णिम करने में जुटी है, वहीं देश के लिए भी मॉडल पेश कर रही है। किसी भी राज्य में कानून और व्यवस्था का दुरुस्त होना पहली जरूरत होता है और राज्य पुलिस को यह दायित्व निभाना होता है।

पंजाब पुलिस अब नये प्रारूप के साथ आगे बढ़ रही है और मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से लगातार पुलिस को जवाबदेह बनाने की कोशिशों के तहत ऐसा हो रहा है। सरकार जहां भ्रष्टाचार पर नकेल कस रही है, वहीं अब थाना प्रभारियों समेत उनसे ऊपर बैठे अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। राज्य सरकार ने ही बीते दिनों एक ऐसे एसएसपी को बर्खास्त किया था, जिसने नाजायज तरीके से संपत्ति बनाई है, अपितु राज्य में नशाखोरी को भी बढ़ावा दिया है। निश्चित रूप से यह ऐसे पुलिस अधिकारियों के लिए सबक है, जिनके लिए कानून जेब में रखे खिलौने की भांति है, जिससे कभी भी खेला जा सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के यह निर्देश कि अब हाई प्रोफाइल केस के आईओ को लिखित में जांच कब तक पूरी होने की जानकारी देनी होगी, अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 न्याय मांगने की अवधारणा पुलिस थानों से शुरू होती है। कानून की किताबों में लिखा है कि किसी के साथ अपराध घटता है तो वह सबसे पहले पुलिस के पास जाएगा। यहां से पुलिस जांच करेगी और मामले को अदालत में ले जाएगी। हालांकि यह लिखा हुआ इतना ही आसान हो तो फिर संभव है, अपराध घटे ही नहीं। क्योंकि पुलिस ईमानदारी से तुरंत अपना काम करेगी और फिर अदालत अपना तो समाज में यह संदेश जाएगा कि अब अपराध करके बचा नहीं जा सकता। हालांकि पुलिस ही सबसे बड़ी कमजोर कड़ी साबित होती है, जोकि केस दर्ज करने में महीनों या फिर साल लगा सकती है। ऐसा सिर्फ जांच के नाम पर होगा।

इस बीच रिश्वत मांगी जाएगी, केस दर्ज करने के नाम पर भी और केस दर्ज न कर करने के नाम पर भी। पुलिस के यह कारनामे अपराधियों के हौसले बढ़ाते हैं, और न्याय मांगना ही अपराध हो जाता है। निश्चित रूप से पंजाब में आईओ के द्वारा जांच को टाइम बाउंड करने से अपराधियों को तय समय में सजा दिलवाना सुनिश्चित हो सकेगा। हालांकि राज्य सरकार को चाहिए कि यह व्यवस्था केवल हाई प्रोफाइल केस तक ही न रहे, अपितु सभी मामलों में इसे लागू किया जाए। जाहिर है, हाई प्रोफाइल मामले पर सभी की निगाह होती है और उसमें पुलिस पर दबाव बना ही रहेगा, लेकिन किसी गांव-देहात, कस्बे में किसी मामूली आदमी के साथ अपराध घटता है तो उसकी निगरानी कौन करेगा।

अपराधी अपने बाहुबल, पैसे से पीड़ित को और परेशान करेगा और पुलिस के जांच अधिकारी हाथ पर हाथ धरे महज देखते ही रहेंगे। आम आदमी पार्टी जिसके नाम में ही आम आदमी है, सरकार से यही अनुरोध कर रहा है कि उसके संबंध में ज्यादा से ज्यादा सोचा जाए और उसकी बेहतरी के लिए काम हो। निश्चित रूप से रोजगार समेत तमाम दूसरी जरूरतें आम आदमी की दरकार है, लेकिन कानून-व्यवस्था और न्याय भी उसकी प्राथमिकता है। पंजाब में पुलिस प्रणाली पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगते आए हैं और अनेक मामलों के उजागर होने के बाद इनमें कोई दो राय नहीं रह जाती कि ऐसा नहीं होता है। पंजाब में पुलिस से न्याय मांगना ऐसी सिरदर्दी मोल लेना है, जोकि पूरी जिंदगी का दर्द बन सकती है, वैसे देशभर में पुलिस पर ऐसे आरोप हैं। हालांकि पंजाब में बड़े बदलाव की चाह इसलिए रखी जा रही है, क्योंकि आप सरकार ने खुद को दूसरे दलों से अलग पेश करते हुए ऐसी व्यवस्था निर्मित करने का वादा किया है, जोकि सर्वश्रेष्ठ होगी और जिसमें सर्वकल्याण सुनिश्चित होगा।

जाहिर है, पुलिस और दूसरे तमाम विभाग वही रहेंगे, लेकिन आप सरकार के प्रयास जोकि वह अपने पांच साल के अंदर लागू करेगी, सफल होते हैं तो राज्य की छवि और यहां की जीवन प्रणाली को बदल देंगे। इस बार पंजाब की जनता ने अद्भुत राजनीतिक सोच का परिचय दिया था, जिसमें उसने बदलाव के रूप में आम आदमी पार्टी को चुना। यानी वह राज्य में आप को बदलाव का वाहक बनाना चाहती है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान इस बदलाव को लाने के लिए भगीरथ प्रयास कर भी रहे हैं, जोकि सराहनीय है। उनके द्वारा विभागों के मुखियों को भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की फाइल को तुरंत क्लीयर करने के आदेश हों या फिर आय से अधिक संपत्ति के मामलों में विशेष टीम गठित करने के निर्देश भी इसी दिशा में स्वागत योग्य हैं। मुख्यमंत्री मान को चाहिए कि पंजाब पुलिस को और ज्यादा उत्तरदायी और पहुंच वाली बनाएं, थानों में जाते हुए आम आदमी को डर नहीं लगना चाहिए।  

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