हरियाणा में भ्रष्ट अफसरों को गिरफ्तार करने के लिए अनुमति जरूरी नहीं

हरियाणा में भ्रष्ट अफसरों को गिरफ्तार करने के लिए अनुमति जरूरी नहीं

हरियाणा में भ्रष्ट अफसरों को गिरफ्तार करने के लिए अनुमति जरूरी नहीं

हरियाणा में भ्रष्ट अफसरों को गिरफ्तार करने के लिए अनुमति जरूरी नहीं

मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों को जारी की हिदायतें 

चंडीगढ़, 25 अप्रैल। हरियाणा सरकार ने विभिन्न विभागों व बोर्ड-निगमों के दागी अधिकारियों की कुंडली तैयार करनी शुरू कर दी है। भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों पर पैनी नजऱ रहेगी। रिश्वतखोर अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी के लिए सरकार और सक्षम अधिकारियों की परमिशन की भी अब जरूर नहीं है। इसके लिए सरकार पहले ही नियमों में बदलाव करके नई धारा जोड़ चुकी है।
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों पर घात लगाने की नीति को लेकर सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सभी मंडलायुक्तों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, डीसी, एसडीएम तथा सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को पत्र जारी किया है। 
यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम-1988 में वर्ष 2018 में संशोधन करके उसमें धारा-17ए जोड़ी है। नये नियम-17ए के लागू होने के बाद अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अनावश्यक लाभ लेने अथवा स्वीकार करने का प्रयास करने पर मौके पर गिरफ्तार करने के लिए सरकार या सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है। इस बारे में सरकार की ओर से 7 जनवरी, 2022 को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किए जा चुके हैं। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को कहा है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद मौके पर गिरफ्तारी के लिए अब किसी परमिशन की जरूरत नहीं है।