गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य पर पाठ व लंगर का आयोजन

गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य पर पाठ व लंगर का आयोजन

गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य पर पाठ व लंगर का आयोजन

गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य पर पाठ व लंगर का आयोजन

गुरु जी ने अपने सानिध्य में आने वाले हजारों लोगों का किया मार्गदर्शन- श्री आनंद मुनि

यमुनानगर, 24 जुलाई (आर. के. जैन): जैन स्थानक मॉडल टाऊन के सभागार में चातुर्मास के लिये प्रधारे प्रवर्तक महाश्रमण प्रज्ञा पुरुषोत्तम श्री आनंद मुनि जी महाराज एवं प्रवचन दिवाकर श्री दिपेश मुनि जी महाराज के सानिध्य में प्रात: स्मरणीय आचार्य गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य स्मृति दिवस के उपलक्ष में नमोत्थुणं का पाठ (णमो जिणाणं जिए भयाणं) के महा कल्याणकारी, महा मंगलकारी, महा प्रभावी पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानक प्रधान राकेश जैन ने की तथा संचालन संदीप जैन ने किया। श्री आनंद मुनि जी महाराज ने प्रात: स्मरणीय आचार्य श्री मंगल सेन जी महाराज का जीवन परिचय रखते हुए कहा कि गुरुदेव का जन्म परसरामपुर शेखावाटी जिला सीकर में हुआ था। संतों का पदार्पण होने पर उन्हें वैराग्य की धारा मिली, कालान्तर में उन्होंने उत्तर प्रदेश के कांधला कस्बे में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण कर अपना और अपने सानिध्य में आने वाले हजारों हजार लोगों का मार्गदर्शन कर जीवन प्रशस्त एवं धन्य किया।

गुरुदेव मंगल सैन जी महाराज की 102 वीं पुण्य पर पाठ व लंगर का आयोजन

और अपने जीवन का अंत जानकर उत्तर प्रदेश के बागपत जनपद में बड़ोत शहर में अपनी पुण्य स्थली का चुनाव किया और श्रावण शुक्ला एकादशी के दिन आचार्य गुरुदेव का स्वर्ग गमन आठ दिवसीय सल्लेखना संथारे सहित स्वर्ग गमन हुआ। उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आचार्य गुरुदेव का जीवन बड़ा साधना परक संयम परक और तपमय था। उनकी अनेक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए उनकी तिलिस्मी घटनाओं को रखा। दिपेश मुनि जी ने सभा को संबोधित करते हुये बताया कि आचार्य गुरु देव मंगल सैन जी महाराज विश्व प्रसिद्ध संत रहे है और हम सबको उनसे प्रेरणा लेकर उनके बताए हुये मार्ग पर चल कर उसका पालन करना चाहिये और उनके संदेशों को अपने जीवन में चरितार्थ करके आने जीवन को धन्य बनाना चाहिये। राकेश जैन ने बताया कि मंगल पाठ के साथ साथ एक विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया जिसमें लगभग 1200 लोगों ने लंगर प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने बताया कि पाठ व जाप करने से अशुभ कार्मों की निर्जरा होती है और दुष कर्मों का क्षय होता है। संदीप जैन ने बताया कि प्रवचन के उपरांत गौतम प्रसादी लाभर्थी पंकज जैन सढ़ोरा वाले रहे और समय से आने वालों के लिये लक्की ड्रा भी रखा गया, जिसके विजेताओं को सम्मानित किया गया।