“मेडिएशन फॉर द नेशन” विशेष राष्ट्रीय अभियान – जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद द्वारा मध्यस्थता को बढ़ावा

“मेडिएशन फॉर द नेशन” विशेष राष्ट्रीय अभियान – जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद द्वारा मध्यस्थता को बढ़ावा

Mediation for the Nation

Mediation for the Nation

फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ। Mediation for the Nation: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण  के निर्देशानुसार, पूरे देश में “मेडिएशन फॉर द नेशन” नामक विशेष राष्ट्रीय अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विवादों का समाधान मध्यस्थता (Mediation) के माध्यम से करने की जन-जागरूकता बढ़ाना है। यह अभियान 1 जुलाई 2025 से आरम्भ हुआ है और 90 दिनों तक, अर्थात 30 सितम्बर 2025 तक चलेगा।
इस अभियान के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), फरीदाबाद द्वारा जिले में विभिन्न गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य जनता को मध्यस्थता के लाभ, प्रक्रिया और महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देना है।

सुश्री रितु यादव, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद ने जानकारी देते हुए कहा कि मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, ताकि अभियान का अधिक से अधिक लोगों तक प्रसार हो सके।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोग अपने विवादों का निपटारा आपसी समझ, संवाद और सहयोग से करें। इससे न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि न्यायालयों पर पड़े मामलों का बोझ भी कम होता है और दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहते हैं।

मध्यस्थता के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

1. समय की बचत – मामले जल्दी निपट जाते हैं, वर्षों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
2. धन की बचत – लम्बी कानूनी कार्यवाही का खर्च बचता है।
3. कोर्ट का बोझ कम होना – लंबित मामलों की संख्या घटती है।
4. संबंधों का संरक्षण – विवाद के बाद भी आपसी रिश्ते बनाए रखे जा सकते हैं।
5. विन-विन स्थिति – दोनों पक्ष अपनी सहमति से समाधान पाते हैं, जिससे कोई भी पक्ष हारा हुआ महसूस नहीं करता।
6. अंतिम समाधान – मध्यस्थता से हुआ समझौता होने पर  उसके बाद कोर्ट द्वारा आदेश पारित होने पर यह फैसला अंतिम होता है और इस पर सुप्रीम कोर्ट तक अपील नहीं की जा सकती।

सुश्री यादव ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की कि जिनके मामले कोर्ट में लंबित हैं, वे उन्हें मध्यस्थता के माध्यम से निपटाएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति का मामला कोर्ट में लंबित नहीं है, लेकिन उसका किसी व्यक्ति, संस्था या सरकारी निकाय से विवाद या शिकायत है, तो वह प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता के लिए आवेदन दे सकता है। ऐसे मामले न्यायालय में मुकदमा दर्ज होने से पहले ही सुलझाए जा सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि मध्यस्थता के माध्यम से निम्न प्रकार के मामले आसानी से हल किए जा सकते हैं:
पारिवारिक विवाद (पति-पत्नी के झगड़े, तलाक, भरण-पोषण आदि)
संपत्ति से जुड़े विवाद (विभाजन, कब्जा, सीमा विवाद)

वाणिज्यिक अनुबंध से संबंधित विवाद
उपभोक्ता शिकायतें (सामान या सेवा से जुड़ी समस्याएं)
अन्य नागरिक विवाद, जिनका समाधान आपसी सहमति से संभव है
अंत में, उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद मध्यस्थता को एक तेज, सुलभ, किफायती और संबंधों को सुरक्षित रखने वाला विवाद समाधान का माध्यम बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और यह पहल NALSA की सोच और लक्ष्य के अनुरूप है।