सरकार का बिना गलती किए तंग करना उचित नहीं : सज्जला

सरकार का बिना गलती किए तंग करना उचित नहीं : सज्जला

सरकार का बिना गलती किए तंग करना उचित नहीं : सज्जला

सरकार का बिना गलती किए तंग करना उचित नहीं : सज्जला

 (अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

विजयवाड़ा  :: ( आंध्रा ) शहर के पुलिस आयुक्त  श्रीकांति राणाटाटा  ने कहा था कि कर्मचारियों के ‘चलो विजयवाड़ा’ के लिए कोई अनुमति नहीं दी थी।

कर्मचारी संघ ने अपनी एकता और आगामी 7 फरवरी से अपनी अनिश्चित .कालीन हड़ताल से पहले शक्ति प्रदर्शन करते हुए, आंध्र प्रदेश के सरकारी कर्मचारी और शिक्षक गुरुवार को विजयवाड़ा में एकत्र हुए, पुलिस प्रतिबंध और प्रतिबंधों को धता बताते हुए कर्मचारी एकत्रित हुए और अपनी सभाएं किया

पुलिस, जिसने कोविड -19 स्थिति को देखते हुए विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था  वा  चौकियों की स्थापना की थी, शहर में  सभी पाबंदियों को तोड़ते हुए कर्मचारी, शिक्षक, पेंशनभोगी और यहां तक ​​कि संविदा कर्मचारी भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।

पुलिस द्वारा किए गए चेकपोस्ट, बैरिकेड्स और अन्य उपायों के बावजूद, सभी दिशाओं से प्रदर्शनकारियों का हुजूम उमड़ पड़ा। कई लोग कार, तिपहिया और यहां तक ​​कि दोपहिया वाहनों से भी इसमें शामिल होने पहुंचे, जिसे सरकारी कर्मचारियों द्वारा कई वर्षों में सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया गया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 200 से अधिक की भीड़ वाले किसी भी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. आयुक्त ने कहा कि चूंकि 5,000 से अधिक कर्मचारियों के ‘चलो विजयवाड़ा’ में भाग लेने की संभावना है, इसके लिए अनुमति नहीं दी गई थी।

इस बीच, गृह मंत्री एम. सुचरिता ने इस बात से इनकार किया कि कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया या रोका गया। उन्होंने कहा कि बातचीत से ही मसले का हल निकाला जा सकता है।

 कर्मचारी अपनी मांग को सभा में दोहराया कर्मचारियों की मांग है पहले नया पीआरसी की मांग किया फिर बाद में कि पुन्ह में पुराने पीआरसी अमल करने की फिर मांग कर रहे हैं  उन्हें नए पीआरसी में कम वेतनमान की वकालत की जबकि कम वेतनमान का कोई ऐसा हमने नहीं किया कहकर सरकार कह रही है और हाईकोर्ट ने भी कहा आपके वेतनमान में कहीं कमी का कोई गुंजाइश नहीं है और उसके बावजूद कर्मचारियों ने जबरन एक सभा को आयोजन करके अपना बल प्रदर्शन दिखाया लेकिन सरकार ने कहा हम आप के वेतन में कोई कटौती नहीं किए हैं अगर कटौती करने की आप दिखा देते हैं तो हम आपकी समस्या का निदान करते हैं कहा लेकिन कर्मचारियों ने अभी तक उस वेतनमान में कमी को कहीं दिखा नहीं पाया 

वही कुछ राजनीतिक दलों ने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर में कहा की कुछ एक दो साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों द्वारा अनेक राजनीतिक दलों के साथ सांठगांठ होने की वजह से इस तरह की हरकत कर रहे हैं यह गलत है राज्य की आर्थिक स्थिति को और को व्हाट्सएप रहा वित्त राज्य को साथ देने के बजाय इस तरह से सरकार को तंग करना कदापि उचित नहीं है कहा जो भी कर्मचारी हैं यह लाखों रुपए वेतन ले रहे हैं उसके बावजूद इस तरह का हरकत नहीं करना चाहिए कह के कई राजनीतिक दलों ने एकमुश्त से कहा ।