हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी, मुआवजे की राशि में भारी बढ़ोतरी
HP Cabinet Decisions
शिमला। HP Cabinet Decisions: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए विशेष राहत पैकेज को मंजूरी दी गई। इस पैकेज के अंतर्गत मकान, दुकान, गौशाला, पशुधन, फसल, भूमि और अन्य नुकसानों के लिए दी जाने वाली सहायता राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है।
कैबिनेट के निर्णय के अनुसार, अब पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान पर दी जाने वाली सहायता राशि को ₹1.30 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दिया गया है। वहीं आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान पर अब ₹12,500 की जगह ₹1 लाख की राहत दी जाएगी। इसी तरह, क्षतिग्रस्त दुकानों और ढाबों पर भी अब ₹1 लाख की सहायता दी जाएगी, जबकि पहले यह राशि मात्र ₹10,000 थी।
गौशाला के क्षतिग्रस्त होने पर मिलने वाली राहत राशि को ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000 किया गया है। किरायेदारों को सामान की हानि पर ₹50,000 और मकान मालिक को ₹70,000 की सहायता प्रदान की जाएगी। बड़े दुधारू पशुओं की मृत्यु पर अब ₹37,500 के बजाय ₹55,000 प्रति पशु की दर से मुआवजा दिया जाएगा। बकरी, भेड़, सूअर और मेमनों के नुकसान पर मिलने वाली राशि को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति पशु कर दिया गया है।
पॉलीहाउस के पूर्ण विनाश की स्थिति में ₹25,000 और मकानों से गाद हटाने के लिए ₹50,000 की सहायता दी जाएगी। कृषि और बागवानी भूमि के नुकसान पर दी जाने वाली मुआवजा राशि ₹3,900 प्रति बीघा से बढ़ाकर ₹10,000 प्रति बीघा कर दी गई है। गाद हटाने के लिए दी जाने वाली सहायता भी ₹1,500 से बढ़ाकर ₹6,000 प्रति बीघा की गई है। वहीं फसल नुकसान पर अब ₹500 के बजाय ₹3,000 प्रति बीघा की दर से मुआवजा दिया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने आपदा के कारण हुई जनहानि पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई। साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, राज्य पुलिस, होम गार्ड्स और स्वयंसेवी संस्थाओं सहित सभी एजेंसियों का राहत और पुनर्वास कार्यों में दिए गए योगदान के लिए आभार प्रकट किया गया। बैठक में आपदा की स्थिति और सरकार की तैयारियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।
कैबिनेट ने मंडी जिले के सराज क्षेत्र में राजस्व मंत्री के साथ कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई अभद्रता और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की घटना की कड़ी निंदा की। साथ ही जनता से प्रदेश आपदा राहत कोष में खुले मन से योगदान देने की अपील की, ताकि अधिक से अधिक प्रभावित परिवारों की मदद की जा सके।
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बैठक में ‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना’ को भी स्वीकृति दी गई। इस योजना के तहत राज्य में समुदाय आधारित दृष्टिकोण से वनों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। पांच वर्षों में ₹100 करोड़ की लागत से लागू होने वाली इस योजना में महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को वनीकरण गतिविधियों में शामिल किया जाएगा। प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर ₹1.20 लाख की सहायता दी जाएगी। पौधों की जीवित रहने की दर के आधार पर उतनी ही राशि प्रोत्साहन के रूप में भी दी जाएगी।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम, 2015 में आवश्यक संशोधनों को भी मंजूरी दी, ताकि चुनाव प्रक्रिया में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को दूर किया जा सके। अब चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना उपायुक्त के बजाय राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाएगी। नियमों में संशोधन कर यह भी प्रावधान जोड़ा गया है कि चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद मतदाता सूची में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी कई निर्णय लिए गए। हमीरपुर जिले के धनेटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत किया गया। इसके अलावा आईजीएमसी शिमला के रेडियोथेरेपी विभाग के अंतर्गत पैन एंड पैलिएटिव केयर सेल में विभिन्न श्रेणियों के आठ पद सृजित कर उन्हें भरने की स्वीकृति प्रदान की गई।
इसी बैठक में बीएससी लेबोरेटरी टेक्नीशियन, रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग और एनेस्थीसिया एंड ऑपरेशन थिएटर कोर्स में सीटें बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में इन कोर्सों में सीटें 10 से बढ़ाकर 50 और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में 18 से बढ़ाकर 50 की गईं।
बैठक में रोहड़ू तहसील के मेंहदली में दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए हिमाचल प्रदेश मिल्कफैड को भूमि आवंटित करने को स्वीकृति दी गई।
वाहनों की स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, मंत्रिमंडल ने बीएस-III और बीएस-IV मानकों वाले वाहनों को स्क्रैप करने पर मालिकों को मोटर वाहन कर में 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया।
पुलिस ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी कई अहम फैसले लिए गए। शिमला जिले में पुलिस थाना सुन्नी के तहत खैरा में नई पुलिस चौकी खोलने और चंबा जिले की हतली पुलिस चौकी का कार्य क्षेत्र चुवाड़ी से हटाकर सिहुंता पुलिस थाना के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया गया।
इसके अलावा मंडी जिले में रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र और नेरचौक योजना क्षेत्र के पुनर्गठन, कांगड़ा जिले के जवाली को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने और शिमला जिले के सुन्नी क्षेत्र को नगर पंचायत में पुनवर्गीकृत करने की स्वीकृति दी गई।
मंत्रिमंडल ने जिला सोलन की नई उप-तहसील लौहारघाट का कार्यक्षेत्र उपमंडल अर्की से हटाकर नालागढ़ उपमंडल में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया।
बैठक में राज्य सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर 15 कैदियों की समय से पूर्व रिहाई को मंजूरी दी गई। यह निर्णय प्रदेश में पहली बार लिया गया है और इनकी रिहाई उनके भविष्य के आचरण के आधार पर निर्भर करेगी।