कन्या भ्रूण हत्या एक घृणित और निंदनीय कार्य: सरपंच सुनील कुमार

Female Foeticide is a Disgusting and Condemnable Act
दूधौला पी एच सी कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ चलाया जागरूकता अभियान
दूधौला पीएचसी में आशाओं की ओर से कार्यक्रम का आयोजन
पलवल। दयाराम वशिष्ठ : Female Foeticide is a Disgusting and Condemnable Act: दूधौला पीएचसी के प्रांगण में गुरुवार को आशा वर्कर्स यूनियन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया गया।
मंच का सफल संचालन रामरति चौहान ने किया। अध्यक्षता जिला प्रधान जगवती डागर ने की। गांव के सरपंच सुनील कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक घृणित और निंदनीय कार्य है, जो न केवल एक बेटी के जीवन को समाप्त करता है, बल्कि समाज में लिंग अनुपात को भी प्रभावित करता है। यह एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान करने के लिए हमें जागरूकता फैलाने और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताने की आवश्यकता है।
इस मौके पर राज्य की प्रधान सुनीता, राज्य की उप प्रधान प्रवेश सुधा के अलावा पीएचसी दूधौला की मेडिकल ऑफिसर इंचार्डॉज डॉक्टर प्रीति, डॉक्टर विहान समेत कई डॉक्टरों के अलावा समस्त आशा व मेडिकल स्टाफ मौजूद रहा।
मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉक्टर प्रीति ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर बेहद गंभीर है। आशा वर्कर्स यूनियन द्वारा आयोजित इस अभियान का उद्देश्य लोगों को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूक करना और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताना था। डॉक्टर रवि विहान ने कहा कि आशा वर्कर्स समाज में स्वास्थ्य और जागरूकता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इस अभियान में आशा वर्कर्स ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने और लोगों को इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताने का प्रयास किया। कार्यक्रम के दौरान डॉक्टरों ने कन्या भ्रूण हत्या के दुष्प्रभाव व इसके समाधान भी बताए।
कन्या भ्रूण हत्या के दुष्प्रभाव
- लिंग अनुपात में असंतुलन
महिलाओं के प्रति भेदभाव में वृद्धि
समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए खतरा
समाधान
- जागरूकता फैलाना और शिक्षा प्रदान करना
लिंग परीक्षण पर रोक लगाना और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताना
महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करना
आइए हम सभी मिलकर कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ आवाज उठाएं और बेटियों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा करें।