पँचायत जनप्रतिनिधियों की हत्या को रोकने के लिए सरकार बनाये कानून : मंत्री नीरज सिंह "बबलू"

पँचायत जनप्रतिनिधियों की हत्या को रोकने के लिए सरकार बनाये कानून : मंत्री नीरज सिंह "बबलू"

पँचायत जनप्रतिनिधियों की हत्या को रोकने के लिए सरकार बनाये कानून : मंत्री नीरज सिंह

पँचायत जनप्रतिनिधियों की हत्या को रोकने के लिए सरकार बनाये कानून : मंत्री नीरज सिंह "बबलू"

मुकेश कुमार सिंह

पटना (बिहार) : बिहार में इनदिनों अपराधियों की सरकार चल रही है। लगातार सुशासन की बात करने वाले बिहार के सीएम नीतीश कुमार के कार्यक्रम के दौरान, जहाँ एक युवक ने सीएम को थप्पड़ जड़ दिया, वहीं एक युवक ने पाँव छूने के बहाने पटाखा चला दिया जिससे बड़ी भगदड़ मच गई। राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से लचर और चरमरा सी गयी है। जाहिर तौर पर आम लोगों के साथ-साथ पंचायती राज जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है। इस साल हुए पंचायती राज के तहत मुखिया से लेकर कई तरह के पंचायत जनप्रतिनिधियों के चुनाव हुए थे। चुनाव परिणाम के बाद, अभी तक 9 मुखिया सहित कुछ और जनप्रतिनिधियों की हत्या हो चुकी है। मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की जान सुरक्षित करने के लिए पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जनप्रतिनिधियों ने हथियार का लाईसेंस दिए जाने का लिखित आडेज़ह जारी किया है।  लेकिन इससे ईतर बिहार सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु नियंत्रण मंत्री नीरज कुमार सिंह "बबलू" ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों की हत्या, हथियार के लाईसेंस देने से कभी भी नहीं रुक सकती है। श्री बबलू के मुताबिक, सभी जनप्रतिनिधि हथियार का लाईसेंस तो ले लेंगे लेकिन उनके पास हथियार खरीदने के लिए पैसे ही नहीं होंगे। कोसी इलाके के बाहुबली कहे जाने वाले राज्य सरकार काबीना मंत्री नीरज कुमार सिंह "बबलू" ने बड़ा बयान दिया है। मंत्री ने कहा है कि वे यह आवाज सदन में उठाएंगे की किसी भी स्तर के पँचायत प्रतिनिधि की अगर हत्या होती है, तो उनकी जगह उनके परिवार के सदस्य को ही उस पद के लिए पूर्णकालिक प्रतिनिधि बनाया जाए। मंत्री श्री बबलू की मानें, तो इस पहल से और इस पर उनकी सोच के मुताबिक कानून बनाने से किसी भी जनप्रतिनिधि की हत्या नहीं होगी। अक्सर ऐसी हत्याएँ चुनावी रंजिश और फिर से मतदान कराने की मंशा से होती है। गौरतलब है कि पाँच बार विधायक बनने के बाद मंत्री पद पर काबिज होने वाले नीरज कुमार सिंह "बबलू"  8 अप्रैल को सहरसा के खजूरी पँचायत के मुखिया रंजीत कुमार साह की अपराधियों के द्वारा गोली मार कर हत्या किए जाने से बेहद दुःखी थे। उन्होंने बेहद साफ लहजे में कहा है कि वे इसको लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी से मिल कर वे अपनी राय रखते हुए, कानून बनाने की मांग करेंगे। इस बार अभी तक 9 मुखिया की हत्या हो चुकी है। मंत्री श्री बबलू ने कहा कि पंचायत जनप्रतिनिधियों के नामांकन के समय ही नॉमिनी का नाम भर दिया जाना चाहिए। उन्होंने बेहद साफ लहजे में कहा कि इस तरह के कानून बनने से पँचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा सम्भव है। अधिकतर हत्याएँ चुनावी रंजिश और फिर से चुनाव कराने की गरज से की जाती हैं। जब हत्या के बाद, जनप्रतिनिधि के घर के लोग ही उस पद को संभालते हुए, कार्यकाल को पूरा करेंगे, तो फिर हत्या होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। अगर सरकार यह कानून बनाती है, तो बिहार पहला ऐसा राज्य होगा, जो इस तरह का कानून बनाएगा और देश के लिए यह नजीर बनेगा। मंत्री के इस बयान के बाद सियासी गलियारे में तरह-तरह के प्रलाप शुरू हो गए हैं। आगे यह देखना बेहद जरूरी है कि सरकार मंत्री की इस राय पर, कौन सा कदम उठाती है।