Gardeners met Jai Ram Thakur, see what they requested before Modi's visit

जयराम ठाकुर से मिले बागवान, देखें मोदी के दौरे से पहले क्या लगाई गुहार

Gardeners met Jai Ram Thakur, see what they requested before Modi's visit

Gardeners met Jai Ram Thakur, see what they requested before Modi's visit

शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिमला दौरे से पहले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। इसे लेकर आज बागवानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला। इन्होंने पीएम मोदी से सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का अपना वादा पूरा करने का आग्रह किया है। बागवानों ने सभी देशों के लिए इसे 100 फीसदी करने की मांग रखी है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान सुजानपुर रैली में सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद सोलन के पुलिस ग्राउंड में हुई रैली में उस वक्त के बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आयात शुल्क बढ़ाने की बात कहीं थी लेकिन यह मांग 8 साल बाद भी पूरी नहीं की गई।

सेब पर आयात शुल्क नहीं बढऩे के हिमाचल के 4500 करोड़ रुपए के सेब उद्योग पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इसी तरह 13000 करोड़ रुपए के जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड की एपल इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी आयातित सेब से चिंतित है क्योंकि भारत के बाजारों में इन दिनों 44 देशों से सेब आयात हो रहा है। वर्तमान में स््र पर 75 फीसदी और अन्य देशों पर 50 फीसदी आयात शुल्क लिया जा रहा है। कुछ देशों से बिना शुल्क के भी सेब भारत लाया जा रहा है।

दरअसल चीन, अमेरिका, न्यूजीलैंड जैसे देश 60 से 75 मीट्रिक टन सेब प्रति हेक्टेयर पैदा कर रहे है, जबकि हिमाचल में अभी सात से आठ मीट्रिक टन की पैदावार हो रही है। प्रदेश में सेब पर उत्पादन लागत 26 रुपए प्रति किलो से अधिक हो गई है, जबकि चीन अधिक उत्पादन के कारण 26 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सेब मुंबई बंदरगाह पर पहुंचाने को तैयार है।

इससे विदेशों के सस्ते सेब के कारण हिमाचल के बागवानों को लागत भी नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि प्रदेश के बागवान एक दशक से सेब पर आयात शुल्क 150 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन यह मांग चुनाव में तो खूब उठाई जाती रही है। सत्ता हासिल होने पर सभी दल इस मुद्दे पर अपना मुंह सिल देते हैं।

फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि बागवानों ने ष्टरू से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपना वादा निभाने का आग्रह किया है। यदि आयात शुल्क नहीं बढ़ाया गया तो राज्य में सेब की पैदावार करने वाले करीब तीन लाख परिवारों की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा।