श्रीलंका में इमरजेंसी, पीएम हाऊस पर कब्जा, रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति

kolambo

कोलंबो। श्रीलंका जहां आर्थिक संकट से बुरी तरह जूझ रहा है,वहीं पर इमरजेंसी लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है। जबकि रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति लगाया गया है। ताजा मिले समाचारों के अनुसार,  कोलंबो में प्रधानमंत्री आवास के बाहर इक_ा हजारों प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आवास के बाहर गोली चलने की आवाजें सुनी गई हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग की है। 
 

इधर स्पीकर ने जानकारी दी है कि देश में अगले राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा। वहीं, सियासी और आर्थिक संकट का सबसे ज्यादा असर चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ता नजर आ रहा है। नौबत यहां तक आ गई है कि डॉक्टर मरीजों को बीमार नहीं होने की सलाह दे रहे हैं। देश में जरूरी दवाओं और अन्य आपूर्ति खासी प्रभावित हुई है।

बुनियादी चीजों के भुगतान के लिए पैसों की कमी
श्रीलंका ईंधन और भोजन जैसी बुनियादी चीजों के भुगतान के लिए भी पैसों की कमी से जूझ रहा है। इसी बीच दवाओं की कमी की भी खबरें हैं। कुछ डॉक्टर और डोनेशन और फंड जुटाने के लिए सोशल मीडिया का रुख कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने देश से बाहर रह रहे श्रीलंका के लोगों से मदद की गुहार लगाई है।


एयरफोर्स ने गोटबाया को एयरक्राफ्ट दिया
श्रीलंकाई एयरफोर्स मीडिया डायरेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, फस्र्ट लेडी और दो बॉडीगार्ड्स को मालदीव जाने के लिए रक्षा मंत्रालय से इमीग्रेशन, कस्टम और बाकी कानूनों को लेकर पूरी अनुमति दी गई थी। 13 जुलाई की सुबह उन्हें एयरफोर्स का एक एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराया गया था।

राष्ट्रपति के भाई भी भागना चाहते हैं देश से 
राष्ट्रपति  के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को देश छोडक़र भागने की फिराक में थे, लेकिन एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन स्टॉफ के विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। देश में जहां एक तरफ जनता दाने-दाने के लिए तरस रही है, वहीं बासिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे।