कलेक्टर की एक डांट ने बदल दी 7 लोगों की जिंदगी, खुद तो छोड़ा ही पान- मसाला, अन्य 6 को भी छुड़वाया

Scolding from the Collector changed the Lives of 7 People
Scolding from the Collector changed the Lives of 7 People: कहते हैं कि जीवन में समझाने से कई बार लोग अपनी बुरी आदतें छोड़ देते है लेकिन जब समझाने से कोई फर्क नहीं पड़ता तो डांटना भी पड़ता है. कानपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां एक डांट ने 7 परिवारों की जिंदगी बदल दी. घर के मुखिया को पान मसाला की आदत थी जिससे पूरा परिवार परेशान था लेकिन एक डांट ने उनकी जिंदगी बदल दी. वहीं शख्स ने अपने 6 साथियों की भी पान मसाला की आदत को छुड़वा दिया.
कानपुर में ई-रिक्शा नियमितीकरण के लिए बैठक चल रही थी. उस बैठक में ई-रिक्शा वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार भी आए हुए थे. विनोद कुमार ने अपनी एक निजी समस्या डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सामने रखी. डीएम ने समस्या तो सुन ली लेकिन उस दौरान विनोद के पान मसाला खाने की बात से वो गंभीर हो गए. जिलाधिकारी ने समस्या सुनने के बाद तेज आवाज में कहा ‘पहले पान मसाला छोड़िए, फिर बात होगी.’ यह एक वाक्य विनोद कुमार के जीवन की दिशा तय करने वाला बन गया और उसी दिन से उन्होंने पान मसाला खाना छोड़ दिया.
परिवार के लोगों ने जाहिर की खुशी
विनोद कुमार ने बताया कि उन्होंने न केवल स्वयं यह लत छोड़ी, बल्कि अपने आसपास के छह अन्य ई-रिक्शा चालकों को भी इसके दुष्परिणाम समझाकर उन्हें भी छुड़वा दिया. उन्होंने बताया कि इस परिवर्तन से उनकी बेटी बहुत खुश है और घर में अब पहले से कहीं अधिक अच्छा माहौल हैं. उनके घर वाले कई वर्षों से उनसे कह रहे थे कि पान मसाला छोड़ दो लेकिन यह लत छूट नहीं रही थी. अब उनके साथ 6 अन्य परिवारवाले बेहद खुश हैं. परिवारके मुखिया ने पान मसाला की लत को छोड़ दिया है.
डीएम ने कही ये बात
पान मसाला की लत छोड़ने की जानकारी देने खुद विनोद कुमार कानपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे. डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने विनोद कुमार के संकल्प की सराहना करते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति खुद को बदलता है, तो उसका असर केवल उस व्यक्ति तक ही सीमित नहीं रहता. बल्कि वह समाज को भी दिशा देता है. इच्छाशक्ति से किसी भी बुरी आदत से छुटकारा पाया जा सकता है.