चंडीगढ़ पुलिस ने 24 लाख से ज्यादा की फेक करेंसी पकड़ी; 3 गिरफ्तार, 1 लाख के असली कैश पर 2 लाख नकली कैश देते, खुद 3 लाख लेते

Chandigarh Police Caught Fake Currency Worth More Than 24 lakh With 3 Arrest

Chandigarh Police Caught Fake Currency Worth More Than 24 lakh With 3 Arrest

Fake Indian Currency: कई बार असली जैसे दिखने वाले 100-500 के नकली नोट हमारे पास आ जाते हैं। ऐसे नकली नोट बाजार में लाने वाले अब 3 शातिरों को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों में एक की पहचान मंडी (हिमाचल) के गौरव कुमार उर्फ ​​रंजीत (34 साल), संगरूर (पंजाब) के विक्रम मीणा उर्फ ​​विक्की (35 साल) और राजस्थान के जितेंद्र शर्मा (42 साल) के तौर पर हुई है। इन आरोपियों के पास से पुलिस ने 24 लाख 27 हजार 700 की फेक करेंसी जब्त की है।

फेक करेंसी में 500 और 100 के नोट

जब्त की गई 24 लाख से ज्यादा की इस फेक करेंसी में 500 और 100 के नोटों के बंडल हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि 500 और 100 रुपये के कुल 7,157 नकली नोट हैं। बरामद नकली नोट बहुत ज्यादा असली नोट नहीं लगते हैं और इनमें सिक्योरिटी फीचर्स नहीं हैं। नोटों को सावधानीपूर्वक और सही से देखे जाने और हाथ में पकड़ने पर यह साफ मालूम किया जा सकता है कि ये नोट नकली हैं। पुलिस ने बताया कि भारी मात्रा में पकड़े गए नकली नोटों के साथ दो वाहन, प्रिंटर, स्कैनर, स्याही, कटर और पेपर शीट्स की बरामदगी की गई है।

अब पुलिस यह पता कर रही है कि इनके पास नोटों की पेपर शीट्स कहां से आई। पुलिस ने बताया कि नकली नोटों की छपाई के पीछे एक पूरा सिंडीकेट काम कर रहा था। एक पूरा नेटवर्क बनाकर चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में गिरोह के लोग सक्रिय थे और वहां नकली नोटों की खेप या तो कोरियर या फिर शारीरिक तौर पर पहुंचाई जा रही थी। वैसे इस गिरोह द्वारा नकली नोटों को मंगवाने और फिर ग्राहक तलाश उन तक पहुंचाने का काम अधिकांश कोरियर के माध्यम से ही होता था।

 

गौरव और विक्रम को चंडीगढ़ में पकड़ा

चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि केंदीय एजेंसी के इनपुट्स और मुखबिर व सर्विलान्स के माध्यम से इस गिरोह के बारे में जानकारी हासिल हुई थी। जिसके बाद तत्परता के साथ आगे की कार्रवाई की गई और इस बीच 25 सितंबर को आरोपी गौरव और विक्रम को चंडीगढ़ में नकली नोटों की डिलीवरी करते समय पकड़ा गया। दोनों पहली बार चंडीगढ़ में नकली नोटों को डिलीवर करने आए थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद तलाशी के दौरान इनके पास से लगभग 10 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई। जिसके बाद इनके खिलाफ धारा 178, 179, 180 के तहत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की गई।

 

राजस्थान से जितेंद्र शर्मा को पकड़ा

चंडीगढ़ पुलिस के अनुसार जब गौरव और विक्रम को रिमांड पर लिया गया तो इन्होंने अपने पूरे नेटवर्क का खुलासा किया। इनके खुलासे के आधार पर राजस्थान के झालावाड़ा में छापे मारे गए और इस दौरान वहां से तीसरे आरोपी जितेंद्र शर्मा को पकड़ा गया। जितेंद्र शर्मा को पकड़े जाने के बाद उसके घर से नकली नोटों से संबंधित प्रिंटिंग मैटेरियल मिला। जितेंद्र शर्मा ने प्रिंटर और स्कैनर और अन्य सामान के साथ पूरा सेटप तैयार किया हुआ था। जितेंद्र शर्मा ही गौरव और विक्रम को नकली नोटों को प्रिंट करके भेजता था।

Fake Indian Currency

 

1 लाख के असली कैश पर 2 लाख नकली कैश देते

चंडीगढ़ पुलिस ने जानकारी दी है कि पकड़े गए आरोपी पीछे से 1 लाख के असली कैश पर 3 लाख नकली कैश उठाते थे और इसके बाद फिर ग्राहकों तक पहुंचाने में ये 1 लाख के असली कैश पर 2 लाख या 2.5 नकली कैश देते थे। या फिर जैसे भी इनकी सौदेबाजी हो जाये। इस तरह से अमाउंट कम कर ये प्रॉफ़िट कमाते थे.वहीं इन नोटों को खरीदने वाले ग्राहक या खरीदार या तो मुनाफा कमाने के लिए इन्हें अपने हिसाब से आगे बेच रहे थे या फिर वह पकड़े जाने से बचने के लिए असली नोटों के बंडलों में मिलाकर नकली नोटों को जनता में फैला रहे थे।

सोशल मीडिया पर ग्राहक तलाशते

आरोपी जहां एक तरफ मैनुअल तरीके से बाजार में नकली नोटों के चलन को बढ़ाने में लगे हुए थे तो वहीं दूसरी तरफ ये इसमें सोशल मीडिया पर बड़ा सहारा ले रहे थे। सोशल मीडिया प्रोफाइल्स के जरिये ये ग्राहक तलाशते थे और फिर डील डन कर उन तक नकली नोटों की खेप पहुंचाई जाती थी। नकली नोटों को बेचने के लिए ये सोशल मीडिया पर कई भोले-भाले लोगों को भी फँसाते थे और उन्हें कमाई का लालच देकर नकली नोट बेच देते थे। हालांकि बताया जाता है कि ये गिरोह अपने काम को अभी बढ़ा ही रहा था। आरोप अभी बहुत बड़े और व्यापक स्तर पर नकली नोटों को बाजार में नहीं उतार पाये थे।

प्रमोद कातरे इनका कॉमन लिंक

चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक पकड़े गए इन तीनों आरोपियों का एक कॉमन लिंक महाराष्ट्र के प्रमोद कातरे (अभी मध्य प्रदेश में) से है। गौरव और विक्रम ने शेयर बाजार निवेश में जब भारी नुकसान उठाया तो ये दोनों जल्दी पैसा कमाने और अमीर बनने के लोभ में प्रमोद कातरे के संपर्क में आए। वहीं विक्रम मीणा जो अभी पंजाब में रह रहा था और वह मूलता राजस्थान का रहने वाला है, उसने बिजनेस में भारी नुकसान के बाद इस धंधे में कदम रखा। तीनों प्रमोद कातरे के संपर्क में रहे और इस पूरे नेटवर्क के चलते ये एक दूसरे से भी परिचित हुए।

चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि इसी मामले में प्रमोद कातरे पहले से ही अरेस्ट है, उसे मध्य प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी इस मामले में आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक मामले में आगे की छानबीन और पूछताक्ष के लिए आरोपी प्रमोद कातरे को भी रिमांड पर मध्य प्रदेश से चंडीगढ़ लाया जाएगा। फेक करेंसी से जितने भी तार जुड़े हैं, सबकी प्रमुखता और गंभीरता से जांच पड़ताल की जाएगी और आने वाले समय में इसमें शामिल और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।


रिपोर्ट- रंजीत शम्मी