धुआं-धुआं हुआ रावण; पंचकूला में लंकेश के 180 फीट पुतले का दहन, चंडीगढ़ 46 में 101 फीट ऊंचा पुतला जला, मेघनाद-कुंभकरण भी जले
Dussehra Ravan Dahan 2025 Panchkula 180 Feet Ravan Dahan Kumbhakarna Meghnad
Dussehra Ravan Dahan 2025: बुराई पर अच्छाई के जीत के प्रतीक दशहरा (विजयदशमी) के अवसर पर 'श्रीराम' की जय-जयकार के साथ चंडीगढ़ और पंचकूला समेत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में रावण के पुतले दहन किए गए। जबरदस्त आतिशबाज़ी में रावण धुआं-धुआं हो गया। रावण के साथ मेघनाद और कुंभकरण के पुतले भी जलाए गए। रावण दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग विभिन्न जगहों पर जुटे रहे।
पंचकूला में लंकेश के 180 फीट ऊंचे पुतले का दहन
वहीं हरियाणा के पंचकूला सेक्टर-5 स्थित शालीमर ग्राउंड में लंकेश के 180 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया गया। सीएम नायब सैनी ने रावण का दहन किया। रावण के साथ 100-100 फीट के मेघनाद और कुंभकरण के पुतले भी फूंके गए। ज्ञात रहे कि, पंचकूला में रावण का 180 फीट ऊंचा पुतला ट्राइसिटी के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा का सबसे ऊंचा पुतला था। चंडीगढ़ और मोहाली में भी रावण का ऐसा कोई पुतला नहीं बना था। रावण का यह पुतला लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। दहन के दौरान भारी संख्या में लोग ग्राउंड में जुटे हुए थे।

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चंडीगढ़ 46 में 101 फीट ऊंचे रावण का दहन
इधर चंडीगढ़ 46 में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। इसके अलावा 90 और 95 फीट मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को भी दहन कर दिया गया। यहां चंडीगढ़ का सबसे ऊंचा रावण था। यहां के बाद सेक्टर 34 ग्राउंड में चंडीगढ़ का रावण का सबसे ऊंचा पुतला बनाया गया था। इसी प्रकार सेक्टर- 29, 30, 27, 24, 17, 43, 48 में भी रावण के साथ-साथ मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन (Meghnad-Kumbhakarna Dahan) किया गया।
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बारिश से कुछ जगहों पर पुतले गिरे
वीरवार शाम दशहरा उत्सव के मौके पर देश के कई हिस्सों में मौसम खराब हुआ। दहन के लिए खड़े किए गए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को बारिश में नुकसान पहुंचा। दहन से पहले ही कुछ जगहों पर पुतले या तो गिर गए या फिर वह क्षतिग्रस्त हो गए। दिल्ली में भी भारी बारिश से रावण दहन प्रभावित हुआ। यहां कुछ पुतले तो खराब मौसम के चलते खड़े ही नहीं हो पाये। जो खड़े हुए वो दहन से पहले ही गिर गए। वहीं बिहार के पटना में दहन से कुछ देर पहले ही रावण का गला कट गया। इसी तरह पानीपत में दहन से पहले कुंभकर्ण का पुतला गिर गया। वहीं खराब मौसम के कारण जालंधर में दहन से पहले रावण का पुतला गिर पड़ा।