Adipurush Controversy: क्या रावण, अल्लाउद्दीन खिलजी लग सकता है? मेकर्स पर भड़के मुकेश खन्ना, दी ये चेतावनी

Adipurush Controversy: क्या रावण, अल्लाउद्दीन खिलजी लग सकता है? मेकर्स पर भड़के मुकेश खन्ना, दी ये चेतावनी

Adipurush Controversy

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Adipurush Controversy: आदिपुरुष के टीजर पर जबरदस्त बवाल जारी है. रावण के लुक में दिखे सैफ अली खान की भी जमकर निंदा की जा रही है. उन्हें रावण की जगह खिलजी बताया जा रहा है. महाभारत शो में भीष्म का किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना ने इस पूरे विवाद पर अपना टेक दिया है. मुकेश ने भी सैफ अली खान के रावण लुक को मुगल से इंस्पायर बताया है. मुकेश ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो जारी किया है, जहां उन्होंने पूरी कन्ट्रोवर्सी और कैरेक्टर्स पर छिड़े विवाद पर जवाब दिया है.

रावण लुक पर भड़के मुकेश खन्ना 

मुकेश खन्ना ने कहा कि सभी चैनलों पर एक ही बात चल रही है कि ये मोहम्मद खिलजी लगता है, रावण नहीं. सही बात है ये हमारा रावण नहीं लगता है. मुगल कैरेक्टर को मुगल लुक दे दिया गया है. कहां राम, कहां रामायण और कहां ये मुगल लुक. मजाक कर रहे हैं क्या आप? नहीं चलेगी ये फिल्म. अगर आपको लगता है सिर्फ स्पेशल इफेक्ट्स से फिल्म हिट हो जाएगी. 1000 करोड़ खर्च कर के रामायण नहीं बन सकती. रामायण उसके मूल्यों, आस्था, लुक और डायलॉग पर बनती है. अगर आप सच में रामायण नहीं आदिपुरुष बनाते, जहां एक आदमी है, चमगादड़ उड़ रहे हैं, वीएफएक्स का इस्तेमाल है, तो बात अलग थी. लेकिन आप दस सिर दिखा देंगे, उसको अलाउद्दीन खिलजी का लुक दे देंगे, तो लोग हंसेंगे ही ना आप पर. ये अच्छे संकेत नहीं है. इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा.  मैं इन पैसे वालों से कह दे रहा हूं कि अपने पैसों का इस्तेमाल हमारे धर्म के कैरेक्टर्स का बदलाव करने पर खर्च मत करो. खिलवाड़ करना है तो अपने धर्म से करो.  

रावण का लुक और सैफ का घमंड 

मुकेश ने वीडियो में सैफ के पुराने इंटरव्यू का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा- सैफ अली खान ने घमंड से कहा था मैं रावण का रोल प्ले करने जा रहा हूं. मैं उसे एक ह्यूमरस लुक दूंगा. ठीक है हर एक एक्टर का अपना एक अलग रुख होता है कि वो कैसे उसे किस तरीके से ऑडियन्स के सामने पेश करेगा. लेकिन जब आप बात रामायण की करते हैं तो जाहिर है आप उसका फायदा उठाना चाहते हैं. आप लोगों की आस्था का फायदा उठाना चाहते हैं. हम रामायण लेकर आ रहे हैं तो लोग बोलेंगे कि आइये आपका स्वागत है. लेकिन ये कहना कि मैं रावण के कैरेक्टर को चेंज करना चाहता हूं, तो सही मायने में जो हिंदू होगा उसके कान खड़े हो जाएंगे. जैसे मेरा भी हुआ. मुझे भी लगा आप कौन होते हैं रामायण के कैरेक्टर को चेंज करने वाले? आप अपने धर्म के कैरेक्टर्स को चेंज कर के दिखा सकते हैं. सैफ अली खान की बात सही साबित हो रही है. उन्होंने जो कहा था कर दिखाया. 

मुकेश ने दिया बायकॉट का हवाला

मुकेश ने कहा- मुझे समझ नहीं आता ऐसे माहोल में जहां जगह-जगह फिल्मों का बायकॉट हो रहा है. लोग नकार रहे हैं बड़ी बड़ी फिल्में देखना. ऐसे में आप लोगों को उंगली दे रहे हो, लोग पौंचा पकड़ लेंगे आपका. क्या समझदारी आपने अपने जेब में रख दी है. ऐसे विभत्स रूप में क्यों दिखाया जा रहा है. ना राम...राम दिख रहा है. ना रावण...रावण दिख रहे हैं. ना हनुमान...हनुमान दिख रहे हैं. फिर कोई कुछ कह देगा तो आप कहेंगे हमें अभिव्यक्ति की आजादी है. मायफुट, आप अपने धर्म पर भी अभिव्यक्ति की आजादी यूज कर के दिखाइये ना? 

हनुमान कैरेक्टर पर बोले मुकेश

मुकेश खन्ना ने हनुमान के कैरेक्टर पर भी मेकर्स को काफी खरी खोटी सुनाई. मुकेश ने कहा कि हनुमान जी की एक इमेज लोगों के मन में बसी है. उनकी चालीसा लोगों को याद है. उन्हें लोग पहाड़ के साथ, गदा के साथ, बैठे हों..उनकी हर एक अदा लोगों को याद है. उन हनुमान को आप ऐसा बना देंगे जो इस फिल्म में दिखाया गया है. अब आप कहेंगे ये टीजर है साहब. तो टीजर आप इसलिए डालते हो ना कि हम पिक्चर की फील ले सकें कि कैसी होगी. अगर इसे आप आदिपुरुष कहते हो तो ठीक है. क्योंकि आदिपरुष तो कोई भी पुराना व्यक्ति हो सकता है. लेकिन अगर आप इसे रामायण का नाम देते हैं, रावण का लुक देते हैं, तो आप रामायण से ही खेल रहे हैं. 

इसी के साथ मुकेश खन्ना ने सभी कैरेक्टर्स के लुक को कटघरे में डाल दिया. उन्होंने कहा कि हर एक भगवान का एक लुक है जो लोगों के जहन में कैद है. अगर आपने वही चेंज कर दिया, तो आपने भले ही 400-500 या 900-1000 करोड़ फिल्म पर लगाए हों...आपकी फिल्म नहीं चलेगी. क्योंकि आप उनकी आस्था का फायदा उठा रहे हो. अगर आप ऐसे लुक से चैलेंज करते हो कि ये हमारा राम, रावण या हनुमान है तो लोग अपनी उस आस्था को वापस ले लेंगे. फिर लोग आपको ऐसा थप्पड़ मारेंगे कि पता भी नहीं चलेगा. जैसे आजकल मारे जा रहे हैं, बिना फिल्म को देख बायकॉट किया जा रहा है. लेकिन फिर वही बात उठती है, सिर्फ हमारे धर्म पर ही क्यों? 

ये तो भी मुकेश खन्ना की राय, आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.