Big relief to Ram Rahim, see how the Punjab government got a setback

राम रहीम को मिली बड़ी राहत, देखें पंजाब सरकार को कैसे दिया झटका

Big relief to Ram Rahim, see how the Punjab government got a setback

Big relief to Ram Rahim, see how the Punjab government got a setback

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बेअदबी मामलों की जांच को लेकर सिरसा डेरा मुखी राम रहीम के पक्ष में फैसला दिया है। वहीं इस फैसले से पंजाब सरकार को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने डेरा मुखी की याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ किया कि बेदअबी से जुड़े तीनों मामलों में जांच और ट्रायल के दौरान राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पेश किया जाए।

ऐसे में अब डेरा मुखी को पंजाब पुलिस की एसआईटी पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर पंजाब नहीं ला पाएगी। हालांकि अभी हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी जारी होनी है, लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार का जवाब पढऩे और दोनों पक्षों की बहस के बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए हैं। डेरा मुखी की और से मामले में एडवोकेट कनिका आहूजा ने दलीलें पेश कीं।

कनिका ने बताया कि हाईकोर्ट ने बेअदबी के एक केस में (एफआईआर नंबर 63) पंजाब पुलिस की मांग के उलट एसआईटी को सुनारिया जेल में डेरा मुखी से पूछताछ की छूट दी थी। जिसके बाद ऐसी ही राहत बेअदबी से ही जुड़ी एफआईआर नंबर 117 और 128 में भी दिए जाने की हाईकोर्ट से मांग की गई थी। राम रहीम शारीरिक रुप से पंजाब जाकर पेश होना नहीं चाहता है।

डेरा मुखी ने मांग की थी कि 25 सितंबर 2015 और 12 अक्तूबर 2015 को बाजाखाना थाने में दर्ज आपराधिक केस में जांच/ट्रायल के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी करवाई जाए। उसकी जिंदगी के खतरा देखते हुए यह आदेश दिए जाएं। डेरा मुखी इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में है। पंजाब सरकार और अन्यों को पार्टी बनाते हुए याचिका दायर की गई थी।

इससे पहले डेरा मुखी ने मुख्य मामले में 25 अक्तूबर 2021 के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, फरीदकोट के प्रोडक्शन वारंट वाले आदेशों को रद्द करने की मांग की थी। पंजाब पुलिस की एसआईटी की अर्जी पर वह आदेश जारी किए गए थे। तब डेरा मुखी ने कहा था कि प्रोडक्शन वारंट का मकसद उन्हें गिरफ्तार करना था।

हाईकोर्ट ने केस के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए एसआईटी को आदेश दिए थे कि यदि पूछताछ करनी हो तो सुनारिया जेल जाकर की जा सकती है।
बता दें कि राम रहीम को साध्वियों के साथ यौन शोषण, पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्याकांड में सजा हो चुकी है। इसके अलावा 400 साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में और बेअदबी के मामलों में कार्रवाई लंबित है।