UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर... 1 फरवरी से ब्‍लॉक हो जाएंगे ऐसे ट्रांजेक्‍शन, NPCI ने बदला नियम
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UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर... 1 फरवरी से ब्‍लॉक हो जाएंगे ऐसे ट्रांजेक्‍शन, NPCI ने बदला नियम

Big News for UPI Users

Big News for UPI Users

Big News for UPI Users: अगर आप UPI पेमेंट ऐप यूज करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, 1 फरवरी से कोई भी UPI ऐप ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने के लिए स्पेशल कैरेक्टर यूज नहीं कर पाएगी. अगर कोई ऐप ट्रांजेक्शन ID में स्पेशल कैरेक्टर यूज करेगी तो सेंट्रल सिस्टम उस पेमेंट को कैंसिल कर देगा. नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये दिशानिर्देश बिजनेस यूजर्स के लिए जारी किए थे, लेकिन इसका असर आम ग्राहकों पर भी पड़ने वाला है.

इसलिए किया जा रहा है बदलाव

NPCI UPI ट्रांजेक्शन ID जनरेट करने की प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाना चाहता है. इसलिए उसने सभी कंपनियों से ट्रांजेक्शन ID में केवल अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर ही जोड़ने के आदेश दिए हैं. ये आदेश 1 फरवरी से लागू हो जाएंगे. इसका मतलब है कि अगर कोई ऐप इन आदेशों का पालन नहीं करती है तो UPI के जरिये पेमेंट पूरी नहीं होगी. आदेशों का पालन करने की जिम्मेदारी ऐप्स पर ही डाली गई है.

पहले भी जारी किए थे आदेश

NPCI ने पहले भी इस प्रोसेस को स्टैंडर्ड बनाने के लिए आदेश जारी किए थे. बीते साल मार्च में आए आदेशों में ट्रांजेक्शन ID को 35 कैरेक्टर में बनाने की बात कही गई थी. इससे पहले ट्रांजेक्शन ID में 4 से लेकर 35 कैरेक्टर तक होते थे. इसे देखते हुए 35 कैरेक्टर की ID जनरेट करने की बात कही गई थी. 

डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत पहुंची

देश की कुल डिजिटल पेमेंट में UPI की हिस्सेदारी पांच सालों में दोगुना बढ़कर 83 प्रतिशत तक पहुंच गई है. 2019 में कुल पेमेंट में इसकी हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है. इसके विपरित NEFT, RTGS, IMPS, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिये होने वाली ट्रांजेक्शन कम होकर कुल डिजिटल पेमेंट का 17 प्रतिशत रह गई हैं. 2019 में इनकी हिस्सेदारी 66 प्रतिशत थी.