Before conquering Everest, 34 cadets will go to 7355 meter peak in Garhwal
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर अहमदाबाद में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी माताओं-बहनों व अन्य कार्यकर्ताओं के साथ ‘सहकार संवाद’ किया जिला उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद धर्मवीर भड़ाना ने जताया सीएम, प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का आभार नाले में डूबने से एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत, पूरे गांव में मातम राष्ट्रीय सम्मेलन से बना सार्थक चर्चा और परस्पर संवाद का वातावरण : हरविन्द्र कल्याण पुलिस ने रंजिश के चलते नाबालिग की हत्या के मामले में आरोपी महिला और तीन नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लिया

एवरेस्ट विजय से पहले गढ़वाल में 7,355 मीटर की चोटी पर जाएंगे 34 कैडेट

Before conquering Everest, 34 cadets will go to 7355 meter peak in Garhwal

Before conquering Everest, 34 cadets will go to 7355 meter peak in Garhwal

Before conquering Everest, 34 cadets will go to 7355 meter peak in Garhwal- नई दिल्ली। एनसीसी निदेशालयों से 34 कैडेट, छह अधिकारी और 20 स्थायी प्रशिक्षक कर्मचारियों की एक टीम उत्तराखंड के माउंट अबी गामिन पर पर्वतारोहण अभियान शुरू करेगी। माउंट अबी गामिन गढ़वाल में हिमालय में 7,355 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 1970 के बाद से यह एनसीसी कैडेट्स का 88वां पर्वतारोहण अभियान है। 

माउंट अबी गामिन चोटी 2025 में माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने के एनसीसी के आगामी मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण तैयारी चरण है। एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह ने इस अभियान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माउंट अबी गामिन अभियान केवल एक और साहसिक गतिविधि नहीं है, यह उन कैडेटों के लिए एक कदम है जो माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने टीम को स्थिरता, साहस, दक्षता और अदम्य इच्छाशक्ति के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए भी प्रेरित किया।

लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली से माउंट अबी गामिन (उत्तराखंड) के लिए एनसीसी गर्ल्स एंड बॉयज पर्वतारोहण अभियान को रवाना किया।

रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने नौसेना के कारवार बेस का दौरा किया है। इस दौरान उन्हें बेस की परिचालन क्षमताओं और निर्माणाधीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। रक्षा राज्य मंत्री ने भारत की सबसे बड़ी नौसैनिक अवसंरचना परियोजना 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' की समीक्षा की। यह भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक अभिन्न अंग है। इसके अंतर्गत इस बेस को एशिया के सबसे उन्नत नौसैनिक अड्डों में से एक के रूप में विकसित करने की योजना है। रक्षा राज्य मंत्री ने क्षेत्रीय स्थिरता और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा में इसके महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की मजबूत उपस्थिति की सराहना की। उन्होंने नौसेना कर्मियों और डिफेंस सिविलियन्स को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके किए गए प्रयासों की प्रशंसा भी की।