Apartment Wise Registry Case

Chandigarh: अपार्टमेंट वाइज रजिस्ट्री का मामला: सडक़ पर उतरेगी चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयरहोल्डर वेलफेयर एसोसिएशन  

Apartment Wise Registry Case

Apartment Wise Registry Case

Apartment Wise Registry Case- चंडीगढ़ (साजन शर्मा) चंडीगढ़ प्रापर्टी शेयरहोल्डर वेलफेयर एसोसिएशन एक मर्तबा फिर चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ लामबंद होने जा रही है। एसोसिएशन ने फैसला किया है कि प्रशासन के तय किये गए नये नियम उन्हें स्वीकार नहीं हैं। जो एसओपी वीरवार को जारी की गई है, उसमें केवल फैमिली के भीतर ही शेयरवाइज रजिस्ट्री का प्रावधान है।

एसोसिएशन के अनुसार प्रशासन के इस फैसले से आम जनता प्रभावित होगी लिहाजा उन्होंने ब्लैक डे मनाने का निर्णय लिया है।

इसमें आम जनता के अलावा व्यापार मंडल, प्रापर्टी से जुड़े कारोबारी व बिल्डरों से जुड़े सभी संगठन शामिल होंगे। खास बात यह रहेगी कि चंडीगढ़ के मेयर भी प्रॉपर्टी ऑनर्स के साथ धरने में शामिल होंगे। भाजपा के चंडीगढ़ अध्यक्ष अरुण सूद भी उनका साथ देंगे।

चंडीगढ़ के प्रापर्टी ओनर्स प्रशासन की  एसओपी से खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसीलिए सभी संगठन चंडीगढ़ प्रशासन के खिलाफ  लामबंद हो रहे हैं। इसी के तहत चंडीगढ़ प्रॉपर्टी शेयरहोल्डर वेलफेयर एसोसिएशन कल रविवार को चंडीगढ़ की प्रॉपर्टी के इतिहास का ब्लैक डे मनाएगी। सेक्टर 17 में नीलम सिनेमा के सामने की पार्किंग में दोपहर 12.30 बजे आमजनों के साथ विरोध प्रदर्शन होगा। इस प्रदर्शन में तीनों राजनीतिक दलों जिसमें भाजपा ,कांग्रेस व आप के प्रतिनिधि शामिल होंगे। फॉसवेक, प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एसोसिएशन, चंडीगढ़, चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल, बिल्डर्स एसोसिएशन, चंडीगढ़ व कई मार्केट वेलफेयर एसोसिएशन भी इसमें भाग लेने जा रही हैं।

ये हुआ था फैसला

अपार्टमेंट एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चंडीगढ़ प्रशासन का वीरवार को बड़ा फैसला सामने आया था। इस फैसले के अनुसार केवल फैमिली में ही प्रापर्टी की सेल,ट्रांसफर व गिफ्ट डीड की वसीयत हो सकेगी। एक फैमिली से ही को-ऑनर है तो तभी बिल्डिंग व रिवाइज्ड बिल्डिंग प्लान पर विचार किया जाएगा। वसीयत में केवल फैमिली मेंबरों के शेयर ही मान्य होंगे। परिवार के किसी एक या ज्यादा व्यक्तियों ने पूरी 100 प्रतिशत प्रापर्टी खरीद ली है तो यह तभी ट्रांसफर हो सकेगी। सेल, गिफ्ट  या ट्रांसफर डीड है और उसकी अगर 10 जनवरी 2023 तक रजिस्ट्रेशन हो चुकी है तो नियमों के अनुसार इसकी जमाबंदी हो पाएगी। यह भी प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि चंडीगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के रेजीडेंशियल अपार्टमेंट एवं एस्टेट ऑफिस के दी चंडीगढ़ अपार्टमेंट रूल्स, 2001 पर सुप्रीम कोर्ट के अपार्टमेंट एक्ट को लेकर दिये गए आदेश का असर नहीं होगा। प्रशासन ने ये भी कहा है कि सभी रेजीडेंशियल प्रापर्टी जो इस निर्णय की जद में नहीं आती, उनकी ट्रांसफर व म्यूटेशन (जमाबंदी) तब तक नहीं की जाएगी जब तक इस मसले पर हेरिटेज कमेटी कोई निर्णय न ले ले। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी 2023 को रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं चंडीगढ़ प्रशासन के मामले में अपार्टमेंटों की बेच व खरीद पर रोक लगा दी थी। प्रशासन उसी दिन से कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रहा था। उसी के अनुसार वीरवार को प्रशासन ने चंडीगढ़ में रेजीडेंशियल बिल्डिंगों को लेकर यह निर्णय लिये।

 

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