अग्निपथ योजना पर देश के युवा आगबबूला: देखें कैसे कर रहे आगजनी-तोड़फोड़ और पथराव, ट्रेनों को फूंक डाला, गाड़ियां तोड़ डालीं, बोले- जान दे देंगे...अब अर्थी या तो भर्ती

अग्निपथ योजना पर देश के युवा आगबबूला: देखें कैसे कर रहे आगजनी-तोड़फोड़ और पथराव, ट्रेनों को फूंक डाला, गाड़ियां तोड़ डालीं, बोले- जान दे देंगे...अब अर्थी या तो भर्ती

 Agnipath Scheme Protest

Agnipath Scheme Protest

Agnipath Scheme Protest : केंद्र की मोदी सरकार ने सेना में भर्ती के लिए 'अग्निपथ योजना' लाकर अपने लिए एक नई उलझन पैदा कर ली है| दरअसल, बात ऐसी है कि मोदी सरकार की यह 'अग्निपथ योजना' देश के युवाओं को कतई रास नहीं आई है| युवा पिछले दो सालों से सेना में भर्ती निकलने का इंतजार कर रहे थे लेकिन भर्ती तो निकली नहीं और ऊपर से उनके सामने मोदी सरकार एक ऐसी अग्निपथ योजना ले आई, जिसके माध्यम से सेना में सिर्फ चार साल की नौकरी तय कर दी गई| 'अग्निपथ योजना' पर देश के युवा इस कदर आगबबूला हो रखे हैं कि वह सड़क पर उतरकर आगजनी-तोड़फोड़ और पथराव पर उतारू हो गए हैं| देश के अलग-अलग हिस्सों में रोषित युवा आगजनी-तोड़फोड़ और पथराव करते देखे जा रहे हैं|

 

बिहार के हालात बेहद खराब ....

युवाओं के इस प्रदर्शन का प्रकोप वैसे तो देश के विभिन्न हिस्सों (यूपी, हरियाणा, राजस्थान, एमपी) में देखने को मिल रहा है लेकिन बिहार के हालात बेहद भीषण हैं| यहां युवाओं ने रेलवे की संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है| युवाओं द्वारा रेलवे परिसर में तोड़फोड़ करते हुए ट्रैक्स जाम करते हुए ट्रेनों में आग लगा दी गई है| युवाओं के प्रदर्शन को काबू करने के लिए यहां जगह-जगह काफी फ़ोर्स तैनात है| मगर युवाओं का प्रदर्शन और भीषण होता जा रहा है|

 

युवाओं का क्या कहना?

युवाओं की मांग है कि फटाफट इस 'अग्निपथ योजना' को वापिस लिया जाए| उन्हें अग्निवीर नहीं बनना है| उन्हें सेना का जवान बनना है| युवाओं का कहना है कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार अपने अपने मंत्री-विधायकों की सैलरी क्यों नहीं कम करती| उनका कार्यकाल क्यों नहीं कम करती| जो युवा दिन रात मेहनत करके सेना में जाएगा उसकी नौकरी सिर्फ चार साल की होगी| ऊपर से उसको पेंशन भी नहीं दी जाएगी| सैलरी भी कम दी जाएगी| सरकार को क्या मालूम कि मेहनत क्या होती है... लोअर से लेकर मिडल क्लास तक के युवाओं के लिए सेना की ही एक नौकरी थी| वो भी अब सरकार छीनना चाहती है| युवाओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि लोअर से लेकर मिडल क्लास तक के युवाओं का सपना है सेना| इसके लिए वह जान दे देंगे| अब अर्थी या तो भर्ती...

विपक्षी राजनीतिक पार्टियां युवाओं के समर्थन में....

एक तरफ जहां युवा अपने लिए लड़ने पर उतर आये हैं तो वहीं दूसरी ओर इनके साथ विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी आ खड़ी हुईं हैं| दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा - सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ़ विरोध हो रहा है। युवा बहुत नाराज़ हैं। उनकी माँग एकदम सही हैं। सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए। केंद्र सरकार से अपील- युवाओं को 4 साल नहीं, पूरी ज़िंदगी देश सेवा करने का मौक़ा दिया जाए। पिछले दो साल सेना में भर्तियाँ ना होने की वजह से जो overage हो गए, उन्हें भी मौक़ा दिया जाए।

अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है, ये अति गंभीर व दीर्घकालिक नीति की अपेक्षा करती है। सैन्य भर्ती को लेकर जो ख़ानापूर्ति करनेवाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वो देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। सेना का ठेकेदारीकरण देश और सच्चे देश भक्त युवाओं के लिए विश्वासघात के समान है। फ़ौज आउटसोर्स का विषय नहीं है।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा - सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की आँखों में देशसेवा, माँ-बाप की सेवा, घर परिवार और भविष्य के तमाम सपने होते हैं नई सेना भर्ती योजना उन्हें क्या देगी? 4 साल बाद न हाथ में नौकरी की गारंटी, न पेंशन की सुविधा= नो रैंक, नो पेंशन. मोदी जी युवाओं के सपनों को मत कुचलिए|

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा -  न कोई रैंक, न कोई पेंशन. न 2 साल से कोई direct भर्ती. न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य. न सरकार का सेना के प्रति सम्मान. देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हे 'अग्निपथ' पर चला कर इनके संयम की 'अग्निपरीक्षा' मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी।

बतादें कि, विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के अन्य नेता भी इसी तरह की बयानबाजी मोदी सरकार पर कर रहे हैं| इसके अलावा राजनीति से हटके भी कई हस्तियां मोदी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहीं हैं|

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