छत्तीसगढ़ का मामला: गांजे से भरी कार ने लोगों को रौंदा, एक की मौत; 26 घायल

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Durga immersion celebration changed into mourning

जशपुर। Durga immersion celebration changed into mourning : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक तेज रफ्तार कार ने धार्मिक जुलूस में शामिल लोगों को कुचल दिया। जिसके चलते जश्न मातम में बदल गया। जशपुर के पत्थलगांव में करीब 150 लोग जुलूस की शक्ल में दुर्गा विसर्जन के लिए जा रहे थे। कार की टक्कर से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 26 लोग घायल हो गए। घायलों में 4 की हालत गंभीर है। कार में गांजा भरा हुआ था और तस्कर इसे ओडिशा से मध्य प्रदेश के सिंगरौली ले जा रहे थे। घटना के बाद लोगों ने कार को आग के हवाले कर दिया।

घटना के बाद लोगों ने पीछा कर कार के ड्राइवर को 5 किलोमीटर दूर सुखरापारा से पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने उसकी जमकर पिटाई की। लोगों ने टक्कर मारने वाली कार को भी फूंक दिया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से आरोपी को भीड़ से छुड़ाया। उसे भीड़ से बचाते हुए पुलिस रायगढ़ जिले के कापू थाना लेकर गई। लोगों के गुस्से को देखते हुए मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है। इस केस में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं दोनों आरोपी: पुलिस का कहना है कि कार में सवार दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें से एक का बबलू विश्वकर्मा है और दूसरे का नाम शिशुपाल साहू है। पुलिस ने बताया कि यह दोनों मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। यह दोनों छत्तीसगढ़ से होकर गुजर रहे थे। उसी वक्त रायगढ़ रोड पर झांकी निकल रही थी। हालांकि इतनी भीड़ होने के बावजूद कार की रफ्तार कम न करना कई सवाल पैदा करता है। पुलिस का कहना है कि दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

पत्थलगांव थाने का एक एएसआई सस्पेंड
लोगों ने एक एसआई केके साहू पर गांजा तस्करी कराने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि आरोपी इस एसआई के साथ मिलकर ही गांजा तस्करी करने की फिराक में था। इसलिए हम एएसआई के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करते हैं। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इसके बाद पत्थलगांव थाने के एएसआई को निलंबित कर दिया गया।

हादसे के बाद गुमला-कटनी हाईवे जाम
लोगों ने घटना के विरोध में पत्थलगांव थाने का घेराव कर दिया। इसके अलावा गुमला-कटनी नेशनल हाईवे पर मृतक का शव रखकर चक्काजाम भी किया। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक वे शव को हाईवे से हटाने तैयार नहीं हुए।