विश्व पृथ्वी दिवस विशेष, पृथ्वी का स्वास्थ्य मानव के हाथ मे

विश्व पृथ्वी दिवस विशेष, पृथ्वी का स्वास्थ्य मानव के हाथ मे

World Earth Day

World Earth Day

यह बात आश्चर्यजनक भले ही लगे, लेकिन सच्चाई यही है कि हमारे ग्रह को जीवित रहने के लिए हमारी सहायता की आवश्यकता है। हमारी पृथ्वी को प्रदूषण और वनों की कटाई जैसी चीजों से बचाने के लिए, हर साल 22 अप्रैल को एक अरब से भी ज़्यादा लोग पृथ्वी दिवस को मनाते हैं। इसे दुनियाभर में अर्थ डे के नाम से जाना जाता है। इस दिन हम सभी कूड़े की सफाई और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में संलग्न होकर एक खुशहाल, स्वस्थ दुनिया में योगदान करते हैं। पृथ्वी दिवस का वार्षिक उत्सव पर्यावरण आंदोलन की उपलब्धियों का सम्मान करता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए ग्रह के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देता है। धरती को जननी कहते हैं। धरती जानवरों से लेकर इंसानों तक को जीवन देती है। जिंदा रहने के लिए श्वास, जल और भोजन देती है। हालांकि इंसान पृथ्वी से प्राप्त तत्वों का भरपूर दोहन कर रहे हैं और उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन पर दिन पृथ्वी और इसका वातावरण दूषित हो रहा है। ऐसे में विश्व प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को अर्थ डे यानी पृथ्वी दिवस मनाता है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य वातावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। इस दिन को मनाने की शुरुआत अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में की थी। 22 अप्रैल 1970 के दिन 20 मिलियन से ज्यादा लोगों ने 150 देशों में पहला पृथ्वी दिवस मनाया था, तब से ये हर साल मनाया जा रहा है. जिसमें 193 से अधिक देशों के 1 बिलियन लोग शामिल होते है । 2024 की आधिकारिक थीम "ग्रह बनाम प्लास्टिक" है। 2025 पृथ्वी दिवस की 55वीं वर्षगांठ होगी। पर्यावरणीय खतरे को कम करने के लिए लोग पृथ्वी द्वारा प्रदत्त चीजों को शुक्रिया किया जाना चाहिए और पृथ्वी दिवस पर प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। पृथ्वी दिवस के मौके पर अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों और करीबियों को प्रकृति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से पर्यावरणक  की शिक्षा दें l

 पृथ्वी दिवस की शुरुआत कैसे हुई? 

पृथ्वी दिवस की नींव 1970 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा रखी गई थी। आज यह वैश्विक आंदोलन का रूप ले चुका है जिसमें विश्व के विभिन्न देशों में होने वाली घटनाएँ और गतिविधियाँ शामिल होती हैं। 

पृथ्वी दिवस की सर्वप्रथम कल्पना अमेरिकी पॉलिटिशियन और पर्यावरण एक्टिविस्ट सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन द्वारा की गई थी। वह तत्कालीन समय के बढ़ते पर्यावरण सम्बंधित मुद्दों को सम्बोधित करने के लिए पर्यावरण के प्रति जागरूकता और कार्यवाही को समर्पित एक दिन की कल्पना करते थे। 

पहला पृथ्वी दिवस 1970 में विस्कॉन्सिन के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन की बदौलत मनाया गया था। नेल्सन वर्षों से पर्यावरण के बारे में चिंतित थे और लोगों को शिक्षित करने और अपने उद्देश्य के प्रति अमेरिका में सार्वजनिक चेतना बढ़ाने की कोशिश कर रहे

 इसकी वजह से आधुनिक पर्यावरण आंदोलन एक नई चाल में ढला। पृथ्वी दिवस की वजह से पर्यावरण संरक्षण के लिए लाखों लोगों का एक- साथ आना संभव हुआ।

 पर्यावरण सरक्षण मे डेनिस हायस का योगदान 

डेनिस हायस को आम व्यक्ति की तरह बचपन से प्रकृति से काफ़ी लगाव रहा है। लेकिन उनके जीवन की एक घटना ने उन्हें 'हीरों ऑफ़ द प्लेनेट' बना दिया। उनके घर के सामने एक पेपर मिल हुआ करती थी। चिमनी से उठते काले धुएँ से वे विचलित नहीं हुए। पर जब उन्हें यह पता चला कि वृक्षों से उन्हें गहरा लगाव है, उन्हें काग़ज़ निर्माण में जलना पड़ता है तो इससे वे काफ़ी आहत हुए। उसके बाद उन्होंने प्रकृति को क्षति पहुँचाने वाले ऐसे कामों का विरोध करना शुरू कर दिया। हालांकि उसी मिल में उनके पिता भी कार्यरत थे। पर्यावरण के प्रति उनका लगाव बहुत गहरा हो चुका था। वे प्रदूषण के ख़िलाफ़ लड़ने वाले पर्यावरणविद ही नहीं, बल्कि आंदोलनकारी बन चुके थे। उनकी बातों, भाषणों में इतना दम था कि भीड़ को इकट्ठा करके किसी बड़ी मुहिम को अंजाम दे सकते थे। उन्होंने इसकी शुरुआत अपने ही कॉलेज कैंपस से की। तकबरीन 1000 स्टूडेंट्स के साथ मिलकर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी स्थित हथियार रिसर्च लैब को समाप्त करने का आन्दोलन छेड़ा।

  • पृथ्वी को बचाएं, अधिकाधिक वृक्ष लगाएं।
  • पर्यावरण केवल कोई अध्ययन का विषय नहीं, पर्यावरण को महसूस करें और इसके महत्व को समझें।
  • पर्यावरण के प्रति प्रेम करने वाला व्यक्ति ही मानव को मानवता का पाठ पढ़ाता है।
  • प्रकृति के साथ बेहतर तालमेल बैठाकर जीवन जीने से ही आप धरती को स्वस्थ रख सकते हैं।
  • पृथ्वी दिवस के दिन ही नहीं, बल्कि प्रतिदिन की अपनी दिनचर्या में धरती की रक्षा को समर्पित महत्वपूर्ण निर्णय लें।
  • मानव अपनी छोटी-छोटी पहल से ही बड़ा बदलाव ला सकते हैं, जो कि धरती को बचाने में एक मुख्य योगदान के रूप में उभरकर आएगा।
  • आने वाली पीढ़ी के लिए धरती को हरा-भरा बनाएं, इसके लिए आओ मिलकर कदम उठाएं।
  • पृथ्वी हमारी माँ है, जिसकी ममता के आँगन में हर नर-नारी के जीवन की रचना होती है।
  • धरती को प्रदूषित करने से आप संकटों को न्योता दे रहे हैं, जिससे हर इंसान को बचना चाहिए।
  • प्रकृति का सम्मान करें और पृथ्वी को बचाएं, जीवन को सरल बनाकर बेहतर भविष्य के लिए कदम उठाएं।