एक अभिनेत्री जिसने ज़िंदगी को अपनी शर्तों पर जिया

neena gupta: बॉलीवुड की कैसी एक्ट्रेसेस जिन्होंने हमेशा कंट्रोवर्सीज का सामना किया है। अपने शुरुआती दिनों से लेकर आज 66 वर्ष की उम्र तक उन्होंने अपनी लाइफ में बड़े हिम्मत और आत्मसम्मान के साथ उन सभी चीजों को झेला है जो एक साधारण इंसान के लिए झेलना बड़ा मुश्किल है। हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की एक्ट्रेस और पंचायत में मंजू देवी का किरदार निभाने वाली नीना गुप्ता के बारे में। हालांकि जब इन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी तब से लेकर आज तक में इन्होंने अपनी लाइफ में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन इस बॉलीवुड एक्ट्रेस की सबसे बेहतरीन बात यह है कि इन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा डटकर हर समस्याओं का सामना किया और वह भी बिल्कुल अकेले। तो आईए जानते हैं नीना गुप्ता के बारे में।
जब अकेले ही सब कुछ संभाला
नीना का निजी जीवन भी फिल्मों की कहानी से कम नहीं रहा। 1980 के दशक में नीना गुप्ता का नाम वेस्ट इंडीज के मशहूर क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स से जुड़ा। दोनों की एक बेटी हुई – मसाबा गुप्ता। उन्होंने शादी नहीं की और मसाबा को अकेले पाला। यह वह दौर था जब बिना शादी के बच्चा होना समाज में बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। नीना ने इस फैसले से न केवल समाज के तानों का सामना किया, बल्कि इंडस्ट्री में भी उन्हें लेकर कई पूर्वाग्रह पनप गए। उन्होंने खुद कहा था कि "मां बनना आसान था, लेकिन एक अकेली मां के तौर पर समाज में जीना बहुत कठिन था।" नीना ने बिना किसी का सहारा लिए अपनी बेटी को बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया और आत्मनिर्भर बनाया। आज मसाबा एक मशहूर फैशन डिज़ाइनर हैं और उनकी मां की तरह ही स्वतंत्र विचारों वाली महिला हैं।
जब एक इंस्टाग्राम पोस्ट से बदली नीना गुप्ता की जिंदगी
नीना गुप्ता ने एक बार इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाली –
"मैं एक एक्ट्रेस हूं, अच्छी एक्ट्रेस हूं, काम चाहिए।" इस एक लाइन ने पूरी इंडस्ट्री का ध्यान उनकी तरफ खींचा। बहुत से लोग उनकी ईमानदारी से प्रभावित हुए। और इसके बाद नीना को वो रोल मिला जिसने उनके करियर को एक नई उड़ान दी – फिल्म ‘बधाई हो’ में आयुष्मान खुराना की मां का किरदार। इस फिल्म में उनके अभिनय को दर्शकों और आलोचकों ने खूब सराहा। उन्होंने इस भूमिका के लिए कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें फ़िल्मफेयर और स्क्रीन अवॉर्ड शामिल हैं। इसके बाद शुभ मंगल ज़्यादा सावधान, सरदार का ग्रैंडसन, डायल 100, मसाबा मसाबा जैसी कई फिल्मों और वेबसीरीज़ में उन्होंने दमदार अभिनय किया।
अपने शर्तों पर जिया जीवन
नीना गुप्ता हमेशा से अपनी शर्तों पर जीने में विश्वास रखती हैं। उन्होंने कभी समाज की परवाह नहीं की, बल्कि अपनी ज़िंदगी को ईमानदारी और आत्मसम्मान से जिया। उनका मानना है कि औरतें कमजोर नहीं होतीं, उन्हें सिर्फ खुद पर भरोसा करना आना चाहिए। आज नीना सिर्फ एक अभिनेत्री नहीं हैं, बल्कि वे उन महिलाओं की प्रेरणा हैं जो ज़िंदगी में संघर्ष कर रही हैं, जो अपने सपनों को लेकर डरती हैं या समाज की दीवारों से घबराती हैं।