घर से निकली पत्नी की हुई थी हत्या, पति हत्या का दोषी करार, सजा पर फैसला आज
- By Gaurav --
- Tuesday, 30 Sep, 2025

Wife who had left the house was murdered
Wife who had left the house was murdered: पंचकूला जिला अदालत ने सोमवार को एडवोकेट मनमोहन को अपनी पत्नी रजनी की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया। अदालत ने मनमोहन के साथ-साथ दो अन्य सह-आरोपियों, मोनिका और उसके देवर संदीप को भी इस साजिश में शामिल होने का दोषी पाया। सजा मंगलवार को सुनाई जाएगी।
यह मामला 2018 का है, जब एडवोकेट मनमोहन ने अपनी पत्नी रजनी की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस जांच में पता चला कि उसने रजनी की हत्या के लिए 1.5 लाख रुपये की सुपारी दी थी। इस साजिश में उस समय मनीमाजरा निवासी मोनिका और कैथल में रहने वाले उसके देवर संदीप शामिल थे। मनमोहन के कहने पर दोनों ने हत्या को अंजाम दिया।
16 जनवरी, 2018 को रजनी सुबह करीब 11.15 बजे अपने घर से निकली और फिर कभी वापस नहीं लौटी। उसी रात उसके परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जांच के दौरान, पुलिस को रजनी का आखिरी फोन कॉल मिला, जो मोनिका को किया गया था। गहन खोजबीन के बाद, रजनी का शव पंचकूला में मिला।
पुलिस ने मोनिका को किए गए रजनी के आखिरी फोन कॉल का पता लगाया। गहन तफ्तीश के बाद, रजनी का शव पंचकूला में मिला।
शुरुआत में, मनमोहन ने अपनी पत्नी के लापता होने की झूठी कहानी गढ़कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। हालाँकि, कड़ी पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया और पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
पुलिस जांच में यह भी पता चला कि मनमोहन और रजनी के बीच वैवाहिक विवाद थे और तलाक की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान, मनमोहन, मोनिका के करीब आ गया। इस नए रिश्ते से प्रेरित होकर, उसने अपनी पत्नी को खत्म करने की योजना बनाई। पैसों का लालच देकर, उसने मोनिका और संदीप को हत्या के लिए राजी कर लिया।
रजनी के पिता ने पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी देकर इस मामले में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी बेटी के लापता होने के दिन से ही संदेह व्यक्त किया था और जोर देकर कहा था कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है। परिवार ने न्याय के लिए अथक प्रयास किया और वर्षों की कानूनी कार्यवाही के बाद, अदालत ने आखिरकार सोमवार को अपना फैसला सुनाया, जिसमें मनमोहन और उसके साथियों को दोषी ठहराया गया।