जोशीमठ नरसिंह मंदिर मार्ग पर फिर फूटी जल धारा, एक घंटे से लगातार बह रहा पानी, दहशत

जोशीमठ नरसिंह मंदिर मार्ग पर फिर फूटी जल धारा, एक घंटे से लगातार बह रहा पानी, दहशत

Joshimath Is Sinking

Joshimath Is Sinking

देहरादून: Joshimath Is Sinking: चमोली जिले में आपदा की जद में आए जोशीमठ में भूधंसाव और बढ़ गया है। वहीं नृसिंह मंदिर मार्ग पर नया पानी का स्रोत फूट पड़ा है।

वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की रिपोर्ट को केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का इंतजार है। मंत्रालय से अनुमोदन के पश्चात एनडीएमए इसे राज्य सरकार को भेजेगा।

इसके आधार पर जोशीमठ शहर का सुरक्षित व असुरक्षित श्रेणी में वर्गीकरण, प्रभावित क्षेत्र का उपचार और प्रभावितों के पुनर्वास जैसे विषयों पर सरकार तेजी से कदम बढ़ाएगी। इसे देखते हुए राज्य सरकार को भी इसकी बेसब्री से प्रतीक्षा है।

जांच में जुटे आठ विज्ञानिक संस्थान / Eight scientific institutes engaged in investigation

जोशीमठ में भूधंसाव और भवनों में दरारें पडऩे के कारणों की जांच में जुटे आठ विज्ञानिक संस्थान अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट पिछले माह के आखिर में एनडीएमए को सौंप चुके हैं।

बीती 10 फरवरी को प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनडीएमए ने जोशीमठ को लेकर विज्ञानियों के सुझावों के आधार पर तैयार रिपोर्ट पर प्रस्तुतीकरण दिया था। तब ये तय हुआ था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त होने पर रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी। बाद में यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी गई थी।

सूत्रों के अनुसार एनडीएमए की रिपोर्ट में जोशीमठ में आपदा के दृष्टिगत तात्कालिक, मध्यावधि और दीर्घकालीन उपायों को लेकर सुझाव दिए गए हैं। इसमें यह भी उल्लेख है कि जोशीमठ के कौन-कौन से क्षेत्र में कहां-कहां क्या कार्य किए जाने हैं। प्रभावितों का पुनर्वास तात्कालिक, पुनर्वास स्थलों का विकास, मामूली दरार वाले भवनों की रेट्रोफिटिंग जैसे कार्य मध्यावधि योजना में शामिल किए गए हैं।

इसके अलावा विज्ञानियो ंकी रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्र में उपचारात्मक समेत अन्य कार्यों को दीर्घकालीन योजना में रखा गया है। इसके अलावा बदरीनाथ यात्रा प्रारंभ होने से पहले व्यवस्था दुरुस्त करने और वहां हाईवे की निगरानी को तंत्र विकसित करने का सुझाव भी दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय में रिपोर्ट पर मंथन चल रहा है। अब सोमवार अथवा मंगलवार को गृह मंत्रालय इस पर चर्चा के लिए एनडीएमए के प्रतिनिधियों को बुला सकता है। मंत्रालय से मिलने वाले दिशा-निर्देशों के बाद एनडीएमए अपनी रिपोर्ट राज्य को भेजेगा।

महत्वपूर्ण होगी यह रिपोर्ट / This report will be important

एनडीएमए से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट काफी महत्वपूर्ण होगी। इससे जोशीमठ बचाने की दिशा और दशा तय होगी। इसके आधार पर सरकार की ओर से केंद्र को भेजे जाने वाले जोशीमठ राहत पैकेज का आकार भी तय होना है। उधर, सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि एनडीएमए की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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