तीर्थयात्री ध्यान दें...यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, यहां करें अप्लाई

तीर्थयात्री ध्यान दें...यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, यहां करें अप्लाई

CharDham Yatra Registration 2023

CharDham Yatra Registration 2023

ऋषिकेश : CharDham Yatra Registration 2023: उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भी पंजीकरण की व्यवस्था(registration system) रहेगी। तीर्थयात्री, आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से पंजीकरण कर सकेंगे। खुशखबरी यह है कि प्रशासन ने बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के लिए आनलाइन पंजीकरण(online registration) खोल दिए हैं। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने की तिथि विधिवत घोषित होने के बाद इन धामों के लिए आनलाइन पंजीकरण शुरू किया जाएगा।

चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के उत्साह(enthusiasm of the pilgrims) का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आनलाइन पंजीकरण खुलने के साथ ही पहले दिन शाम साढ़े पांच बजे तक 31565 तीर्थयात्री आनलाइन पंजीकरण करा चुके थे। जिसमें बदरीनाथ के लिए 14294 व केदारनाथ 17088 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराए।

वर्ष 2013 की आपदा के बाद चारधाम यात्रा को लेकर सरकार ने कई बदलाव किए हैं। आपदा के बाद वर्ष 2016 में चारधाम यात्रा के लिए फोटो मैट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना महामारी के कारण चारधाम यात्रा प्रभावित रही।

जबकि विगत वर्ष 2022 में रिकार्ड संख्या में तीर्थयात्री चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे। विगत वर्ष भी चारधाम यात्रा के लिए आनलाइन व आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म, देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल तथा टूरिस्ट केयर उत्तराखंड की वेवसाइट पर आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।

इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ व 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित हो चुकी है। जबकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि अभी अधिकारिक तौर पर घोषित नहीं की गई है। हालांकि गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरानुसार अक्षय तृतीय तिथि को खोले जाते हैं, इस वर्ष 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय पर्व है।

प्रशासन ने मंगलवार को फिलहाल बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के लिए आनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट को खोल दिया है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक वीएस गंगवार ने बताया कि गंगोत्री, यमुनोत्री व श्रीहेमकुंड साहिब धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने पर इन धामों के लिए भी आनलाइन पंजीकण खोल दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके अलावा ऋषिकेश तथा यात्रा मार्गों पर पूर्व के वर्ष की भांति आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी। आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था चारधाम यात्रा आरंभ होने से कुछ दिन पूर्व शुरू होगी।

पंजीकरण कराने के लिए वेबसाइट तथा वाट्सएप नंबर जारी / Website and WhatsApp number released for registration

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण के लिए सरकार की ओर से वेबसाइट तथा वाट्सएप नंबर जारी किए गए हैं। यदि आप चारधाम यात्रा के लिए वेबासाइट पर आनलाइन पंजीकरण करना चाहते हैं तो आपको registrationandtouristcare.uk.gov.in पर लागइन करना होगा।

इसके बाद आप Register/Login पर जाकर नाम, फोन नंबर समेत अन्य जानकारियां देकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके अलावा मैसेजिंग एप वाट्सएप पर आप 8394833833 पर Whatsapp कर सकते हैं। इस माध्यम से रजिस्ट्रेशन के लिए आपको इस नंबर पर yatra मैसेज करना होगा। इसके बाद आपसे कुछ सवाल किए जाएंगे, जिनका जवाब देते हुए आप चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इस वर्ष नए ट्रांजिट कैंप में होगा पंजीकरण / Registration will be done in new transit camp this year

ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर चारधाम यात्रा के लिए नया ट्रांजिस्ट कैंप स्थापित किया गया है। इस वर्ष चारधाम यात्रा का संचालन तथा आफलाइन पंजीकरण इसी ट्रांजिट कैंप पर की जाएगी। पर्यटन विभाग के उप निदेशक वीएस गंगवार ने बताया कि नए ट्रांजिट कैंप में भवन का कार्य 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

आउटर में सड़क, पार्किंग आदि का काम शेष रह गया है। करीब चार करोड़ की लागत से यह काम होना है, जिसके लिए दो करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए हैं। इसके अलावा भवन के भीतर अवस्थापना कार्य के लिए ड्राइंग तैयार की जा चुकी है। शीघ्र ही यहां फर्नीचर पार्टीशन तथा अन्य कार्य पूरे कर दिए जाएंगे।

धामों में दर्शन की सीमित संख्या करने का विरोध / Opposition to limited number of darshan in Dhams

चारधाम तीर्थ पुरोहित हक- हकूकधारी महापंचायत समिति ने चारधाम यात्रा में धामों में दर्शनों की संख्या सीमित किए जाने पर आपत्ति जताई है। समिति के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि सरकार की ओर से हर वर्ष यात्रा में कोई न कोई नई नीति यात्रा करने वालों को यात्रा से वंचित करने की रहती है।

उन्होंने स्थानीय नागरिकों, स्थानीय व्यापारी, हकदार समाज, पंडा पुरोहित को पंजीकरण की अनिवार्यता से बाहर रखने की मांग की। कहा कि कालांतर में भी यात्री बिना पंजीकरण के भगवान के दर्शन सुलभ व सरल तरीके से करता आया है। इसलिए सरकार अनावश्यक नियम कानून बनाकर श्रद्धालुओं पर न थोपें। सरकार अच्छी सुविधा एवं जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के साथ-साथ वहां पर सड़कों का चाक चौबंद करने पर ध्यान दे। जिससे सभी यात्रियों को उचित सुविधा मिल सके।

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