उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रक्रिया, समयसीमा और तारीख की जानकारी, चुनाव आयोग ने क्या कहा?
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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रक्रिया, समयसीमा और तारीख की जानकारी, चुनाव आयोग ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025

 

भारत के अगले उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। मौजूदा उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्ति की ओर है और ऐसे में सभी की नजर अब इस पर टिकी है कि नई तारीख का ऐलान कब होगा, और पूरी प्रक्रिया कैसे चलेगी। हाल ही में चुनाव आयोग (Election Commission) ने इससे जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख कब घोषित होगी?

चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। आमतौर पर, उपराष्ट्रपति के पद की रिक्ति से पहले ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है। 2025 में उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने की संभावित तारीख से 30 से 60 दिन पहले चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम जारी किया जाएगा। इसमें नामांकन की आखिरी तारीख, स्क्रूटनी, नाम वापसी, और मतदान एवं मतगणना की तारीख शामिल होती है।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कैसी होती है?

भारत का उपराष्ट्रपति चुने जाने की प्रक्रिया एक विशेष तरीके से होती है जिसे गुप्त मतदान (secret ballot) के जरिए इलेक्टोरल कॉलेज (Electoral College) पूरा करता है।यह प्रक्रिया भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत संचालित होती है।

चुनाव में भाग लेने वाले कौन होते हैं?

  • लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद (Member of Parliament) इस चुनाव में वोट डालते हैं।
  • कुल मतदाता – लगभग 780 सांसद (543 लोकसभा + 245 राज्यसभा – कुछ रिक्त पदों को छोड़कर)
  • विधानसभा सदस्य (MLAs) इस चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होते।

कैसा होता है मतदान और मतगणना का तरीका?

उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम (अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली) के तहत वोटिंग होती है। इसमें एकल ट्रांसफरबल वोट (Single Transferable Vote) का उपयोग किया जाता है। मतदाता अपनी पसंद के अनुसार उम्मीदवारों को क्रम में अंकित करते हैं. जैसे पहला पसंदीदा, दूसरा पसंदीदा आदि। यदि पहले पसंद का उम्मीदवार आवश्यक कोटा नहीं पा पाता है, तो वोट दूसरे पसंद के उम्मीदवार को ट्रांसफर कर दिया जाता है। गिनती का काम वही दिन पूरा कर लिया जाता है जब मतदान होता है।

उपराष्ट्रपति की भूमिका क्या होती है?

भारत का उपराष्ट्रपति संविधान के अनुसार राज्यसभा का सभापति (Chairman of Rajya Sabha) होता है। जब राष्ट्रपति देश से बाहर हों या असमर्थ हों, तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका भी निभाते हैं। यह एक अत्यंत सम्मानजनक और संवैधानिक पद है, जिसकी चयन प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और गोपनीय होती है।उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए संकेतों के अनुसार, जल्द ही तारीखों का ऐलान किया जाएगा। इस बार भी वही पारंपरिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी जिसमें सांसद मतदान करेंगे और उसी दिन परिणाम की घोषणा भी हो जाएगी।