उत्तरकाशी आपदा पीड़ितों के लिए सीएम धामी ने दिया एक महीने का वेतन, IAS एसोसिएशन भी करेगा मदद

Uttarkashi Dharali Disaster

Uttarkashi Dharali Disaster

देहरादून: Uttarkashi Dharali Disaster: उत्तरकाशी धराली आपदा का आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन भी मौके पर आपदा बचाव कार्य चल रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री धामी ने ने अपना एक माह का वेतन आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये देने का फैसला किया है. वहीं, उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने भी आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये एक दिन का वेतन दान दिया है. ये राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की जायेगी.

धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के दौरान राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक माह के वेतन को आपदा राहत कार्यों के लिए देने की घोषणा की है.

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों के साथ हर कदम पर खड़ी है. इस कठिन परिस्थिति में सभी को एकजुट होकर पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए. उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आम नागरिकों से भी अपील की कि वे अपनी क्षमता के अनुसार राहत कार्यों में सहयोग करें.

वहीं, उत्तराखण्ड आईएएस एसोसिएशन ने भी एक दिन की सैलरी दान देने का फैसला किया है. दिलीप जावलकर ने बताया एसोसिएशन ने उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा को लेकर व्यापक चर्चा की. जिसमें उत्तराखण्ड राज्य के समस्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई०ए०एस०) अधिकारियों ने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से प्रदान करने का फैसला किया है. यह निर्णय आपदा पीड़ितों के प्रति मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है.

उन्होंने बताया कि यह सांकेतिक योगदान न केवल आपदा प्रभावितों के प्रति एसोसिएशन की सहानुभूति और प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि उन समर्पित अधिकारियों, सुरक्षा बलों, चिकित्सकीय दलों, आपदा प्रबंधन कर्मियों एवं स्वयंसेवकों के साथ एकजुटता प्रकट करता है, जो राहत-बचाव और पुनर्वास कार्यों में दिन-रात जुटे हुए हैं.

दिलीप जावलकर ने बताया बैठक में इस भीषण आपदा की घड़ी में एसोसिएशन के प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा की गई है कि वह संवेदना और उत्तरदायित्व के साथ अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें. ऐसी आपदाओं के समय प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी एवं नागरिक की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह पहल संवेदना से परिपूर्ण प्रशासनिक सेवा की उस भावना को पुष्ट करती है, जिसमें जनहित सर्वाेपरि होता है.