अमृतसर में खालिस्तान समर्थक नारे लिखने के मामले को 24 घंटे में सुलझाया; नाबालिग समेत दो व्यक्ति गिरफ्तार
Case of Writing pro-Khalistan Slogans in Amritsar
आरोपी विदेश में रह रहे शमशेर उर्फ़ शेरा मान के संपर्क में थे, कार्रवाई को गुरपतवंत पन्नू के निर्देश पर अंजाम दिया गया था: डीजीपी गौरव यादव
आरोपियों को पैसे के बदले खालिस्तान समर्थक नारे लिखने का लालच दिया गया था, लेकिन उन्हें वह पैसे कभी नहीं मिले: सीपी अमृतसर गुरप्रीत भुल्लर
चंडीगढ़/अमृतसर, 8 अगस्त: Case of Writing pro-Khalistan Slogans in Amritsar: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाने के अभियान में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने खालिस्तान समर्थक नारे लिखने के मामले को 24 घंटे के भीतर सुलझाते हुए एक नाबालिग समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात शहर में तीन स्थानों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। उल्लेखनीय है कि अमेरिका स्थित प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एस एफ जे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी जारी किया था।
गिरफ्तार आरोपियों में बटाला के दरगाबाद गांव निवासी जशनप्रीत सिंह (22 वर्ष) और एक 17 वर्षीय नाबालिग शामिल हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी विदेश में रह रहे शमशेर सिंह उर्फ शेरा मान के संपर्क में थे, जिन्होंने उन्हें गुरपतवंत पन्नू के निर्देशों पर यह कार्रवाई करने को कहा था। उन्होंने बताया कि आरोपियों को स्नैपचैट के जरिए भेजे गए डिज़ाइन देखकर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने को कहा गया, लेकिन वादे के अनुसार उन्हें कोई भुगतान नहीं मिला।
डीजीपी ने कहा कि इस मामले की गहराई से जांच जारी है।
विस्तृत जानकारी साझा करते हुए अमृतसर के पुलिस कमिश्नर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि डीसीपी रविंदरपाल सिंह के नेतृत्व में गठित टीम – जिसमें एडीसीपी जगबिंदर सिंह, एडीसीपी हरपाल सिंह, एसीपी हरमिंदर सिंह, एसीपी शिवदर्शन सिंह और इंस्पेक्टर अमोलक सिंह (सीआईए इंचार्ज), इंस्पेक्टर मोहित कुमार (एसएचओ छावनी), इंस्पेक्टर गुरप्रीत सिंह (एसएचओ सिविल लाइंस), और इंस्पेक्टर अमनदीप कौर (एसएचओ ए डिवीजन) शामिल थे – ने आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की कार्रवाई तुरंत शुरू कर दी थी।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपियों को नारे लिखने के बदले पैसे देने का लालच दिया गया था, लेकिन उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि जशनप्रीत ने नाबालिग के साथ मिलकर बटाला से स्प्रे पेंट खरीदा और फिर इस घटना को अंजाम दिया। इसके बाद उन्होंने इस कार्रवाई की तस्वीरें सबूत के तौर पर शेरा मान के साथ साझा कीं।
इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (बी एन एस) और सरकारी संपत्ति को नुकसान से बचाने संबंधी अधिनियम की धाराओं के तहत पुलिस थाना छावनी, डिवीजन-ए और सिविल लाइंस में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।