चारधाम पर मौसम की मार, उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन से सैकड़ों रास्ते ब्लॉक, केदारनाथ यात्रा रोकी गई

Uttarakhand Chardham Yatra 2025

Uttarakhand Chardham Yatra 2025

रुद्रप्रयाग: Uttarakhand Chardham Yatra 2025: केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड के निकट भूस्खलन होने से बंद हो गया है. पैदल यात्रा मार्ग के दोनों छोरों पर हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. फिलहाल केदारनाथ की यात्रा बंद है और यात्रा मार्ग को सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

पहाड़ों में बारिश के बाद भूस्खलन का दौर जारी है. बारिश के बाद लगातार हो रहा भूस्खलन परेशानी का कारण बन रहा है. बीती रात हुई बारिश के कारण केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड के समीप छोरी नामक गदेरे में पहाड़ी से भारी मात्रा में बोल्डर एवं मलबा गिरने के कारण बंद हो गया है. यात्रा मार्ग के दोनों छोरों पर हजारों की संख्या में केदारनाथ धाम आने जाने वाले तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं. यात्रिओं को एसडीआरएफ की ओर से सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जा रहा है. आए दिन केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग और सोनप्रयाग गौरीकुंड मोटर मार्ग पर हो रहे भूस्खलन के कारण तीर्थ यात्रियों को परेशानी हो रही है. बारिश और भूस्खलन के कारण केदारनाथ धाम की यात्रा भी प्रभावित हो रही है.

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि गौरीकुंड से एक किमी आगे क्षतिग्रस्त हुए पैदल मार्ग को खोलने की कार्रवाई गतिमान है. इस स्थान पर दोनों छोरों से यात्रियों को सुरक्षा बलों की उपस्थिति में पार करवाया जा रहा है. बताया कि सम्बन्धित कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग मार्ग को खोलकर आवाजाही सुचारू करने में लगा है. फिलहाल यहां पर उपस्थित जिला पुलिस, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमों द्वारा यात्रियों को दोनों छोरों से सुरक्षित ढंग से पार करवाया जा रहा है. मानसूनी सीजन में लगातार हो बारिश के चलते केदारनाथ धाम पैदल मार्ग भूस्खलन की दृष्टि से काफी संवेदनशील हो चुका है. ऐसे में पैदल यात्रा कर रहे श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सतर्कता बरती जानी आवश्यक है.

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन का कहना है कि भूस्खलन को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और मलबा हटाने के लिए मजदूरों को भी लगा रखा है. गौरीकुंड और मनकटिया में लगातार यात्रियों को उतारा और भेजा जा रहा है. डीएम प्रतीक जैन ने कहा कि हम यह कोशिश कर रहे हैं कि जब बारिश हो रही है, तब केदारनाथ से कोई व्यक्ति नीचे ना आए और नीचे से कोई व्यक्ति केदारनाथ ना जाए, हमारी सभी टीम मुस्तैदी के साथ लगी हुई है.