मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ राहत के लिए ‘टीम-11’ का किया

Chief Minister Yogi Adityanath formed 'Team-11' for flood relief

Chief Minister Yogi Adityanath formed 'Team-11' for flood relief

विजय कुमार निगम 
लखनऊ। Chief Minister Yogi Adityanath formed 'Team-11' for flood relief: 
प्रदेश में हालिया बाढ़ की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए अपने मंत्रियों की एक विशेष ‘टीम-11’ का गठन किया है। यह टीम बाढ़ प्रभावित 12 जनपदों में राहत कार्यों की निगरानी करेगी और सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित न रह जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह समय संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का है। राज्य सरकार हर नागरिक की सुरक्षा, भोजन, आवास और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी पूरी प्रतिबद्धता से निभाएगी। उन्होंने दो12 बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 11 प्रभारी मंत्रियों की तैनाती

  • डीएम, एसपी, सीएमओ समेत सभी अधिकारी 24x7 फील्ड में रहकर करें कार्य
  • तटबंधों की सतत निगरानी, जलनिकासी व साफ-सफाई के निर्देश
  • राहत शिविरों में भोजन, चिकित्सा, पेयजल व महिलाओं-बच्चों की सुविधाओं का हो समुचित प्रबंध
  • किसानों की फसल क्षति, भूमि कटाव व घरेलू नुकसान पर 24 घंटे में मिले सहायता राशि
  • पशुधन की सुरक्षा, चारे व पशु चिकित्सा की व्यवस्था को प्राथमिकता
  • अफवाहों पर सख्त कार्रवाई और अर्ली वार्निंग अलर्ट तत्काल जनता तक पहुंचे
  • टूक कहा कि राहत कार्यों में किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी प्रभारी मंत्री तत्काल अपने-अपने जिलों का दौरा करें, राहत शिविरों का निरीक्षण करें और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद स्थापित कर जमीनी स्थिति की समीक्षा करें। जिलों के डीएम, एसपी, सीएमओ सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में रहें और 24x7 निगरानी व्यवस्था सक्रिय रखें। मुख्यमंत्री ने तटबंधों की चौबीसों घंटे निगरानी, जलभराव वाले गांवों से पानी की शीघ्र निकासी, एवं राहत शिविरों में भोजन, दवा, शौचालय, साफ-सफाई तथा महिलाओं व बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत सामग्री और भोजन पैकेट की आपूर्ति समयबद्ध और गुणवत्तायुक्त होनी चाहिए। किसी भी स्थिति में खाद्यान्न की गुणवत्ता या मात्रा से समझौता न किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के कारण जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, जहां नदी के कटाव से भूमि का नुकसान हुआ है या फिर जिन परिवारों की गृहस्थी का सामान नष्ट हो गया है, ऐसे सभी मामलों में 24 घंटे के भीतर सहायता राशि प्रदान की जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि यह सहायता स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के माध्यम से ही वितरित की जाए ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे और लाभार्थियों तक मदद समय पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने पशुधन की सुरक्षा को भी प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहां पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और वहां चारे तथा पशुचिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्पदंश जैसी स्थितियों में एक भी पीड़ित हो, तो उसका इलाज त्वरित और प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि राहत आयुक्त द्वारा जारी अर्ली वार्निंग अलर्ट को संबंधित जनपदों की आम जनता तक तत्काल पहुंचाया जाए। सभी संबंधित विभाग आपदा प्रबंधन के प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें। शहरी क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशनों को क्रियाशील रखा जाए। उन्होंने पंपिंग स्टेशन के संचालन हेतु वैकल्पिक विद्युत आपूर्ति के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था करने को कहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि किसानों की फसलों का त्वरित सर्वेक्षण कराया जाए और राजस्व एवं पंचायतीराज विभाग के माध्यम से सहायता वितरण की प्रक्रिया को तेज व पारदर्शी बनाया जाए। साथ ही, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं पीएसी की फ्लड यूनिट्स की तैनाती के माध्यम से राहत कार्यों को प्रभावशाली रूप से संचालित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की अफवाह या भ्रामक सूचना पर त्वरित सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, जिससे जनता में भ्रम न फैले और संकट काल में संचार तंत्र सशक्त बना रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि बाढ़ से किसी भी जनपद में जनहानि न हो। इस दिशा में प्रत्येक जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निकाय और ग्रामीण विकास से जुड़े अधिकारी आपसी समन्वय और संवाद से कार्य करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन एवं इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम के माध्यम से जनता से सतत संपर्क बना रहे। राहत कार्यों के दौरान सभी अधिकारियों एवं कर्मियों का व्यवहार शालीन, संवेदनशील और मानवीय हो, जिससे पीड़ितों को मानसिक संबल मिले।

मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि सभी 12 बाढ़ प्रभावित जिलों की उच्चस्तरीय निगरानी की जाए और मुख्यमंत्री कार्यालय को नियमित रूप से अद्यतन जानकारी भेजी जाए। उन्होंने कहा कि यह संकट की घड़ी पूरे सरकारी तंत्र की एकजुटता और तत्परता की परीक्षा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह खरा उतरेगी।

बाढ़ प्रभावित जनपद एवं प्रभारी मंत्री-

बाढ़ प्रभावित जनपद एवं प्रभारी मंत्रियों में (टीम-11) प्रयागराज- नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', जालौन- स्वतन्त्र देव सिंह एवं संजय गंगवार, औरैया- स्वतन्त्र देव सिंह एवं प्रतिभा शुक्ला, हमीरपुर- रामकेश निषाद, आगरा- जयवीर सिंह, मीरजापुर- नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', वाराणसी- सुरेश खन्ना, कानपुर देहात- संजय निषाद, बलिया- दया शंकर मिश्रा 'दयालु', बांदा- नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी', इटावा- धर्मवीर प्रजापति और फतेहपुर- अजीत पाल शामिल हैं।