'योगी आम' देखकर मुस्कुराए सीएम योगी, बोले- ढाई किलो का आम देख कर होता है आश्चर्य

Mango Festival 2025

Mango Festival 2025

लखनऊ : Mango Festival 2025: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने राजधानी के अवध शिल्प ग्राम में तीन दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025’ का शुभारंभ किया. महोत्सव में देशभर के बागानों से चुनकर लाए गए लगभग 800 से अधिक किस्मों के आमों की प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया. प्रदर्शनी में तमाम प्रजातियों के आम अपने रूप-रंग और आकार-प्रकार के कारण चर्चा में रहे. प्रदर्शनी में आए लोग पपीते के आकार से लेकर सुपारी के आकार वाले आम देखकर दंग रह गए. वहीं कई प्रजातियों के रंग मनोहारी थे. जायके की बात करें, तो यहां एक से बढ़कर एक स्वाद वाले आम मौजूद हैं. सचमुच आम के शौकीन यहां आकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. लोग कहना नहीं भूलते कि 'रंग से ही फरेब खाते रहे, खुशबुएं आजमाना भूल गए.'

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आम महोत्सव न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है. कहा कि आम उत्पादन को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए लखनऊ, अमरोहा, सहारनपुर और वाराणसी में चार आधुनिक पैक हाउस स्थापित किए गए हैं. इन पैक हाउसों के माध्यम से आम की गुणवत्ता, वैरायटी और एक्सपोर्ट के मानकों की जानकारी किसानों को दी जाती है. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आम महोत्सव न केवल आम उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देता है, बल्कि बागवानों में औद्यानिक फसलों, आधुनिक तकनीक और वैश्विक बाजारों के प्रति विश्वास जगाने का भी माध्यम है.

योगी ने कहा कि इस महोत्सव के दौरान दो देशों के लिए आमों का एयर कार्गो रवाना किया गया, जिसमें सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी ने बागवानों को बेहतर दाम दिलाने में मदद की. मुख्यमंत्री ने महोत्सव में सभी स्टॉलों का निरीक्षण किया और लखनऊ की दशहरी, वाराणसी का लंगड़ा, गोरखपुर का गवर्जीत, बस्ती का आम्रपाली, मेरठ और बागपत का रटोल जैसी किस्मों की जानकारी ली. उन्होंने बागवानों के परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और तकनीकी नवाचार ने उत्तर प्रदेश को औद्यानिक फसलों का केंद्र बनाया है. योगी सरकार ने बागवानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी, प्रशिक्षण और बाजार की सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, जिससे उनकी आय कई गुना बढ़ी है.

सीएम योगी ने बताया कि एक समय उत्तर प्रदेश की जीडीपी में कृषि और औद्यानिक फसलों का योगदान 25-30% था. आज सरकार की नीतियों ने इस क्षेत्र को और सशक्त किया है. अर्जुन सहायक, बांध सागर और सरयू नहर जैसी परियोजनाओं ने बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में जल की समस्या का समाधान किया है. परिणामस्वरूप, जहां पहले एक या दो फसलें होती थीं, वहां अब किसान तीन फसलें ले रहे हैं.

उन्होंने हरदोई, कानपुर और औरैया के दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि मक्का की खेती से किसान प्रति एकड़ एक लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने कृषि विज्ञान केंद्रों और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के माध्यम से आधुनिक तकनीक को बढ़ावा दिया है. उन्होंने कहा कि 2017 में जहां पांच करोड़ पौधों का रोपण एक चुनौती थी, वहीं अब 9 जुलाई 2025 को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 50 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा. यह उत्तर प्रदेश की प्रगति और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

महोत्सव में संगोष्ठियों, प्रगतिशील किसानों के अनुभव साझा करने और बायर्स-सेलर्स मीट का आयोजन किया जाएगा. सीएम योगी ने सुझाव दिया कि कमिश्नरी स्तर पर भी ऐसे आयोजन होने चाहिए, ताकि स्थानीय बागवान अपनी फसलों की प्रदर्शनी और बिक्री कर सकें. उन्होंने बागवानों से हल्दी, अदरक और अन्य औद्यानिक फसलों के साथ फूड प्रोसेसिंग को अपनाने का आह्वान किया, ताकि उनकी आय को और बढ़ाया जा सके. यह महोत्सव बागवानों, किसानों और उत्तर प्रदेश की प्रगति को वैश्विक मंच पर ले जाने का एक शानदार मंच साबित होगा. सीएम योगी ने प्रगतिशील बागवानों और निर्यातकों को प्रशस्ति पत्र और एक पौधा देकर सम्मानित किया, साथ ही महोत्सव की स्मारिका का विमोचन भी किया. इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा सहित कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.