बिना डांट-फटकार के बच्चों से होमवर्क कराइये
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बिना डांट-फटकार के बच्चों से होमवर्क कराइये

How to make kids do homework

बिना डांट-फटकार के बच्चों से होमवर्क कराइये

डॉ. स्वतन्त्र जैन
मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता

आजकल बच्चे मोबाइल-टीवी पर कार्टूनों  , गेम्ज़ व सोशल मीडिया पर ऐसे चिपके रहते हैं कि होमवर्क (homework) के नाम से ही चिढ़ने व रोने लगते हैं। एक किटी-पार्टी के दौरान बच्चों के होमवर्क को लेकर कुछ यंग मदर्स की कमेंटरी मेरे ज़हन में आ गई, आप भी सुनिये :


'बच्चों से होमवर्क (homework) कराना सचमुच एक तपस्या हैं; '

अरे होमवर्क तो हमारा होता है, बच्चे तो जैसे हमपर अहसान ही करते हैं;

'मैं तो कभी उनके होमवर्क करते समय कोई दख़लांदाजी नहीं करती;

'मेरी सनोली का होमवर्क हो गया तो जैसे मैंने गंगा नहा ली आदि।

इतनी परेशानी?
तो दोस्तों, क्यूं ना आज सभी यंग मदर्स (young moms) की तपस्या, परेशानी व चिंता को दूर करने के लिये एक खुशियों-भरा तोहफा दे-दिया जाए?

जी हां! हम आज यही बात करेंगे कि बिना डांट-फटकार के होमवर्क कैसे कराएं?


कोई गुत्थम-गुत्थी या कुश्ती नहीं, बल्कि ऐसे काम कराएं ताकि ना बच्चों को कोई शिकायत हो और ना आपको कोई डांट-डपट करनी पड़े।
 

* बच्चों को यह अहसास दिलाएं कि होमवर्क उनकी जि़म्मेवारी है, आपकी नहीं :

आप मदर्स (Mothers) प्राय: बच्चों के होमवर्क के पीछे पड़कर उन्हें यह अहसास कराती हैं कि जैसे उनका होमवर्क आपकी समस्या और जि़म्मेवारी है, उनकी नहीं। इसके विपरीत आपको उन्हें यह अहसास कराना होगा कि होमवर्क करना उनकी सबसे बड़ी जि़म्मेवारी व फर्ज है जिसे हर बच्चे को हर-रोज़ बिना किसी ना के पूर्ण करना ज़रूरी है। अत: आप खुद कभी उनका होमवर्क न करें। हां! उनकी मुश्किल में आप उन्हें गाईड ज़रूर करें। किंतु उन्हें यह अहसास अवश्य दिलाएं कि होमवर्क ना करने या अधूरा छोडऩे पर स्कूल में उनके हिस्से की डांट खाना और सब बच्चों के सामने अपमानित व शर्मिंदा उन्हें ही होना पड़ेगा, आपको नहीं।


* बच्चों से मिठास-भरे संबंध बनाएं :

कोई भी रूल या अनुशासन थोपने से पहले उनके साथ अपने रिश्ते को इतना मधुर बनाएं कि बच्चा आपकी बात सुनने-मानने को बेताब रहे। उसे लगे कि मां की बात नहीं मानी तो मां नाराज़ हो जाएगी। इसलिये पहिले प्यार दें बाद में अपेक्षा रखें। याद रखें कि अपने आपसी रिश्तों को बिना मधुर बनाए यदि आप कुछ उनपर थोपेंगे तो धीरे-धीरे बच्चे आपकी अवमानना करना शुरु कर देंगे। अत: कोशिश करिये कि उनके स्कूल जाने, होमवर्क करने, खाने या सोने को लेकर कभी मत उलझें।
 

* उन्हें कभी होमवर्क के लिये विवश मत करें :

यदि आप विवश करेंगी तो ध्यान रहे कि बच्चों से आपके रिश्ते कभी मधुर नहीं बन पाएंगे। क्योंकि मधुर संबंध बनाए बिना आप उनसे कभी रूल नहीं मनवा सकती। इसलिये बात-बात पर डराना-धमकाना छोड़ दें।


* बच्चों से उनकी जि़म्मेदारियों के बारे खुलकर बात करें :

बच्चों से यह ज़रूर पूछें कि वे खुद से और आपसे क्या उम्मीद रखते हैं। प्रत्येक सैशन में अपनी अपेक्षाएं बताने के बजाए आप बच्चों से उनकी अपेक्षाएं एवं जि़म्मेवारियां पूछकर देखें ताकि उन्हें यह अहसास हो कि पढ़ाई व होमवर्क करना उनकी अपनी जि़म्मेवारी है, जिसमें उनके पेरेंटस अपनी सलाह देकर केवल उनका सहयोग करते हैं।


* उनसे होमवर्क पूर्ण ना करने के दुष्परिणामों के बारे विमर्श करके प्यार से जरूर समझाएं :

बच्चों से पूछने पर कुछ दुष्परिणाम तो वे भी बता सकते हैं जैसे : स्कूल में टीचर से डॉंट या मार पडऩा, क्लास में स्टूल पर खड़़ा कर देने या बाहर निकाले जाने की वजह से अपमानित होना और घर में टीवी/खेल-टाइम में कटौती या उनकी किसी मनपसंद डिश या मस्ती-भरी आउटिंग से वंचित होना आदि। इससे उन्हें यह संदेश जाएगा कि अपनी सजा़ या कटौती के लिये वे स्वयं जि़म्मेदार हैं, कोई और नहीं।


* जिम्मेदारियों पर बात करते समय आप निम्न विषयों पर विमर्श करें :

बच्चों से ही पूछ देखें कि वे अपना होमवर्क कब करेंगे? अगर वे उलझन में दिखाई दें तो आप उनके लिये कुछ विकल्प सुझा सकते हैं, जैसे : स्कूल से आकर ड्रेस बदलकर कुछ खा-पीकर घंटा-भर आराम करने के बाद या सांझ को खेलने से पहिले या बाद में या फिर रातको सोने से पहिले! उन्हे अपना समय चुनने की आजादी दें। किंतु उनसे यह अवश्य स्पष्ट करदें कि होमवर्क 'नहीं करने का विकल्प बिल्कुल नहीं है उनके पास।


* उनसे पूछिये कि होमवर्क पूर्ण ना होने की दशा में वे अपने कौन से विशेषाधिकार छोडेंगे :

खेलना, टीवी या कुछ और?
 

* यह भी बताएं कि होमवर्क से छुट्टी किस-किस दिन मिल सकती है :

जैसेै शनिवार की रात या रविवार की सुबह; यह समय पेरेंटस संग मस्ती या पिकनिक का रख सकते हैं। याद रखिये, जब बच्चे अपना रुटीन खुद तय करेंगें तो उसे निभाने की जि़म्मेवारी भी उन्हीं की होगी, यह उन्हें प्यार से स्पष्ट कर दीजिये।


* बच्चों को यह अवश्य जतलाएं कि इस सारी डिसकशन के मम्मी-पापा और बच्चे सभी ज़रूरी हिस्से हैं :

और इन सभी बातों को एक नयी डायरी में अच्छे से लिख़कर इस कांट्रेक्ट पर आप सभी के हस्ताक्षर ले लें ताकि एक अहम रिकार्ड बनने पर किसी को भी इस शिकायत की कोई गुंजाईश ही ना रहे कि 'यह तय नहीं हुआ था या 'यह ऐसे था।


* उन पर विश्वास करने का प्रयास करें :

होम वर्क के लिये उनके पीछे न पड़ें। यह बिल्कुल संभव है कि अपना होमवर्क का समय खुद ही तय करने के बाद वे उसेे अवश्य पूरा कर लें। उन पर विश्वास जतला कर देखें। यह मत सोचिये कि आपकी देख-रेख बिना बच्चे होमवर्क नहीं करेंगे। हां! बीच-बीच में आप चेक करके उन्हें हल्के से याद दिला सकते हैं।

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* उनके टीचर से संपर्क रखने का प्रयास करें :

ताकि आपको अपने बच्चे बारे फीडबैक मिलती रहे। बच्चों को इस बारे अवश्य जानकारी दें और बताएं कि टीचर की नैगेटिव फीडबैक की वजह से उनके किसी ना किसी पसंदीदा कार्यों या खेलनेे के समय में कटौती करनी पड़ेगी। और यह भी कि टीचर की पॉजिटिव फीडबैक के बाद ही यह कटौती हटेगी, वरना नहीं! इससे आपको बच्चे के पीछे-पीछे घूमना या उलझना नहीं पड़ेगा।


* बच्चों के होमवर्क समय पर या उससे पहले खत्म करने पर उनकी प्रशंसा करके शाबाशी अवश्य दें :

यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि जिस बात के लिये बच्चे को सराहा जाए या ईनाम दिया जाए, उसे वह बारंबार करने का प्रयास करेगा।  इसीलिये होमवर्क समय पर खत्म करने से शाबाशी मिलने पर वह हमेशा ऐसा ही करने का प्रयास करेगा। उसे आप विशेष छूट, ईनाम या स्टीकर भी दे सकते हैं।


* बच्चों के होमवर्क के समय उनका ध्यान बंटाने से बचें :

उनके होमवर्क करते समय आप टीवी देखकर या गप-शप से उन्हें डिसटर्ब मत करें। ऐसा करने से उनका न केवल ध्यान-भंग होगा अपितु वे भी टीवी देखने को मचल उठेंगे।


* उनके होमवर्क करते समय आप भी खुद को किसी महत्वपूर्ण काम में व्यस्त रखें :

इससे बच्चे को यह संदेश जाएगा कि वे काम करने वाले अकेले नहीं, बल्कि बड़े-छोटे सभी के लिये यह समय काम निपटाने का है। फिर चाहे आप कोई अच्छी पुस्तक पढ़ें या कोई घर का अन्य ज़रूरी काम निपटाएं।


यह सब करने से बहुत संभव है कि आपका बच्चा होमवर्क को एक बोझ समझने के बजाए उसमें आनंद लेना शुरु कर दे और एक जिम्मेवार बच्चा बनने की ओर कदम बढ़ा सके। यदि आप ऐसा कर पाएं तो धीरे-धीरे आप उन्हें अन्य कार्यों के लिये भी जिम्मेवारी सिखला सकते हैं।

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