बस्तर के चहुंमुखी विकास हेतु महत्वपूर्ण पहल प्रारंभ हुआ

All-round Development of Bastar
(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )
विजयवाडा : All-round Development of Bastar: (आंध्र प्रदेश) आंध्रप्रदेश के सांसदों ने दशकों पूर्वी पहले की गई विकास की योजनाओं को पुनह एक बार पलटने की जरूरत पर पत्र लिखा तीन राज्यों का सीमा होने के वजह और इधर महाराष्ट्र विदर्भ की सीमा से चार रराज्यों का संगम अनेक वर्षों से पिछड़ा है कोरापुट रेल मार्ग तक पहुंचने वाली रेल मार्ग को स्वीकृति प्रदान होने के कारण एक कदम आगे बढ़ कर मलखानगिरी, से मोटू से कोंटा से भद्राचलम रोड रेलवे जंक्शन से जोड़ने का अनुरोध आंध्र प्रदेश के सांसद और खम्मम के सांसद ज्ञापन केंद्र सरकार को भेजा
जिसमें बताया गया कि हाल ही बस्तर के सांसद श्री किशन ने और और आप उसे रेलवे लाइन सुकमा को जोड़ने पर जोर दिया
विदित हो कि सन 1968 दशक के लगभग किरण दूर से विशाखापट्टनम की जब रेलवे लाइन बंद रही थी उस समय उक्त रेल परियोजना को क*** गुड भद्राचलम रेलवे रोड जंक्शन कोथगुडेम पास स्थित है जिसको तत्कालीन मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश , उड़ीसा से जोड़ने का भी एक प्रस्ताव उस समय प्रधानमंत्री को रेलवे मंत्री को भेजा गया था उस समय के विधायक सोयम जोगय्य समर्थन जताई और आंध्र प्रदेश के भद्राचलम के भारतीय कमुनिस्ट पार्टी विधायक स्वर्गीय मुख्यमंत्री जलगम वेंगल राव ने भी सहमति जताई उन्होंने कहा कि तीन चार जो को जोड़ने वाली रेलवे मार्ग पहाड़ी इलाका विकास होने में बहुत फायदेमंद रहेगा कहा कोयला खदान होने के वजह से आंध्र प्रदेश भद्राचलम के पास और उधर वस्त्र में दर्द वाड़ा अयस्क खदान होने के वजह से व्यापारिक तौर से अच्छा विकास करेगा कहा लेकिन अशिक्षित आदिवासी इलाका उसके बाद नकली प्रभावित होने के वजह से उन प्रस्ताव को कुछ समय के लिए केंद्र में रोक दिया था
राज्य कूलर विभाजन 1957 की अनुसार कोतागुडम का रेलवे लाइन प्रस्ताव भी स्टेट रिफॉर्म कमीशन के रिपोर्ट में एक कमेटी को भेजकर कोटा भद्राचलम राजमहेंद्रवरम से भी क्षेत्र के भौगोलिक वस्तु स्थिति की प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बस्तर यात्रा पर कुछ अधिकारियों की कमेटी भी उनको एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई उसमें भी यह बात उल्लेख है कहां जो पिछड़े इलाके होने से कुंठा क्षेत्र में 5000 करोड़ का झूठ मिल्की उद्योग का भी आवश्यकता पर राजीव गांधी ने समर्थन किया था इस तरह से विकास पर समर्थन की बातें चल रही थी अब बस्तर में नक्सली गतिविधियों की कमी आने के वजह से उन्हें छेत्र के विकास की लिए पुरजोर मांगे तीनों राज्य के सांसदों द्वारा उठाए जा रही है जिन मुद्दों को लेकर पुन्हा वर्तमान प्रधानमंत्री को पत्र प्रेषित किया गया
इधर पूर्व मंत्री बलिराम कश्यप के पुत्र जगदलपुर बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद महेश कश्यप ने केंद्रीय रेल, सूचना प्रसारण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र सौंपा। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बस्तर को मिली चार नई रेल परियोजनाओं की स्वीकृति पर आभार प्रकट करते हुए क्षेत्र के और अधिक समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव एवं मांगें भी प्रस्तुत की हैं।
सांसद कश्यप ने लिखा कि बस्तर जैसे दूरस्थ और आदिवासी बहुल क्षेत्र को राष्ट्रीय विकास योजनाओं में केंद्र सरकार ने इतनी प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की संवेदनशीलता के परिणाम स्वरूप बस्तर को एक साथ चार रेल परियोजनाओं की सौगात मिली है, जो निश्चित ही आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र की दिशा और दशा को बदलने वाली साबित होंगी।
महेश कश्यप ने यह भी कहा है कि रावघाट से जगदलपुर तक स्वीकृत रेल लाइन का कार्य शीघ्र प्रारंभ हो और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से हो, इसके लिए उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से विशेष आग्रह किया। यह रेल मार्ग बस्तर को छत्तीसगढ़ के सभी दिशाओं के हिस्सों से जोड़ने में सहायक होती हैं कहा।