शगुन का मलाल, बज रहा डंका, श्रम कल्याण बोर्ड में अटका पड़ा है कन्यादान

शगुन का मलाल, बज रहा डंका, श्रम कल्याण बोर्ड में अटका पड़ा है कन्यादान

Shagun's regret

Shagun's regret

श्रमिकों के शगुन के लिए आवेदनों पर कार्रवाई हो रही लगातार देरी

अर्थ प्रकाश संवाददाता, आदित्य शर्मा: पंचकूला, 5 नवंबर: Shagun's regret: बेटी को चौखट से विदा करते पिता के मन में शगुन देने की आस अधूरी की अधूरी रह गई। बेटी की गोद भराई हुई तो भी शगुन नहीं मिलने का मलाल रहा। चारों तरफ बज रहे डंके के बीच बाप-बेटी के हाथ खाली के खाली रह गए।

जी हां, पंचकूला के 109 परिवारों को शगुन का आज भी इंतजार है, जो बेटी के जीवन में उमंग के रंग भर देगा। हरियाणा भवन एवं सन्नति निर्माण इसको श्रम कल्याण बोर्ड की तरफ से श्रमिकों को दिया जाने वाला शगुन क इंतजार लंबा होता जा रहा है। भवन निर्माण कामगार के कर्मचारी बताते हैं कि बेटी दो बच्चों की मां बन चुकी है लेकिन कन्यादान अभी तक नहीं मिला। सही मायने में कन्यादान का मतलब तो ये होता है की बेटी की डोली उठने के बाद कन्यादान का कोई ओचित्य नहीं रहता है। बावजूद परिवारों को दिखाए जा रही उम्मीद बनी हुई है। हालांकि, कन्यादान शादी से तीन दिन पहले मिलेगा लेकिन तीन साल बीत जानें के बाद भी परिवारों के हाथ खाली हैं। जिला कष्ट निवारण सम्मति में भी निर्माण मजदूरों को तीन साल से कन्यादान मिलने की शिकायत की थी। उसमे फैसला हुआ था कि जिन निर्माण मजदूरों के पैसे बकाया है उसका भुगतान शीघ्र किया जाएगा। लेकिन एक बार केस रिओपन करके दोबारा उनको रिजेक्ट कर दिया गया है।

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रायपुररानी से सुरेश कुमार, मोरनी से राजपाल उतरो, धनी राम टीपरा, नराता राम बराट और सुखदर्शनपुर के रहने वाले रामस्वरूप बताते हैं कि श्रम कल्याण बोर्ड में वे कन्या दान राशि के लिए बार बार आवेदन कर थक चुके हैं लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। पंचकूला प्रशासन द्वारा शगुन योजना कन्या दान राशि को लेकर बुलाई गई ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में हर केस पर जांच कर रहा है। डीसी महावीर जैन से इस संबंध में संपर्क किया गया है। लेकिन उनसे श्रमिकों को मिलने वाले कन्यादान राशि के बारे में हो रही कार्रवाई की पुष्टि होना अभी बाकी है।

कन्यादान की आस  रह गई अधूरी

रायपुररानी के निर्माण मजदूर सुरेश कुमार के मुताबिक 2019 में बेटी की शादी की थी लेकिन अभी तक कन्यादान नहीं मिला। श्रमिक कल्याण बोर्ड से बार बार मांग करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। बोर्ड में दस्तावेज दिए लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। कई बार रिकार्ड चैक करने को कहा गया मगर रिकॉर्ड चैक नहीं हुआ। लेकिन कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। जिस खामियाजा भी निर्माण मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। जिस वजह से निर्माण मजदूरों को दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर रहे हैं।

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तकनीकी खामी

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रम कल्याण बोर्ड की तरफ से जो आवेदन रद्द किए गए हैं उनमें तकनीकी तौर पर खामियां पाई गई हैं। हालांकि इसी साल अगस्त में विभाग में लटके पड़े मामलों पर फिर से सुनवाई हुई और जांच को सिरे चढ़ाने के लिए आईटी सैल की मदद ली गई। लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि सैल उनकी मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है। सैल की तरफ से तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए हर पहलु पर जांच की गई।

भवन निर्माण कामगार यूनियन ने उठाई मांग

पंचकूला में श्रमिकों का धनराशि मिलने का इंतजार लंबा होते देख भवन निर्माण कामगार यूनियन की तरफ से मांग उठाई गई है। यूनियन के राज्य सचिव लच्छी राम शर्मा ने दैनिक अर्थ प्रकाश से संपर्क कर कर्मचारियों के लंबित मामलों की जानकारी दी है। उनकी मांग है कि सरकार की मजदूरों की कन्यादान राशि को शीघ्र जारी की जाए। यूनियन गत 2019 से पंचकूला में श्रम कल्याण बोर्ड से राशि की मांग करती आ रही है। बेटियों को मिलने वाली राशि से परिवार के पालन पोषण  में मदद मिल सकती है।