Rebate will be given on machinery for the expansion of old industries, Harshvardhan said in the meeting of the Chamber of Commerce in Kala Amb

पुराने उद्योगों के विस्तार को मशीनरी पर देंगे रिबेट, कालाअंब में चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक में बोले हर्षवर्धन

Rebate will be given on machinery for the expansion of old industries, Harshvardhan said in the meeting of the Chamber of Commerce in Kala Amb

Rebate will be given on machinery for the expansion of old industries, Harshvardhan said in the meet

नाहन:प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को विस्तार देने के उद्देश्य से पुराने उद्योगों में मशीनरी में विस्तार के लिए जीएसटी आदि करों में रिबेट दी जाएगी। इसके लिए जल्द ही कैबिनेट में मामला लाया जाएगा। हालांकि नई यूनिट को सरकार पहले ही 15 प्रतिशत रिबेट दे रही है। उद्योग, संसदीय मामले एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह जानकारी गुरुवार को औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में चैंबर ऑफ कॉमर्स कालाअंब की बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदान की। उन्होंने कहा कि हम हिमाचल में इन्वेस्टमेंट ब्यूरो की स्थापना कर रहे हैं, जो उद्योगों को स्थापित करने के सभी मामलों को देखेगा।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए हैं कि एफसीए (फोरेस्ट क्लीयरेंस) के सभी मामले अविलंब क्लीयरेंस के लिए तुरंत भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कालाअंब क्षेत्र में और अधिक उद्योग आएं इसके लिए मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जाएगा। उन्होंने एचपीटीसीएल को एफसीए के सभी मामले जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने तथा निवेश को लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार ने उद्योग विभाग के माध्यम से एक लैंड बैंक की स्थापना की है। भाजपा की पूर्व सरकार के कार्यकाल में बहुत बड़ी इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया गया, लेकिन धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया। प्रदेश में औद्योगिकीकरण के लिए उपयुक्त माहौल तैयार किया जा रहा है और यहां की जलवायु तथा बिजली व पानी जैसी सुविधाएं दूसरे राज्यों की तुलना में काफी बेहतर हैं, जो निवेशकों को आकर्षित करती हैं।

उद्योग को एनओसी के लिए तय होगी समयसीमा

उद्योग मंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि उद्योगों के लिए जो विभिन्न प्रकार के अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं, वे अविलंब दिए जाएं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करके ऐसा प्रावधान किया जाएगा कि यदि कोई विभाग दो से अधिक बार ऑब्जेक्शन लगाता है, तो स्वत: एनओसी माना जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा उद्योग के लिए एनओसी प्रदान करने के लिए एक समयसीमा निर्धारित की जाएगी और इस समय सीमा के भीतर विभाग को एनओसी प्रदान करना होगा।