RBI Repo Rate Latest Anouncement| RBI ने चौथी बार नहीं बढ़ाया रेपो रेट, दिवाली से पहले दी बड़ी राहत

बैंक से कर्ज लिया है तो RBI की ये घोषणा पढ़ लें; MPC बैठक के बाद गवर्नर ने Repo Rate को लेकर कही यह बात, महंगाई दर जानिए

RBI Repo Rate Latest Anouncement Governor Shaktikanta Das

RBI Repo Rate Latest Anouncement Governor Shaktikanta Das

RBI Repo Rate Latest Anouncement: लग रहा था कि दिवाली के मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाएगी और कर्जदारों पर ज्यादा भुगतान का बोझ बढ़ाया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आरबीआई ने एक बार फिर बैंक के कर्जदरों को बड़ी राहत दे दी है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 की पांचवीं मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने यह घोषणा की है। गवर्नर ने बताया कि, रेपो रेट अपरिवर्तित रूप से 6.50% पर कायम रहेगा. साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिवर्स रेपो रेट को उसके पुराने स्तर 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

रेपो रेट में चौथी बार कोई बदलाव नहीं

बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। वह भी तब जब खुदरा महंगाई की दर आरबीआई के लक्ष्य से बाहर होती दिख रही है। आपको बता दें कि अगस्त में मुद्रास्फीति यानि खुदरा महंगाई की दर 6.83% रही थी। जबकि आरबीआई द्वारा अगस्त में मुद्रास्फीति की दर 5.4 फीसदी अनुमानित थी। इस बार भी आरबीआई द्वारा मुद्रास्फीति की दर 5.4% अनुमानित है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल मुद्रास्फीति घटकर 4.6% रही है जबकि पिछले साल की पहली तिमाही में यह 7.3% थी। वहीं गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 6.5% अनुमानित है... जबकि अगले वित्तीय वर्ष 2024 -25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 6.6% रहने का अनुमान है।

रेपो रेट न बढ़ने से क्या फायदा हुआ?

आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढाए जाने से बैंक से कर्ज लेने वालों पर सीधा असर पड़ता है। रेपो रेट बढ़ने से बैंक से मिलने वाला कार, होम सहित अन्य कर्ज महंगा हो जाता है। कर्ज की EMI ज्यादा ब्याज से चुकानी होती है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी का उन ग्राहकों को फायदा होता है जिन्होंने एफडी (FD) करा रखी है। उनकी एफडी पर ब्याज बढ़ जाता है।

मई 2022 से 6 बार बढ़ चुका है Repo Rate

आपको बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक हर दो महीने में एक बार होती है। मई 2022 से 6 बार Repo Rate बढ़ चुका है। आखिरी बार फरवरी 2023 में आरबीआई ने रेपो रेट में .25 अंक की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की थी। 6 बार रेपो रेट बढ़ने में कुल 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि, आपको यह भी मालूम रहे कि, मई 2022 से पहले कोरोना महामारी के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे पहले आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती भी की थी। साथ ही कई बैठकों में लगातार रेपो रेट को उसी पैमाने पर स्थिर रखा था।

क्या होता है रेपो रेट?

दरअसल, आरबीआई जब बैंकों को कर्ज देता है तो रेपो रेट (RBI Repo Rate) के हिसाब से उस कर्ज पर ब्याज लेता है। वहीं जब बैंकों को आरबीआई से कर्ज महंगा पड़ता है तो वह आगे ग्राहकों को भी कर्ज महंगा देती हैं। इसलिए रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाला लोन सस्ता हो जाता है और अगर बढ़ोत्तरी हो जाती है तो आपका लोन महंगा हो जाता है।

रिवर्स रेपो रेट क्या होता है?

जब बैंकें अपना पैसा आरबीआई में जमा करती हैं तो आरबीआई बैंकों को रिवर्स रेपो रेट (RBI Reverse Repo Rate) के हिसाब से उस पैसे पर ब्याज देता है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम उसके पास जमा करा दें।