गुरु तेग बहादर साहिब जी का शहीदी पर्व विश्वभर में मनाने के लिए शिरोमणि कमेटी करे प्रयास: ग्लोबल सिख काउंसिल
- By Vinod --
- Thursday, 07 Aug, 2025

Shiromani Committee should make efforts to celebrate the martyrdom day of Guru Tegh Bahadur Sahib J
Shiromani Committee should make efforts to celebrate the martyrdom day of Guru Tegh Bahadur Sahib Ji across the world- अमृतसरI ग्लोबल सिख काउंसिल (जी.एस.सी.) ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से ‘धर्म की चादर’ के रूप में सम्मानित नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी के 350वें शहीदी पर्व की स्मृति में दुनियाभर में आयोजित किए जाने वाले शताब्दी समारोहों हेतु प्रयास करने की अपील की है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी को लिखे एक विस्तृत पत्र में काउंसिल की प्रधान लेडी सिंह डॉ. कंवलजीत कौर ने 11 मुख्य प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनका उद्देश्य "मानवता के रक्षक" गुरु तेग बहादर जी के शहीदी पर्व को विश्व स्तर पर मनाते हुए मानव अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और मूल्यों की रक्षा के लिए गुरु साहिब द्वारा दिए गए महान बलिदान को याद करना और उनकी शिक्षाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना है।
ग्लोबल सिख काउंसिल ने कहा कि मानवीय मूल्यों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए गुरु साहिब जी द्वारा दिया गया बलिदान एक ऐतिहासिक मोड़ था जो सम्पूर्ण विश्व के लिए एक श्रेष्ठ मिसाल है। इस कारण उनकी अद्वितीय कुर्बानी को विश्व पटल पर मान्यता दिलाने और आज़ादी व न्याय के रक्षकों के रूप में सिख कौम की छवि को और सुदृढ़ करने के लिए आपसी समन्वय द्वारा वैश्विक प्रयास करना अत्यंत आवश्यक है।
काउंसिल की प्रधान ने कहा कि इस बलिदान के महत्व संबंधी वैश्विक नेताओं, संस्थाओं और संगत को शामिल करके, विशेष रूप से गुरु साहिब और उनके तीन सिख अनुयायियों – भाई मती दास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी – द्वारा सहन किए गए अत्याचारों और यातनाओं की जानकारी के प्रचार से गुरसिखी और गुरबाणी के वैश्विक संदेश को लेकर और अधिक जागरूकता पैदा की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि एस.जी.पी.सी. के समक्ष ये सुझाव रखने के लिए जी.एस.सी. की कार्यकारी कमेटी द्वारा एक ऑनलाइन मीटिंग की गई जिसमें चेयरमैन लॉर्ड इंदरजीत सिंह, उपप्रधान परमजीत सिंह बेदी (अमेरिका) और राम सिंह राठौर (मुंबई), सचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल (चंडीगढ़), कोषाध्यक्ष हरसरन सिंह (पुडुचेरी) और कार्यकारिणी सदस्य – जगीर सिंह (मलेशिया), सतनाम सिंह पूनिया (यूके), गुरदयाल सिंह (फ्रांस), किरणदीप कौर संधू (नेपाल) और हरबीर पाल सिंह भाटिया (ऑस्ट्रेलिया), सहित डॉ. करमिंदर सिंह (इंडोनेशिया) विशेष रूप से शामिल हुए।
डॉ. कंवलजीत कौर ने एस.जी.पी.सी. से अपील की कि गुरु साहिब के शहीदी पर्व संबंधी पंजाब में आयोजित किए जाने वाले बड़े समारोहों में भाग लेने के लिए राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, विभिन्न देशों और राज्यों के मुखियों सहित भारत में उनके राजनयिक प्रतिनिधियों को औपचारिक रूप से निमंत्रण दिया जाए, साथ ही मानव अधिकारों के रक्षक के रूप में गुरु साहिब की भूमिका के संबंध में सभी देशों में अधिकतम प्रचार किया जाए।
उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इस शताब्दी के शहीदी पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए जाने वाले वैश्विक नेताओं को गुरु साहिब के बलिदान के सम्मान स्वरूप स्मारक डाक टिकट, सिक्के या करेंसी नोट जारी करने संबंधी निवेदन किया जाए।
इस कार्य के लिए उन्होंने एस.जी.पी.सी. को इसके विदेशी मिशनों सहित एन.आर.आई. सलाहकार कमेटियों की सहायता लेने के लिए भी कहा है।
उन्होंने एस.जी.पी.सी. से यह भी कहा कि गुरु साहिब जी की जीवनगाथा, उपदेश, कश्मीरी पंडितों के धर्म की रक्षा हेतु दिए बलिदान, और उनके साथ तीन सिख वीरों की कुर्बानियों की जानकारी वाला एक संक्षिप्त किंतु शोध पूर्ण पुस्तिका तैयार कर विदेशी मेहमानों, राजदूतों और विश्व की धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं को पढ़ने हेतु भेजा जाए।
उन्होंने यह मांग भी रखी कि भारत के प्रधानमंत्री से गुरु साहिब के शहीदी दिवस पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने की औपचारिक अपील की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री से निवेदन किया जाए कि वह विदेश मंत्रालय को दुनियाभर के भारतीय दूतावासों में सेमिनार, भाषण और कीर्तन दरबार आयोजित करवाने संबंधी निर्देश जारी करें।
इस पत्र में काउंसिल ने शिरोमणि कमेटी को सुझाव दिया है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया जाए कि नवंबर महीने में गुरु साहिब की शिक्षाओं पर विशेष सेमिनार आयोजित करने हेतु विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिए जाएं, और साथ ही गुरु साहिब के 350वें शहीदी पर्व के संदर्भ में बच्चों के लिए क्लासरूम सत्र आयोजित करने हेतु विभिन्न स्कूल बोर्डों से भी अपील की जाए।
उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर प्राइम टाइम के समय गुरु साहिब के जीवन और बलिदान की गाथा के प्रसारण के साथ-साथ लाइव शब्द कीर्तन/गुरबाणी कथा के प्रसारण संबंधी कार्यक्रम चलाने हेतु लिखित अनुरोध करने का प्रस्ताव भी रखा है।
ग्लोबल सिख काउंसिल की प्रधान ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखते हुए कहा कि आने वाला ‘अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस’ गुरु तेग बहादर साहिब जी की स्मृति में मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र लिखा जाए और इस दिन को अल्पसंख्यकों के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के नाम समर्पित किया जाए और गुरु साहिब के बलिदान को "सत्य व धार्मिक स्वतंत्रता" की ज्योति के रूप में विश्वभर में उजागर किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से भी आग्रह किया जाए कि वे गुरु साहिब की जीवनी और उपदेशों पर अपने मूल्यवान विचार प्रस्तुत करें।
डॉ. कंवलजीत कौर ने एस.जी.पी.सी. से सभी देशों में विभिन्न स्थानीय गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों को गुरु तेग बहादर साहिब जी के जीवन और उनके साथ शहीद हुए सिख अनुयायियों की शहादत पर केंद्रित विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने की अपील भी की है।
इसके साथ ही उन्होंने समस्त संगत से आग्रह किया कि बड़े-बड़े गुरु के लंगर लगाने की बजाय गुरु साहिब की शहादत के महत्व पर आधारित आध्यात्मिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
ग्लोबल सिख काउंसिल की प्रधान ने यह प्रस्ताव भी दिया है कि एस.जी.पी.सी. अपने वैश्विक नेटवर्क की मदद से शहीदी महीने के दौरान वार्षिक अंतरराष्ट्रीय गुरमत जागरूकता सप्ताह मनाने का प्रयास करे तथा ऐसे आध्यात्मिक और शैक्षिक आयोजनों में विश्वभर से अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए।
इस कार्य में शिरोमणि कमेटी द्वारा मेज़बान सरकारों, विदेशों में स्थित एस.जी.पी.सी. मिशनों और एन.आर.आई. सलाहकार कमेटियों की सहायता ली जाए।
काउंसिल ने शिरोमणि कमेटी से अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हुए नौवें पातशाह की महान जीवनगाथा, बलिदान और शिक्षाओं का विभिन्न भाषाओं में अधिकतम प्रचार करने के लिए कहा है।
डॉ. कंवलजीत कौर ने कहा कि काउंसिल ने गुरु तेग बहादर साहिब जी के नाम पर एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार शुरू करने की भी सिफारिश की है, जो विश्वभर में मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए योगदान देने वालों को श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सम्मान स्वरूप दिया जाए।
उन्होंने एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल या ऐप बनाए जाने का भी प्रस्ताव दिया है, जिसमें विश्वभर में रहने वाले आम नागरिकों की जानकारी और अंतर-धार्मिक समझ के लिए गुरबाणी, गुरमत, गुरु साहिबानों के जीवन, लेखन और ऐतिहासिक स्थलों से संबंधित व्यापक सामग्री और सिख विद्वानों के विचार शामिल हों।
ग्लोबल सिख काउंसिल ने इन पहलकदमियों के अमल में शिरोमणि कमेटी को अपने पूर्ण सहयोग और समर्थन की पेशकश करते हुए विश्वास जताया है कि नौवें पातशाह का 350वां शहीदी पर्व, उनके द्वारा मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए दिखाए गए मार्ग और गुरु साहिब के दर्शन के सच्चे अर्थों में प्रचार-प्रसार के लिए एक ऐतिहासिक अवसर सिद्ध होगा।