पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण गंभीर मसला, सभी को मिलकर करना होगा काम: मुख्यमंत्री
BREAKING
हरियाणा यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष बने निशित कटारिया; कांग्रेस ने प्रदेश और जिलास्तर पर पदाधिकारियों की घोषणा की, यहां पूरी लिस्ट हिमाचल में बड़ा हादसा; मंडी में यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, इतने लोगों की मौत, 20 यात्री घायल, कई गंभीर, अफरा-तफरी मची हरियाणा में IAS-HCS अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ी; सरकार ने अतिरिक्त चार्ज सौंपा, जानिए किस अफसर को क्या? देखिए लिस्ट 'ईरान में तेहरान शहर तुरंत खाली करें सभी लोग'; अमेरिका ने बयान जारी कर दुनियाभर में मचाई खलबली, ट्रंप ने ईरान को दे डाली धमकी चलती बाइक पर कपल का जानलेवा इश्क; बीच सड़क युवक से लिपटकर पेट्रोल टंकी पर बैठी लड़की, ट्रैफिक पुलिस ने काटा 53,500 का चालान

पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण गंभीर मसला, सभी को मिलकर करना होगा काम: मुख्यमंत्री

Pollution Caused by Stubble Burning

Pollution Caused by Stubble Burning

प्रदूषण को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने किए व्यापक प्रबंध : मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल

पराली जलाने की घटनाओं में आई काफी कमी, पंजाब की तुलना में हरियाणा में बेहद कम घटनाएं

चंडीगढ़। Pollution Caused by Stubble Burning: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण एक गंभीर मसला बना गया है। प्रदूषण को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं। किसानों में जागरूकता पैदा करने के साथ ही पराली जलाने पर एफआईआर तथा जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। वर्ष 2022 में अब तक हरियाणा में पराली जलाने की महज 1925 घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन घटनाओं की तुलना पंजाब से की जाए तो पता चलता है कि यह घटनाएं काफी कम हैं। पंजाब में 30 अक्तूबर 2022 तक पराली जलाने की 13873 घटनाएं सामने आई हैं।

यह पढ़ें: मोरबी में केबल ब्रिज टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री ने जताया दुख

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण के दुष्परिणाम पूरे इलाके में होंगे। चाहे हरियाणा हो या चंडीगढ़, पंजाब का प्रदूषण हर जगह असर कर सकता है। इसलिए पंजाब सरकार से अपील है कि वे इस बारे में कठोर कदम उठाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल या 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। किसानों को पराली की गांठ बनाने के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि और पराली प्रबंधन के उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेन्टर पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

यह पढ़ें: मुख्यमंत्री ने हरियाणा दिवस की दी शुभकामनाएं, बोले- हरियाणा आज देश के अग्रणी राज्यों में से एक

सरकार ने पराली खरीदने व उद्योगों तक पहुंचाने के लिए नया पोर्टल बनाया है। इस पर पराली खरीदने वाले ठेकेदारों व उद्योगों की जानकारी भी उपलब्ध होगी, जो किसान अपनी पराली बेचना चाहता है वह पोर्टल के माध्यम से सीधा संपर्क कर सकता है। प्रदेश सरकार ने पराली के एमएसपी के लिए कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 24 ऐसे और उद्योग हैं जिन्होंने अपनी ऊर्जा खपत के लिए पराली का उपयोग करने के लिए सहमति व्यक्त की है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल सहित कई उच्चाधिकारी मौजूद रहे।