Deaths due to Propofol Injection: पीजीआई ने चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपी प्रोपोफोल इंजेक्शन से हुई मौतों की रिपोर्ट !

Deaths due to Propofol Injection: पीजीआई ने चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपी प्रोपोफोल इंजेक्शन से हुई मौतों की रिपोर्ट !

Deaths due to Propofol Injection

Deaths due to Propofol Injection

एनेस्थीसिया का इंजेक्शन बनाने वाली फर्म पर कार्रवाई को लेकर रहेगा प्रशासन पर दबाव
स्वास्थ्य सचिव का कहना, उनको नहीं मिली अब तक रिपोर्ट

चंडीगढ़, 12 अक्तूबर (साजन शर्मा)
Deaths due to Propofol Injection:
पीजीआई ने प्रोपोफोल इंजेक्शन से सर्जरी के दौरान हुई पांच मौतों को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन को सौंप दी है। अब इंजेक्शन बनाने वाली फर्म पर क्या कार्रवाई होगी इसको लेकर प्रशासन पर जिम्मेदारी आ गई है। भले ही पीजीआई प्रशासन रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपने की बात कह रहा हो लेकिन स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग का कहना है कि रिपोर्ट किसके पास आई है उन्हें नहीं पता। न ही रिपोर्ट को लेकर उनको जानकारी है। उधर मिली जानकारी अनुसार पूरे प्रकरण में एक अन्य फर्म के एनेस्थीसिया इंजेक्शन के सैंपल क्वालिटी चैक में फेल पाए गए हैं।
पीजीआई सूत्रों से मिली जानकारी में रिपोर्ट में प्रोपोफोल इंजेक्शन को ही संस्थान में हुई पांच मौतों के लिए जिम्मेदार माना गया है लेकिन जो कंपनी यह इंजेक्शन सप्लाई कर रही है उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश पीजीआई की ओर से नहीं की गई है। यानि पीजीआई ने भी रिपोर्ट गोलमोल कर दी है और फैसला प्रशासन पर छोड़ दिया है। पीजीआई यह जरूर कह रहा है कि एक बार प्रशासन इस रिपोर्ट पर गौर कर ले लिहाजा उसके बाद ही संस्थान किसी कार्रवाई के लिए सिफारिश करेगा।
उल्लेखनीय है किप्रोपोफोल के इंजेक्शन से मौत होने की जानकारी 1 सितंबर को मिली थी। 2 सितंबर को पीजीआई ने एक कमेटी का गठन किया था। संस्थान  न्यूरोसर्जरी विभाग में एनेस्थिसिया देने के दौरान प्रोपोफाल इंजेक्शन लगाए गए थे जिससे कुछ मरीजों की हालत अचानक खराब होने लगी थी और इसके बाद कुछ मौतें हो गई। इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों का ब्लड प्रेशर अचानक नीचे कमी आने पर किडनी फेल होना शामिल था। इसके बाद जांच शुरू की गई थी। मुंबई की नियोन लेबोरट्रीज लिमिटेड के प्रोपोफोल इंजेक्शन के जो सैंपल भरे गए थे वह घटिया क्वालिटी के पाए गए थे। सैंपलों में बैक्टिीरियल एंडोटॉक्सिंस के अलावा फैटी एसिड और प्रोपोफोल डिमर पाए गए। इससे पहले भी इस इंजेक्शन का प्रयोग पीजीआई करता रहा है। पीजीआई की कमेटी की ओर से आशंका जताई गई कि इंजेक्शन के किसी बैच में यह दिक्कत हो सकती है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की नियोरोफ इंजेक्शन (नियोन लैब के प्रोपोफोल इंजेक्शन) की रिपोर्ट भी आ गई थी। बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन इस मामले में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को निक्सी लैब्स द्वारा निर्मित एनेस्थीसिया इंजेक्शन को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है। निक्सी लेबोरट्रीज को भी मार्केट से इस इंजेक्शन के सभी बैच उठवाने के आदेश दिये गए थे।