पंथक जत्थेबंदियों और शिरोमणी अकाली दल ने सिमरनजीत सिंह मान से की यह खास अपील

पंथक जत्थेबंदियों और शिरोमणी अकाली दल ने सिमरनजीत सिंह मान से की यह खास अपील
पंथक जत्थेबंदियों और शिरोमणी अकाली दल ने सिमरनजीत सिंह मान से चुनाव मैदान से हटने और संगरूर संसदीय उपचुनाव के लिए संयुक्त पंथक उम्मीदवार बीबा कमलदीप कौर राजोआणा का समर्थन करने की अपील की
कहा कि बीबा राजोआणा का चुनाव भाई बलवंत सिंह राजोआणा सहित सभी बंदी सिंहों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करेगा: सरदार सुखबीर सिंह बादल
संगरूर/06जून: शिरोमणी अकाली दल के साथ पंथक संगठनों ने आज शिरोमणी अकाली दल (अमृतसर ) के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान से बीबा कमलदीप कौर राजोआणा के समर्थन में संगरूर संसदीय उपचुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी वापिस लेने की अपील की ताकि पंथ की एकता को बनाए रखा जा सके और भाई बलवंत सिंह राजोआणा सहित सभी बंदी सिंहों को जेल से रिहा कराने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।
सभी पंथक संगठनों के साथ साथ शिरोमणी अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं के साथ एक मीटिंग में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से सबका विचार था कि पंजाबियेां को एकजुट होकर संसद में एक मजबूत संदेश देना चाहिए कि सभी सिख बंदियों को रिहा कर दिया जाए, क्योंकि वे अपनी उम्रकैद की सजा की अवधि से भी कहीं ज्यादा जेल में बंद हैं।
इससे पहले बंदी सिंह भाई बलवंत सिंह राजोआणा की बहन कमलदीप कौर राजोआणा ने शिअद, बहुजन समाज पार्टी और सभी पंथक जत्थेबंदियों की संयुक्त उम्मीदवार के रूप में संगरूर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। बीबा राजोआणा के साथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल और पंजाब बसपा अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के संदेश के अनुसार पंथक जत्थेबंदियों के साथ मिलकर काम किया है, जिन्होेने सिख परिवारों में से एक संयुक्त उम्मीदवार को नामित करने का संदेश दिया था। यह कहते हुए कि बीबा राजोआणा के चुनाव से सभी सिख बंदियों को रिहा कर दिया जाएगा, सरदार बादल ने कहा कि , ‘‘ भाई बलवंत सिंह राजोआणा को उनके द्वारा झेली जा रही गहरी पीड़ा से मुक्त कराना हमारा परम कर्तव्य है’’। उन्होने कहा कि भाई राजोआणा के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है, क्योंकि वह 28 साल से बिना पैरोल के जेल में बंद हैं। ‘‘ यहां तक कि उम्रकैद की सजा भी बारह साल में खत्म हो जाती है। भाई राजोआणा को 28 साल के लिए आठ फुट बाई आठ फुट की कोठरी में कैद किया गया , सिवाय एक बार जब उन्हे अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कुछ घंटो के लिए बाहर जाने की अनुमति दी गई थी’’।
पंजाबियों से एक साझा उददेश्य के लिए अपने राजनीतिक मतभेदों को दूर करने के लिए कहते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाबी 1989 में सरदार सिमरनजीत सिंह मान को लोकसभा में चुनने के लिए एकजुट हुए थे। ‘‘ सरदार मान उस समय जेल में थे और उनकी शानदार जीत के कारण उनकी बिना शर्त रिहाई हुई और उनके खिलाफ दर्ज सभी आरोपों को हटा दिया गया था। उन्होने कहा कि सभी सिख बंदियों की रिहाई का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आज उसी एकता की आवश्यकता है’’।
शिरोमणी अकाली दल के चुनाव चिन्ह पर अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद आयोजित कार्यकर्ता मीटिंग में प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने स. सिमरनजीत सिंह मान के चुनाव मैदान से हटने का आग्रह करते हुए प्रस्ताव पढ़ा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इस अवसर पर बलविंदर सिंह भूंदड़, जनमेजा सिंह सेखों, सिकंदर सिंह मलूका, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबड़िया, गोबिंद सिंह लोंगोंवाल, बलदेव सिंह मान, इकबाल सिंह झंूदा, विरसा सिंह वल्टोहा, मनतार बराड़, जोगिंदर सिंह जिंदू, यूथ अकाली दल के अध्यक्ष बंटी रोमाणा, विनरजीत गोल्डी और करनैल सिंह पीर मोहम्मद के साथ साथ बसपा नेतृत्व और बंदी सिंह रिहाई मोर्चा के कार्यकर्ता जंग सिंह और भवनदीप सिंह भी शामिल थे।