पाकिस्तान महां सिंह की गुजरांवाला स्थित ऐतिहासिक 'समाधि' की जल्द मरम्मत कराए : ग्लोबल सिख काउंसिल

पाकिस्तान महां सिंह की गुजरांवाला स्थित ऐतिहासिक 'समाधि' की जल्द मरम्मत कराए : ग्लोबल सिख काउंसिल

Pakistan should Urgently Repair Mahan Singh's Historic

Pakistan should Urgently Repair Mahan Singh's Historic

यादगार गुजरांवाला और पंजाब के लिए सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक : डॉ. कंवलजीत कौर

चंडीगढ़, 24 सितंबर, 2025: Pakistan should Urgently Repair Mahan Singh's Historic: ग्लोबल सिख काउंसिल (जी.एस.सी.) ने पाकिस्तान में गुजरांवाला के शेरांवाला बाग में स्थित महाराजा रणजीत सिंह द्वारा सन् 1837 में अपने पिता महां सिंह की याद में बनाई समाधि को हाल ही में आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए पाकिस्तान सरकार से इस स्मारक की जल्द मरम्मत कराए जाने और सुरक्षा-संरक्षण के प्रयास तेज करने की अपील की है।

काउंसिल की प्रधान लेडी सिंह डॉ. कंवलजीत कौर और सचिव हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि बाढ़ के पानी के कारण समाधि का अष्टकोणीय आधार ढह गया है, जिससे मुख्य ढांचा और गुम्बद गिरने के कगार पर हैं, जिसके कारण इस स्मारक के नजदीकी स्कूल और स्थानीय मोहल्ला निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने पाकिस्तान के इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ई.टी.पी.बी.) से इस यादगार की सुरक्षा के लिए तुरंत मरम्मत और संरक्षण के प्रयास करने की अपील की है।

Pakistan should Urgently Repair Mahan Singh's Historic

उन्होंने कहा कि महां सिंह की समाधि सिखों और पंजाब की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसकी सुरक्षा न केवल सिखों के लिए, बल्कि गुजरांवाला और पूरे पंजाब की पुरातात्विक-सांस्कृतिक धरोहर के लिए गर्व और महत्वपूर्ण विरासत है। काउंसिल ने पाकिस्तान सरकार और ई.टी.पी.बी. से अपील की है कि इस स्थल की असली शान बहाल की जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ सिख राज के गौरवशाली इतिहास से जुड़कर यादें ताजा कर सकें।

कुछ प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में ई.टी.पी.बी. के योगदान को स्वीकार करते हुए ग्लोबल सिख काउंसिल ने इस समाधि समेत कई अन्य अनदेखे ऐतिहासिक स्थलों की बहाली प्रति वक्फ बोर्ड की उपेक्षा को उजागर करते हुए कहा कि इस यादगार की अनदेखी होने के कारण दशकों से इसकी इमारत खस्ताहाल हो रही है और हाल की प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस अनदेखी के साथ यह स्मारक एक नाज़ुक पड़ाव पर पहुँच गया है। जी.एस.सी. ने इस संबंध में ई.टी.पी.बी. के चेयरमैन द्वारा दिए गए भरोसे का स्वागत करते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि भरोसे के अनुसार समाधि की मरम्मत और पुनः बहाली जल्द की जाएगी।

इस यादगार की मरम्मत और संरक्षण के संबंध में प्रयासों में ग्लोबल सिख काउंसिल ने पेशकश की है कि वह इवैक्यूई ट्रस्ट के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। इस स्मारक की सुरक्षा, मरम्मत और पुनः बहाली की पहल में उन्होंने पाकिस्तान की पंजाब सरकार और वहाँ के चुने हुए संसद सदस्यों को पूरा समर्थन देने के लिए कहा है।