कौन हैं मणिपुर की मार्गरेट रामथार्सिएम, जिनकी PM मोदी ने की तारीफ, क्या करती हैं

Who is Margaret Ramtharsiem from Manipur

Who is Margaret Ramtharsiem from Manipur

Who is Margaret Ramtharsiem from Manipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 129वीं बार मन की बात जरिए भारत की जनता को संबोधित किया. 2025 के आखिरी एपिसोड में उन्होंने देश की उपलब्धियों पर चर्चा की और साथ ही 2026 में देश को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने को लेकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान एक नाम का जिक्र किया, जिसकी चर्चा अब पूरा देश कर रहा है. वो नाम है मणिपुर की मार्गरेट रामथार्सिएम का. पीएम मोदी ने कहा कि मन की बात ऐसे लोगों को सामने लाने का भी मंच है जिन्होंने अपनी मेहनत से पारंपरिक कलाओं को आगे बढ़ाया है, साथ ही स्थानीय लोगों को भी मजबूत बनाया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर के चुराचांदपुर में मार्गरेट रामथार्सिएम ने पारंपरिक चीजों, हैंडीक्राफ्ट्स , बांस और लकड़ी से बनी चीजों को एक अलग नजरिए से देखा और आज वो एक कलाकार के तौर पर लोगों के जीवन को बेहतर बना रही हैं.

50 से ज्यादा लोगों को दिया रोजगार

मणिपुर की हैंडिक्राफ्ट आर्टिस्ट मार्गरेट रामथार्सिएम के साथ 50 से ज्यादा कलाकार काम कर रहे हैं. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से दिल्ली समेत कई राज्यों में अपने प्रोडक्ट्स के लिए मार्केट बनाया है. मार्गरेट ने हैंडीक्राफ्ट कलाकार के तौर पर अपने सफर की शुरुआत की. उन्होंने बांस और लकड़ी से प्रोडक्ट्स बनाए. धीरे-धीरे उन्होंने अपने काम को बढ़ाया और स्थानीय कारीगरों को भी अपने साथ जोड़ा. मार्गरेट अपने आदिवासी पूर्वजों के पारंपरिक हैंडीक्राफ्ट को अपग्रेड और मॉडर्न बना रही हैं, जिनका अभ्यास सैकड़ों साल पहले किया जाता था, वो इसे एक स्थायी बिजनेस में बदलना चाहती हैं.

आत्मनिर्भर भारत विजन से मिली प्रेरणा

 एक इंटरव्यू के दौरान मार्गरेट ने बताया कि पीएम मोदी ने मन की बात में उनका जिक्र करके हौसला बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की पहल ने आदिवासी पारंपरिक पहनावे और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के उनके जुनून को मजबूत किया है. मार्गरेट ने बताया कि पीएम की बात से सिर्फ वो नहीं, बल्कि उनके साथ काम करने वाले लोकल आर्टिस्ट भी बेहद उत्साहित और प्रेरित हैं. मार्गरेट ने बताया कि पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन ने उन्हें काफी प्रेरणा दी है. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें ज्यादा काम करने और ज्यादा स्थानीय कारीगरों को शामिल करने का मोटिवेशन मिलता है. मार्गरेट ने कहा कि आज सरकारी प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें और लोकल आर्टिस्ट को देश-विदेश हर जगह पहचान मिल रही है.