पीजीआई अब गांव-देहात तक पहुंचाएगा आंखों के विशेषज्ञ इलाज, एआई आधारित टेलीमेडिसिन मॉडल तैयार
- By Gaurav --
- Tuesday, 30 Dec, 2025
PGI to bring specialist eye care to rural areas, AI-based telemedicine model ready
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) अब दूरदराज के गांवों और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में भी आंखों के विशेषज्ञ इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने जा रहा है। यह सुविधा पीजीआई के एडवांस्ड आई सेंटर की टीम द्वारा विकसित किए गए एआई आधारित नए टेलीमेडिसिन मॉडल के माध्यम से शुरू की जाएगी।
इस नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के मरीज अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श ले सकेंगे। एआई सिस्टम मरीज के लक्षणों, पुरानी रिपोर्ट और अन्य मेडिकल डाटा का विश्लेषण कर प्राथमिक निदान तैयार करेगा, जिससे डॉक्टरों को सटीक और संपूर्ण जानकारी मिल सकेगी।
एआई करेगा लक्षणों का गहन विश्लेषण
पीजीआई प्रशासन के अनुसार, जब मरीज इस प्लेटफॉर्म पर लॉगिन करेंगे तो वे अपने लक्षण, पुरानी जांच रिपोर्ट और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दर्ज कर सकेंगे। एआई सिस्टम इन सभी डाटा को प्रोसेस कर एक समग्र डायग्नोस्टिक प्रोफाइल तैयार करेगा, जो कई बार पारंपरिक जांचों में छूट जाती है। इससे डॉक्टरों को तेज और सटीक निर्णय लेने में मदद मिलेगी और मरीजों को समय पर बेहतर उपचार मिल सकेगा।
98 करोड़ की परियोजना, नई इमारत का होगा निर्माण
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए पीजीआई की गवर्निंग बॉडी ने 98 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। नई इमारत परिसर में नशा मुक्ति केंद्र के पास बनाई जाएगी। छह मंजिला इस विस्तार भवन में चार अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर शामिल होंगे, जिससे आंखों से जुड़ी सर्जरी की क्षमता में भी बड़ा इजाफा होगा।
पुराने टेलीमेडिसिन सिस्टम से बिल्कुल अलग होगी नई तकनीक
पीजीआई के एडवांस आईकेयर सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक यह नया मॉडल मौजूदा टेलीमेडिसिन सिस्टम से पूरी तरह अलग होगा। पहले जांच के लिए फंडस कैमरा जैसे महंगे उपकरण और प्रशिक्षित तकनीशियन की जरूरत पड़ती थी, लेकिन नई प्रणाली में मरीज सिर्फ अपने मोबाइल फोन से आंखों की तस्वीरें लेकर डॉक्टरों तक भेज सकेंगे। एआई इन तस्वीरों और लक्षणों के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगा और डॉक्टर तुरंत ऑनलाइन जांच शुरू कर सकेंगे।
ओपीडी की भीड़ कम करने में भी कारगर
गौरतलब है कि पीजीआई प्रशासन पहले ही ओपीडी में रोजाना उमड़ने वाली भीड़ को कम करने के लिए टेलीमेडिसिन का विस्तार कर चुका है। बार-बार फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों को अब घर बैठे इलाज की सुविधा दी जा रही है।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत एंडोक्राइनोलॉजी, गायनोकोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और पेन क्लिनिक जैसे विभागों में यह व्यवस्था शुरू की गई थी। पीजीआई के अनुसार ओपीडी में आने वाले कुल मरीजों में से करीब 70 प्रतिशत फॉलोअप मरीज होते हैं, जिन्हें अब टेली कंसल्टेशन के जरिए दवाइयों और सलाह की सुविधा मिल रही है।
मरीजों को होगा सीधा लाभ
पीजीआई प्रशासन का कहना है कि इस पहल से मरीजों को शहर तक यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, समय और खर्च दोनों की बचत होगी, साथ ही आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारियों की समय रहते पहचान और उपचार संभव हो सकेगा। यह मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीक आधारित बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।