Now compensation will be given in case of dog bite

हाई कोर्ट का आदेश: कुत्ते के काटने पर अब मिलेगा मुआवजा, ऐसी दुर्घटनाओं में मुआवजा निर्धारित करने के लिए समिति गठित करने का निर्देश

Now compensation will be given in case of dog bite

Now compensation will be given in case of dog bite

Now compensation will be given in case of dog bite- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मवेशियों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामले में मुआवजे का प्रावधान किया है। कुत्तों के काटने के मामलों में विशेष मुआवजा प्रावधान करने को कहा गया है। संबंधित मामलों में न्यूनतम वित्तीय सहायता 10 हजार रुपये प्रति दांत निशान के अनुरूप होगी। अगर मांस त्वचा से खींच लिया गया है तो यह न्यूनतम 20 हजार रुपये प्रति 0.2 सेमी घाव होगा। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि  राज्य मुख्य रूप से मुआवजे का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा और उसे राज्य की दोषी एजेंसियों/साधनों और/या निजी व्यक्ति, यदि कोई हो, से इसकी वसूली करने का अधिकार होगा।

कोर्ट ने कहा किअगर लावारिस जानवरों से कोई दुर्घटना होती है तो इसमें मुआवजा दिया जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ राज्यों को मवेशियों/ जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटना/ घटना के संबंध में मुआवजा निर्धारित करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश अनुसार लावारिस जानवरों में गाय, बैल, गधे, कुत्ते, नीलगाय, भैंस जैसे जानवर शामिल होंगे। जंगली, पालतू और निर्जन जानवर भी शामिल होंगे।

कुत्ता काटने पर न्यूनतम वित्तीय सहायता 10 हजार

कुत्ते के काटने से संबंधित मामलों में न्यूनतम वित्तीय सहायता 10 हजार रुपये प्रति दांत निशान के अनुरूप होगी। अगर मांस त्वचा से खींच लिया गया है तो यह न्यूनतम 20,000 रुपये प्रति 0.2 सेमी घाव होगा। हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि  राज्य मुख्य रूप से मुआवजे का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा और उसे राज्य की दोषी एजेंसियों/साधनों और/या निजी व्यक्ति, यदि कोई हो, से इसकी वसूली करने का अधिकार होगा।

जिले का डीसी होगा समिति का अध्यक्ष, कई अन्य मेंबर

हाईकोर्ट की ओर से जारी आदेशों के अनुसार समिति में अध्यक्ष के रूप में संबंधित जिले के उपायुक्त (डीसी) शामिल होंगे और इसके सदस्यों के रूप में एसपी/डीएसपी (यातायात), एसडीएम, जिला परिवहन अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी  प्रतिनिधि होंगे। कुछ अतिरिक्त सदस्य भी हो सकते हैं जिन्हें आवश्यकता के आधार पर शामिल किया जा सकता है। इनमें  जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी , जिला वन अधिकारी,   कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग (बी एंड आर) व  नगर निगमों/समितियों के अतिरिक्त आयुक्त/कार्यकारी अधिकारी/सचिव शामिल होंगे।

इन्हें करना होगा सूचित

हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि दुर्घटना राष्ट्रीय राजमार्ग पर घटित हुई है तो परियोजना निदेशक या उसके नामित व्यक्ति तथा जिस स्थल पर घटना/दुर्घटना घटित होने की सूचना है, उस कार्यान्वयन विभाग के कार्यकारी अधिकारी या उसके नामित व्यक्ति को सूचित किया जाएगा। कोर्ट के आदेशानुसार, संबंधित राज्यों में मृत्यु/स्थायी विकलांगता से संबंधित घटनाओं/दुर्घटनाओं के लिए उक्त समिति द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा संबंधित राज्यों में दर्ज दावों के लिए संबंधित राज्य की नीतियों में निर्धारण अनुसार होगा।

पंजाब की नीति अनुसार चंडीगढ़ में मुआवजे का निर्धारण

यूटी, चंडीगढ़ में दर्ज दावों के संबंध में, पंजाब की नीति के अनुसार  विस्तृत लाभ प्रदान किया जाएगा क्योंकि उक्त नीति में प्रस्तावित मुआवजा अधिक लाभदायक है।  प्राधिकरण मुआवजे को दो या दो से अधिक विभागों के बीच भी बांट सकता है जहां एक या अधिक ऐसे विभागों की भागीदारी है। उपरोक्त समिति द्वारा अपेक्षित दस्तावेजों के साथ दावा दायर किए जाने के चार महीने की अवधि के भीतर मुआवजा पारित किया जाएगा।

प्रधान सचिव के माध्यम से संबंधित विभागों को भेजी जाएगी मुआवजे की प्रति

जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने लावारिस जानवरों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के कारण पक्षों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुआवजा की प्रति प्रधान सचिव/सचिव या परियोजना निदेशक (एनएचएआई के मामले में) के माध्यम से संबंधित विभागों को भेजी जाएगी, जो मुआवजा/वित्तीय सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होंगे। उपरोक्त समिति द्वारा पारित मुआवजा  की प्रति प्राप्त होने के छह सप्ताह की अवधि के भीतर दावेदार को सहायता शीघ्रता से और अधिमानत: वितरित की जाती है। हाईकोर्ट की ओर से आदेश की प्रति प्रमुख सचिव (गृह) के साथ-साथ डीजीपी पंजाब और हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ को आवश्यक और त्वरित कार्रवाई/अनुपालन के लिए भेजने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर इस बाबत मामला न्यायालय में लंबित है तो भी तय समय मे मुआवजा देना होगा।