सड़कों और फुटपाथ खुले आम अतिक्रमण को नहीं हटा पा रहा नगर निगम

सड़कों और फुटपाथ खुले आम अतिक्रमण को नहीं हटा पा रहा नगर निगम

Chandigarh Municipal Corporation

Chandigarh Municipal Corporation

सड़कों और फुटपाथ खुले आम अतिक्रमण को नहीं हटा पा रहा नगर निगम

लोगों के मन में उठा सवाल आखिर कोई तो माजरा है जो नगर निगम है बेबस

स्कूली बच्चों को फुटपाथ पर चलने को नहीं मिलता रास्ता सरकारी अस्पताल की दीवार पर रेहड़ी फड़ी वाले सजाते है सामान
मनीमाजरा ।

Chandigarh Municipal Corporation: लोगों को सुविधा देने के लिए बनाई गई सड़क और उनके किनारे बनाए गए लाखों रुपये की लागत से फुटपाथ पर रात दिन रेहडी-फड़ी वालों ने अतिक्रमण करके कब्जा किया हुआ है। जिस कारण से मेन सड़क से गुजरने वाले वहां तो जाम में फंसते ही हैं साथ की साथ फुटपाथ पर चलने के लिए लोगों को जगह तक नहीं मिलती है। यही बस नहीं है यहां एक बड़े सरकारी स्कूल के सामने की सड़क के किनारे बन फुटपाथ पर कब्जा होने से स्कूली बच्चों को भी सड़क के निकलना पड़ा है, जोकि बहुत जोखिम भरा रहता है। इस सरकारी प्राइमरी हाई स्कूल में सूबह और शाम को दो शिफ्टों में बच्चे पढ़ने आते हैं । जिनको गेट के साथ बने फुटपाथ पर जगह ने मिलने के कारण मजबूरन सड़क पर से होकर स्कूल आना जाना पड़ता है वह भी तक स्कूल के बाहर गेट के साथ लगभग 15 से 20 फीट तक फुटपाथ चौड़ा फुटपाथ बना हुआ है। उसके बावजूद भी छोटे-छोटे नन्हे बच्चे और बच्चियों को फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं मिलती है। वजह वही है कि इन फुटपाथों पर रेहडी-फड़ी वालों ने अपना अड्डा लगाकर कारोबार किया हुआ है।

जिनको गेट के साथ बने फुटपाथ पर जगह ने मिलने के कारण मजबूरन सड़क पर से होकर स्कूल आना जाना पड़ता है वह भी तक स्कूल के बाहर गेट के साथ लगभग 15 से 20 फीट तक फुटपाथ चौड़ा फुटपाथ बना हुआ है। उसके बावजूद भी छोटे-छोटे नन्हे बच्चे और बच्चियों को फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं मिलती है। वजह वही है कि इन फुटपाथों पर रेहडी-फड़ी वालों ने अपना अड्डा लगाकर कारोबार किया हुआ है।

स्कूल के अलावा यहां बस स्टैंड के सामने बने सिविल अस्पताल की दीवार के पूरे अपनी दुकानदारी का सामान सजा कर यहां लोग दुकानदारी करते है। जिसको देखकर लगता है कि यहां नियम कानून न कोई चीज हीं नही है। जो सरकारी इमरातों और फुटपाथ पर इन लोगों का खुलेआम कब्जा है।

माड़ीवाला टाउन वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बॉबी शर्मा और महासचिव तेजिंदर कंकावाल का कहना है कि उन्होंने नगर निगम की कमिश्नर को पत्र लिखकर शांति नगर में लगने वाली रेहड़ी फड़ी और बस स्टैंड मनीमाजरा के सामने बनी सड़क पर दोनों तरफ हुए कब्जे को हटाने की मांग की है लेकिन पता नहीं क्या माजरा है। क्यों इन लोगों का हटाया जाता है। क्यों यह रेहड़ी-फड़ी वाले नगर निगम के सभी अधिकारियों के चाहते बने हुए। जबकि इन के कारण पूरे शहर के लोग और बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं पैदल चलने के लिए रास्ता न मिलने पर धक्के खा रहे हैं।

लेकिन यह नगर निगम के किसी भी अधिकारी को दिखाई नहीं देता। यह कारण है कि इन रेहड़ी फड़ी क्यों यहां से उठाया नहीं जाता है । वह भी तब जब शहर के लोग स्थानीय एसोसिएशन और सामजसेवी लोगों अतिक्रमण हटाने के लिए बार-बार नगर निगम के अधिकारियों को पत्र लिख कर मांग करते चले आ रहे है। यहीं बस नहीं इस रेहड़ी फड़ी को फुटपाथ और सड़कों से हटाने के लिए मनीमाजरा व्यापार मंडल के प्रधान मलकीत सिंह ने हाई कोर्ट में केस भी किया हुआ है।

लेकिन इतना सब होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी, अतिक्रमण हटाओ दस्ते के कर्मचारी इनको हटाना तो दूर इनकी तरफ देखते तक नहीं है। मनीमाजरा के लंबरदार व समाजसेवी मनजीत सिंह बाबा का कहना है कि यहां पर 100 से ऊपर रेहडी-फड़ी वाले बैठे हैं उनमें से सिर्फ 40 लोगों के पास लाइसेंस है बाकी लोग बिना लाइसेंस के अवैध रूप से बैठे हैं। इनमें भी अब दो ग्रुप बन गए हैं इनमें से लाइसेंस वालों ने नगर निगम की कमिश्नर को पत्र लिख कर कहा कि यहां पर कुछ लोग बिना लाइसेंस यह बैठ कर फड़ी लगा रहे है। जिनकी जांच करके उनको यहां से उठाए जाने की मांग की है। उसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी और अतिक्रमण दस्ता हाथ पर रहता रख कर बैठा है। जबकि बिना लाइसेंस वाले भी यहां धड़ल्ले से अपनी फड़ी लगाकर बैठे हैं। आखिर यह माजरा समझ पर है कि उनको क्यों नगर निगम ने यहां बैठने की परमिशन दे रखी है जिनके पास लाइसेंस नहीं है।

वही दूसरे गुट के लोगों ने सीधे-सीधे दो लोगों का नाम लिखाकर उनके खिलाफ मनीमाजरा थाना प्रभारी को पत्र लिखकर शिकायत दी है वह पैसे इकट्ठा करते हैं। इतना सब कुछ खुलेआम होने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी हाथ पैर हाथ रखकर बैठा है। क्यों इस रेहड़ी फड़ी को यहां से हटाकर यहां के शहर की सड़कों और फुटपाथ को खाली करवाया जा रहा है।

मनजीत सिंह बाबा का कहना है कि अगर लाइसेंस वाले नगर निगम को माहकी फीस भरते हैं तो उनको नगर निगम ने बाकायदा पहले आईटी पार्क में वेंडर जोनन बना कर दिया था वहां या लोग गए नहीं है तो नगर निगम की लाचारी है, क्योंकि लाखों रुपये लगाकर वहां वेंडर जाने बनाया है। वहीं नगर निगम ने यह भी घोषणा कि थी कि मनीमाजरा में बरसाती नाले के पुल के ऊपर एक वेंडर जोन और एक चिल्ड्रन पार्क के पीछे वेंडर जोन बना कर दिया जाएगा, तो नगर निगम क्यों नहीं इन जगहों पर वेंडर जोन बनाया और रेहड़ी फड़ी वालों को वहां क्यों नही बिठाया ।
 इस तरह क्यों नगर निगम इन रेहड़ी फड़ी वालों का सड़कों से फुटपाथ और चौराहे पर अतिक्रमण बर्दाश्त कर रही है। आखिर क्या माजरा है कि लोगों को राणा हवेली के सामने वाले चौराहे से अतिक्रमण के चलते निकलने को जगह नहीं मिलती, शांति नगर की सड़क पर लगने वाली अवैध मंडी के कारण शाम को निकलना को रास्ता नहीं मिलता, उसके बाद नगर निगम आंखें क्यों बंद करके बैठा है, लोगों के मन में सवाल है कि आखिर माजरा क्या है।

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