Camp factionalism increased with ticket aspirations

Chandigarh: टिकट की आकांक्षाओं के साथ बढ़ी खेमेबाजी- खुद मुखत्यार होने लगे भाजपा के नेता

Camp factionalism increased with ticket aspirations

Camp factionalism increased with ticket aspirations

Camp factionalism increased with ticket aspirations- चंडीगढ़। ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनावों का समय पास आ रहा है, भाजपा नेताओं में चंडीगढ़ से चुनाव में टिकट को लेकर आकांक्षाएं भी बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ ही पार्टी में एक अलग तरह की खेमेबाजी भी शुरू हो गई है। खुद को दूसरे से ऊपर दिखाने की कवायद में भाजपा के वरिष्ठ नेता हर पैंतरा आजमा रहे हैं। भाजपा के पूर्व प्रधान और वरिष्ठ नेता अरुण सूद ने सेक्टर 37 में अपना अलग कार्यालय खोलने का फैसला किया है जिसका मंगलवार शाम को उद्घाटन भी हो गया। भाजपा प्रधान जतिंदर पाल मल्होत्रा को इस कार्यालय के उद्घाटन के लिये बुलाया गया था लेकिन वह नहीं गये।

मीडिया को भेजे निमंत्रण पत्र में उद्घाटन करने के लिए उनका नाम लिखा गया था लेकिन विवाद बनता देख वह वहां पहुंचे ही नहीं। कार्यालय खोलने का फैसला अरुण सूद ने खुद लिया या किसी के इशारे पर, यह तो समय बतायेगा लेकिन इसे पार्टी में फैली खेमेबाजी से जोड़ कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि पार्टी के सामने यह एक तरह से अपना शक्ति प्रदर्शन है। इसके जरिये ये दिखाने की कोशिश है कि उनके साथ ज्यादा कार्यकर्ता जुड़े हैं।

अरुण सूद के अलग कार्यालय खोलने को लेकर दबी जुबान में पार्टी के ही नेता व लोग सवाल उठा रहे हैं। उनकी दलील है कि अलग से समानांतर कार्यालय खोलना किसी भी सूरत में जायज नहीं है। अगर लोगों की समस्याएं सुननी हैं तो यह काम भाजपा कार्यालय में बैठकर भी हो सकता है। भाजपा के प्रधान जतिंदर पाल मल्होत्रा के समानांतर अलग व्यवस्था चलाना सही फैसला नहीं है। मिलजुल कर पार्टी की लाइन पर काम करना चाहिए।

यहां ये भी बताना लाजिमी है कि भाजपा के भीतर लोकसभा का टिकट चाहने वाले कई वरिष्ठ नेता हैं। टिकट के चक्कर में पार्टी के भीतर कई गुट बने हुए हैं। हर कोई अपने तरीके से भाजपा हाईकमान को शक्ति प्रदर्शन कर अपना जलवा दिखा रहा है। यही खेमेबाजी भाजपा को जबरदस्त नुकसान पहुंचा सकती है।

हर बंदे का अपना विवेक: जतिंदर मल्होत्रा

भाजपा के अध्यक्ष जतिंदर मल्होत्रा से समानांतर कार्यालय को लेकर जब पूछा गया उन्होंने कहा कि हर बंदे का अपना विवेक है। पार्टी ने उन्हें कहा है कि बतौर प्रधान कोर्डीनेशन करो और वह ये काम जी जान से करने की कोशिश कर रहे हैं। अरुण सूद का कोई पर्सनल एजेंडा हो सकता है जो वह अपना ऑफिस खोल रहे हैं। उनसे जब पूछा गया कि क्या वे अरुण सूद के कार्यालय के उद्घाटन पर जायेंगे तो उन्होंने उलट सवाल किया कि अरुण सूद जो कार्यालय खोल रहे हैं, उसके भेजे न्यौते में उन्होंने उनका कहां नाम लिखा है? जब उन्हें अरुण सूद का निमंत्रण पढक़र सुनाया गया जिसमें उनका भी नाम था तो उन्होंने कहा कि भाजपा का केवल सेक्टर 33 में कार्यालय है। ये कार्यालय गुलाटी भवन के बराबर में है। यह न एक इंच लेफ्ट और न एक इंच राइट हो सकता है। वह सभी को साथ लेकर काम कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार जतिंदर पाल मल्होत्रा अरुण सूद के कार्यालय का उद्घाटन करने भी नहीं पहुंचे।

मेरा घर छोटा, वहां कार्यकर्ताओं को नहीं मिल सकता:अरुण सूद भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद सेक्टर 37 में भले ही नया कार्यालय खोलने को लेकर कुछ सफाई दें लेकिन पार्टी और नेताओं के भीतर इसको लेकर नकारात्मक संदेश गया है। दबी जुबान में ये कहना है भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं का। पार्टी के साथ बंधे ये नेता भले ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहने से बच रहे हों लेकिन कहीं न कहीं उनके दिल में अरुण सूद के इस कदम से टीस उठी कि लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए अलग से कार्यालय खोलना सही कदम नहीं है। उधर अरुण सूद इसको लेकर सफाई दे रहे हैं कि वह दस मरले के घर में रहते हैं जहां जगह काफी कम है और खुद के बैठने की जगह भी नहीं है। साधारण से साधारण लोग भी उन्हें अपने काम के लिये मिलने आते हैं। पिता डाइमेंशिया के मरीज हैं और पत्नी वर्किंग है लिहाजा घर में इन लोगों को बिठाने व आवाभगत करने में दिक्कत पेश आती है। घर छोटा पड़ रहा था लिहाजा एक दोस्त ने सेक्टर 37 डी में कार्यालय खोलने का ऑफर दिया। कई वरिष्ठ नेताओं के पास अपना सरकारी या पर्सनल कार्यालय है जहां लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं। पूर्व सांसद सतपाल जैन और सांसद किरण खेर के पास अपना कार्यालय है। उन्होंने कार्यालय खोल लिया तो समस्या कहां। अरुण सूद ने कहा कि वह भाजपा के अनुशासित सिपाही हैं। पार्टी की ही लाइन पर चल रहे हैं। जब अध्यक्ष थे तो भाजपा कार्यालय में बैठते थे और समस्याएं निपटाते थे। अब यहां आम लोगों की समस्याओं को देखूंगा।

मैं दो दिन से शिमला में, मुझे शहर में हो रही घटना का नहीं पता:सतपाल जैन

भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद और वर्तमान में एडीशनल एडवोकेट जनरल सतपाल जैन से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह पार्टी के काम के सिलसिले में फिलहाल दो दिन से शिमला में हैं। हाईकोर्ट में चीफ पार्लियामेंट्री सेक्रेट्री के मामले को लेकर सुनवाई है। उन्हें इस प्रकरण बारे मालूम नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व महामंत्री चंद्रशेखर का भी कहना है कि जो जतिंदरपाल मल्होत्रा का वक्तव्य है, वही उनका कहना है। किसी नेता का दफ्तर खोलना उनका फैसला हो सकता है। इसे पार्टी के समानांतर कार्यालय कहना गलत है। भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता व महामंत्री रामबीर भट्टी ने भी प्रकरण पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

टंडन का टिप्पणी से इनकार

भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय टंडन से जब इस कथित समानांतर कार्यालय के संदर्भ में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।