कृषि उद्योग में नई क्रांति लेकर आ रही है मिलेट क्रांति

कृषि उद्योग में नई क्रांति लेकर आ रही है मिलेट क्रांति

कृषि उद्योग में नई क्रांति लेकर आ रही है मिलेट क्रांति

कृषि उद्योग में नई क्रांति लेकर आ रही है मिलेट क्रांति

मोटे अनाजों की ओर किसानों को जागरूक किया जाएगा।

हर मिनट आपका ख्याल रखेगा मिलेट्स -मिलेट गर्ल श्रेया 
विश्व के सत्तर से ज्यादा देश अपनाएंगे मिंलेट्स-श्रेया
मिलेट क्रांति समय की मांग - डॉ  रमणीक शर्मा

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री सीएम मनोहर लाल खट्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मिलेट गर्ल और डायटीशियन श्रेया की एनजीओ आहारिका ने एक नया कदम बढ़ा दिया है। वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर श्रेया का यह एक नया इनीशिएटिव है। 
10 वर्षों में लाखों डायबिटीज के मरीजों के खानपान पर स्टडी कर चुकी डायटिशियन श्रेया ने निष्कर्ष निकाला है कि हमें 1960 की हरित क्रांति से पहले प्रचलित मोटे अनाजों पर वापस जाना ही पड़ेगा। तभी हम नॉन कम्युनिकेबल डिजीज से बच सकेंगे या उनको रिवर्स कर पाएंगे।  
श्रेया ने कहा कि सारी समस्या हमारे खानपान की है। जब तक हम अपना खाना और लाइफ स्टाइल नहीं बदलते तब तक लाइफ़स्टाइल डिसऑर्डर हमारा पीछा नहीं छोड़ेंगे। यह कहना है मिलेट गर्ल  डाइटिशियन श्रेया का जोकि आहारिका एनजीओ के द्वारा अंडरप्रिविलेज्ड नागरिकों को  वर्षों  से मिलेट्स  की खिचड़ी गुड़ चने बांटकर ,पोषण में मदद कर रही हैं।
श्रेया ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से अनाज में बदलाव कर डायबिटीज बचाने व रिवर्स करने में सफल रही हैं। वह मिलट मैन ऑफ इंडिया डॉक्टर खादर वली से प्रेरित हैं। श्रेया ने उन्होंने मिलेट और ऑर्गेनिक सुपर फूड की मदद से डायबिटीज को भारत से उखाड़ फेंकने का बीड़ा लिया  है ।
वर्ल्ड हेल्थ डे पर मिलेट्स की कई रेडी टू इट प्रोडक्ट भी लांच किए गए। इस मौके पर मौजूद श्रेया ने कहा कि कई लोग मिलेट्स न मिलने या फिर पकाने के लंबे वक्त व स्वाद न होने की वजह से भी मिलेट्स नहीं अपना पाते हैं। खासतौर से बच्चे और गर्भवती महिलाएं। इसीलिए हमने सभी के लिए रेडी टू इट मिलेट्स के पफ,  बिस्किट लांच किए हैं।
श्रेया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस की इस बार की थीम ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य’ है। हमारे स्वास्थ्य में पृथ्वी का खास योगदान है। इसीलिए अपनी धरती को स्वस्थ्य रखना जरूरी है। श्रेया ने कहा कि अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल 13 मिलियन से अधिक मौतें पर्यावरणीय कारणों से होती हैं। इसमें जलवायु संकट शामिल है जो मानवता के सामने सबसे बड़ा स्वास्थ्य खतरा है। 
श्रेया ने बताया कि नान कम्युनिकेबल डिसीज़ भी  विश्व भर में मृत्यु का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट कहती है कि 2019 तक भारत में डायबिटीज के करीब 77 मिलियन मरीज हैं जिनकी संख्या 20 से 30 तक 101 मिलियन हो सकती है तो 2045 तक यह आंकड़ा 134 पॉइंट 2 मिलियन को छू सकता है।

एसे आएगा बदलाव
गत दिवस हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम दिए अपने ज्ञापन में आहारिका की श्रेया ने मुख्य रूप से चार मुद्दों को हाईलाइट किया है 
जिसमें उत्तर भारत में मिलेट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना
लगातार पानी के गिरते हुए स्तर व बंजर हो रही जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने के उद्देश्य से मिनट या मोटे अनाज की खेती के लिए किसान भाइयों को जागरूक करना व पूरी ट्रेनिंग व सहयोग करना ।
किसानों द्वारा मिलट की फसल को हरियाणा सरकार द्वारा बताए गए मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत खरीदना
मिलेटस की भिन्न-भिन्न रेसिपीज पर रिसर्च करना व उनको पेटेंट करवा कर विश्व भर में मिलेट्स का प्रचार व प्रसार करना।