Mandi's Eleventh Rudra Temple, where 11 Shivlings are worshipped.

मंडी का एकादश रुद्र मंदिर, जहां होती है 11 शिवलिंगों की पूजा

shiv temple

Mandi's Eleventh Rudra Temple, where 11 Shivlings are worshipped.

छोटी काशी मंडी में इस बार शिवरात्रि महोत्सव 25 फरवरी तक मनाया जाएगा। ब्यास नदी के घाट पर स्थित प्राचीन एकादश रूद्र मंदिर में शिवरात्रि महोत्सव के एक  सप्ताह पूर्व ओम नमः शिवाय का अखंड जाप किया गया । मंडी के ज़िलाधीश ने 12 फरवरी की  सुबह  दीप प्रज्वलित कर इसका शुभारंभ कर दिया है। इस दौरान 12 फरवरी से 18 फरवरी तक मंदिर में अखंड ज्योति दिन-रात जलती रही। और ओम नमः शिवाय का जाप भी हुआ .

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मंडी अपने प्राचीन मंदिरों और देव संस्कृति के लिए मशहूर

.मंडी अपने प्राचीन मंदिरों और देव संस्कृति के लिए मशहूर है। मंडी में रियासत काल से शिवरात्रि महोत्सव मनाया जाता है। जिसमें जनपद के सभी देवता देवी देवता ढोल नगाड़ों के साथ शिवरात्रि महोत्सव में पहुंचते है।  छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी  में 80 के करीब मंदिर हैं।  जिनमें अधिकतर मंदिर भोलेनाथ के हैं।  भगवन शिव की इस नगरी मंडी में  ब्यास नदी के तट पर एक ऐसा मंदिर मौजूद है, जिसमें एक साथ 11 शिवलिंगों की पूजा होती है और यह मंदिर है। एकादश रूद्र महादेव मंदिर यानी  एक साथ 11 शिवलिंग वाला ये मंदिर देश का दूसरा ऐसा मंदिर है. 

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 350 वर्ष पूर्व राजा साहिब सेन ने बनवाया मंदिर 

मंदिर  सनातन पद्धति पंचदेव  पर बनाया गया. ब्यास नदी के तट पर बने इस मंदिर के निर्माण की बात की जाए तो इतिहासकार निर्माण को लेकर एकमत नहीं हैं .मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव एकादश रूद्र महादेव के रूप में स्थापित हैं . मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर चार मंदिर स्थित है। इनमें पहला मंदिर सूर्य देव, दूसरा श्री गणेश, त्रिपुरा सुंदरी व चौथा भगवान सत्यनारायण का मंदिर है.मंदिर के पुजारी स्वामी अखंडानंद के अनुसार मंदिर 350 वर्ष पूर्व राजा साहिब सेन ने बनवाया था। वहीं जनपद में प्रचलित किवदंती के अनुसार यह मंदिर राजा विजय सेन की माता साहबनी ने साहिबा ने बनवाया था। पंचदेव उपासना पद्धति का यह मंदिर पंचायत शैली के आधार पर बनाए गया है। जिसमें परिक्रमा मार्ग पर 4 मंदिर, तोरण द्वार, मंडप व गर्भगृह स्थापित है।